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चम्बा, 26 अगस्त, [ रीना सहोत्रा ] ! हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ जिला चंबा ने केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना को संशोधित कर यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना का रूप दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बेशक कर्मचारी संगठनों की निरंतर बढ़ रही मांग के मध्यनजर केंद्र सरकार एक कदम आगे बढ़ी हैं परंतु देश तथा प्रदेश के कर्मचारी केवल और केवल पुरानी पेंशन बहाली ही चाहते है। वर्तमान समय में जब नौकरी 35-40 वर्ष की आयु तक ही मिलती है उस हालात में 25 वर्ष का सेवाकाल बहुत कम कर्मचारी पूरा कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त यह पेंशन भी राष्ट्रीय पेंशन की तरह सरकार द्वारा नहीं बल्कि निजी संस्था के द्वारा संचालित होगी जिसके कारण कर्मचारियों में सदैव भय तथा असुरक्षा बनी रहेगी। यूनिफाइड पेंशन में अर्धसैनिक बलों तथा अस्थाई रूप से सेवाओं पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को अत्यधिक हानि होगी। रिटायर मेंट पर 25 साल की रेगुलर सेवा के बाद ही मिलेगी 50% अंतिम मूल् वेतन की पेंशन व डी ए की बात कही जा रही है। जबकि 25 वर्षों तक जमा पूंजी जिसमें 10% कर्मचारी अंशदान और 18.5% सरकारी अंशदान सरकार को देना होगा तभी UPS में मूल् वेतन के 50% +DA के बराबर पेंशन मिलेगी। 25 वर्ष से कम अवधि पर यह फार्मूला लागू नहीं होगा 10 साल की सेवा पर केवल मात्र ₹10000 मिलेंगे। यूनिफाइड पेंशन स्कीम का पुरानी पेंशन स्कीम से किसी भी तरह मुकाबला नहीं है जिसमें कर्मचारियों को अंशदान नहीं होता तथा कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार जीएफ अकाउंट में अपने सेविंग को रखता है। पूरे देश में कर्मचारी इस स्कीम को कभी नहीं अपनाएंगे जो लगातार पुरानी पेंशन स्कीम के लिए संघर्ष कर रहे हैं । हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम पूरी तरह से लागू है जिसके लिए माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए कर्मचारी वर्ग सदैव आभारी रहेगा। जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल , जिला महासचिव विजय शर्मा, कोषाध्यक्ष व्यासदेव , राज्य उपाध्यक्ष उत्तम चंद, राज्य प्रचार सचिव अमित जरियाल राज्य प्रवक्ता ओम आजाद, राज्य सलाहकार संजीव अत्रि, राज्य पदाधिकारियों विनोद और मोहिंदर शर्मा महिला विंग जिला अध्यक्ष रचना महाजन, जिला महासचिव महिला विंग श्रेष्ठा शर्मा जिला कोषाध्यक्ष महिला विंग कृष्णा कोहली राज्य उपाध्यक्ष महिला विंग सुषमा चौहान खंड आईटी सेल प्रभारी भगत राम और रजनी खंड अध्यक्षों में भरमौर अध्यक्ष परषोतम वर्मा गैहरा अध्यक्ष सुभाष चंद् चुराह अध्यक्ष कर्म चंद कल्हेल अध्यक्ष मुकेश शर्मा चंबा सदर अध्यक्ष विशाल मियां हरदासपुरा अध्यक्ष नरेंद्र कुमार कियानी अध्यक्ष रविन्द्र ठाकुर सलूनी अध्यक्ष दूनी चंद सुंडला अध्यक्ष संजय कुमार बनीखेत अध्यक्ष संजय वर्मा सिहुंता अध्यक्ष इन्द्र सिंह,गरोला अध्यक्ष अश्विनी कुमार गैहरा अध्यक्ष ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केंद्र हो अथवा अन्य राज्य की सरकारे सभी को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बहाल की गई पुरानी पेंशन का मॉडल हो अपनाना होगा तभी कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर सुरक्षा बनी रहेगी। जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि ओपीएस मे कर्मचारी को कोई अंशदान अपने वेतन से नहीं करना पड़ता जबकि एनपीएस ओर यूपीएस में अपने वेतन से 10% देना पड़ेगा । ओपीएस में 10 साल बाद आपको 50%पेंशन डीए के साथ मिलेगी जबकि यूपीएस में