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चम्बा , 05 मई [ शिवानी ] ! आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर्स यूनियन संबंधित सीटू की जिला कमेटी की बैठक यूनियन की जिला अध्यक्षा श्रीमती चंपा देवी की अध्यक्षता में चम्बा में संपन्न हुई। बैठक में आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर की समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। यूनियन ने कहा की लंबे समय से विवाह की ओर से स्टेशनरी नहीं दी जा रही है जिसके चलते आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जेब से पैसा खर्च करके रजिस्टर वाह अन्य सामग्री खरीदनी पड़ रही है उन्होंने कहा कि जब से आंगनवाड़ी का काम ऑनलाइन हुआ है तब से कुछ रजिस्टर जो विभाग की ओर से मिलने चाहिए थे जैसे आंगनवाड़ी स्तर पर पोषण, मॉनिटरिंग, किशोरियों संबंधी, व गांव लेवल की कमिटी का रिकॉर्ड ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी बनाना पड़ता है जिसके लिए उन्हें खुद ही रजिस्टर खरीदने पड़ रहे हैं। इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया बहुत कम है जिसको बढ़ाने की मांग विभाग से कई बार की गई परंतु इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया और इसको लेकर आंगनवाड़ी कर कार्यकर्ताओं को मकान मालिक को की बातों को सुनना पड़ता है विभाग तुरंत आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया बढ़ाएं जो केंद्र किराए के मकान में चल रहे हैं। दूसरी तरफ यूनियन ने कहा की कई आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर रिटायर हो रहे हैं मगर सरकार किसी भी तरह का लाभ उनको नहीं दे रही है मीटिंग को सीटू महासचिव वह सेतु जिला अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा की सीटू से संबंधित यूनियन सुप्रीम कोर्ट में ग्रेच्युटी का केस जीते हैं। जिसका फैसला आए हुए 25 अप्रैल को पूरा 1 वर्ष हो गया यूनियन की ओर से सरकार को इस बारे में कई बार पत्र के माध्यम से वह सरकार के मंत्री व विभागाध्यक्ष से मिलकर इस संबंध में अवगत कराया गया परंतु यह बड़े खेद का विषय है कि केंद्र की सरकार इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रही है और किसी भी तरह का कोई आदेश या निर्देश राज्य सरकारों को नहीं दे रही है। जिसके चलते राज्य सरकारें अपना पल्ला झाड़ कर केंद्र सरकार पर बात डाल रही है जिसका परिणाम यह है की सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बावजूद भी प्रदेश में बारिश में सेवानिवृत्त हो रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को इसका कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है जिसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार जिम्मेवार हैं। यूनियन ने कहा कि आने वाले समय में इस मामले को राज्य सरकार के समक्ष भी उठाया जाएगा और इस पर आंदोलन भी किया जाएगा। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने यूनियन को मजबूत करने और संघर्ष करने का आवाहन आव्हान भी किया। उन्होंने कहा कि बिना संगठन को मजबूत किए आगे नहीं बढ़ा जा सकता इसलिए आने वाले समय में जिला कमेटी ने तय किया है की प्रोजेक्ट लेवल की कमेटी को मजबूत किया जाएगा सदस्यता को बढ़ाया जाएगा और आंगनवाड़ी की मांगों को लेकर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे भेदभाव शोषण के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी और संघर्ष किया जाएगा। बैठक में यूनियन की उपाध्यक्षा कंचन सचिव आशा कोषाध्यक्ष अंजू देवी सरोज देवी गुड्डी देवी सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 05 मई [ शिवानी ] ! आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर्स यूनियन संबंधित सीटू की जिला कमेटी की बैठक यूनियन की जिला अध्यक्षा श्रीमती चंपा देवी की अध्यक्षता में चम्बा में संपन्न हुई। बैठक में आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर की समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
यूनियन ने कहा की लंबे समय से विवाह की ओर से स्टेशनरी नहीं दी जा रही है जिसके चलते आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जेब से पैसा खर्च करके रजिस्टर वाह अन्य सामग्री खरीदनी पड़ रही है उन्होंने कहा कि जब से आंगनवाड़ी का काम ऑनलाइन हुआ है तब से कुछ रजिस्टर जो विभाग की ओर से मिलने चाहिए थे जैसे आंगनवाड़ी स्तर पर पोषण, मॉनिटरिंग, किशोरियों संबंधी, व गांव लेवल की कमिटी का रिकॉर्ड ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी बनाना पड़ता है जिसके लिए उन्हें खुद ही रजिस्टर खरीदने पड़ रहे हैं।
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इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया बहुत कम है जिसको बढ़ाने की मांग विभाग से कई बार की गई परंतु इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया और इसको लेकर आंगनवाड़ी कर कार्यकर्ताओं को मकान मालिक को की बातों को सुनना पड़ता है विभाग तुरंत आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया बढ़ाएं जो केंद्र किराए के मकान में चल रहे हैं।
दूसरी तरफ यूनियन ने कहा की कई आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर रिटायर हो रहे हैं मगर सरकार किसी भी तरह का लाभ उनको नहीं दे रही है मीटिंग को सीटू महासचिव वह सेतु जिला अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा की सीटू से संबंधित यूनियन सुप्रीम कोर्ट में ग्रेच्युटी का केस जीते हैं।
जिसका फैसला आए हुए 25 अप्रैल को पूरा 1 वर्ष हो गया यूनियन की ओर से सरकार को इस बारे में कई बार पत्र के माध्यम से वह सरकार के मंत्री व विभागाध्यक्ष से मिलकर इस संबंध में अवगत कराया गया परंतु यह बड़े खेद का विषय है कि केंद्र की सरकार इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रही है और किसी भी तरह का कोई आदेश या निर्देश राज्य सरकारों को नहीं दे रही है।
जिसके चलते राज्य सरकारें अपना पल्ला झाड़ कर केंद्र सरकार पर बात डाल रही है जिसका परिणाम यह है की सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बावजूद भी प्रदेश में बारिश में सेवानिवृत्त हो रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को इसका कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है जिसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार जिम्मेवार हैं।
यूनियन ने कहा कि आने वाले समय में इस मामले को राज्य सरकार के समक्ष भी उठाया जाएगा और इस पर आंदोलन भी किया जाएगा। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने यूनियन को मजबूत करने और संघर्ष करने का आवाहन आव्हान भी किया।
उन्होंने कहा कि बिना संगठन को मजबूत किए आगे नहीं बढ़ा जा सकता इसलिए आने वाले समय में जिला कमेटी ने तय किया है की प्रोजेक्ट लेवल की कमेटी को मजबूत किया जाएगा सदस्यता को बढ़ाया जाएगा और आंगनवाड़ी की मांगों को लेकर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे भेदभाव शोषण के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी और संघर्ष किया जाएगा।
बैठक में यूनियन की उपाध्यक्षा कंचन सचिव आशा कोषाध्यक्ष अंजू देवी सरोज देवी गुड्डी देवी सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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