इसे 25 साल की सेवा के बाद दिया जाएगा वो भी तब जब कर्मचारी अपनी और सरकार का जमा अंशदान सरकार को दे देगा तो l यूपीएस कर्मचारियों के साथ एक और धोखा किया जा रहा है l अगर माननीय प्रधान मंत्री जी को यूपीएस इतनी अच्छी और बेहतर लगी है तो वो सबसे पहले इसे अपने ऊपर लागू करें l अपने सभी सांसदों पर लागू करें l अन्यथा एक देश एक संविधान और पेंशन का भी एक प्रावधान बनाएं l कर्मचारियों के लिए कभी एनपीएस तो कभी यू पी एस अपने लिए केवल ओ पी एस ये बात कर्मचारियों को रास नहीं l महासंघ को अपने संघर्ष पर पूरा विश्वास है एक दिन पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाल होगी।
चम्बा, 26 अगस्त, [ रीना सहोत्रा ] ! हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ जिला चंबा ने केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना को संशोधित कर यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना का रूप दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बेशक कर्मचारी संगठनों की निरंतर बढ़ रही मांग के मध्यनजर केंद्र सरकार एक कदम आगे बढ़ी हैं परंतु देश तथा प्रदेश के कर्मचारी केवल और केवल पुरानी पेंशन बहाली ही चाहते है। वर्तमान समय में जब नौकरी 35-40 वर्ष की आयु तक ही मिलती है उस हालात में 25 वर्ष का सेवाकाल बहुत कम कर्मचारी पूरा कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त यह पेंशन भी राष्ट्रीय पेंशन की तरह सरकार द्वारा नहीं बल्कि निजी संस्था के द्वारा संचालित होगी जिसके कारण कर्मचारियों में सदैव भय तथा असुरक्षा बनी रहेगी।
यूनिफाइड पेंशन में अर्धसैनिक बलों तथा अस्थाई रूप से सेवाओं पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को अत्यधिक हानि होगी। रिटायर मेंट पर 25 साल की रेगुलर सेवा के बाद ही मिलेगी 50% अंतिम मूल् वेतन की पेंशन व डी ए की बात कही जा रही है।
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जबकि 25 वर्षों तक जमा पूंजी जिसमें 10% कर्मचारी अंशदान और 18.5% सरकारी अंशदान सरकार को देना होगा तभी UPS में मूल् वेतन के 50% +DA के बराबर पेंशन मिलेगी। 25 वर्ष से कम अवधि पर यह फार्मूला लागू नहीं होगा 10 साल की सेवा पर केवल मात्र ₹10000 मिलेंगे। यूनिफाइड पेंशन स्कीम का पुरानी पेंशन स्कीम से किसी भी तरह मुकाबला नहीं है जिसमें कर्मचारियों को अंशदान नहीं होता तथा कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार जीएफ अकाउंट में अपने सेविंग को रखता है। पूरे देश में कर्मचारी इस स्कीम को कभी नहीं अपनाएंगे जो लगातार पुरानी पेंशन स्कीम के लिए संघर्ष कर रहे हैं ।
हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम पूरी तरह से लागू है जिसके लिए माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए कर्मचारी वर्ग सदैव आभारी रहेगा। जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल , जिला महासचिव विजय शर्मा, कोषाध्यक्ष व्यासदेव , राज्य उपाध्यक्ष उत्तम चंद, राज्य प्रचार सचिव अमित जरियाल राज्य प्रवक्ता ओम आजाद, राज्य सलाहकार संजीव अत्रि, राज्य पदाधिकारियों विनोद और मोहिंदर शर्मा महिला विंग जिला अध्यक्ष रचना महाजन, जिला महासचिव महिला विंग श्रेष्ठा शर्मा जिला कोषाध्यक्ष महिला विंग कृष्णा कोहली राज्य उपाध्यक्ष महिला विंग सुषमा चौहान खंड आईटी सेल प्रभारी भगत राम और रजनी खंड अध्यक्षों में भरमौर अध्यक्ष परषोतम वर्मा गैहरा अध्यक्ष सुभाष चंद् चुराह अध्यक्ष कर्म चंद कल्हेल अध्यक्ष मुकेश शर्मा चंबा सदर अध्यक्ष विशाल मियां हरदासपुरा अध्यक्ष नरेंद्र कुमार कियानी अध्यक्ष रविन्द्र ठाकुर सलूनी अध्यक्ष दूनी चंद सुंडला अध्यक्ष संजय कुमार बनीखेत अध्यक्ष संजय वर्मा सिहुंता अध्यक्ष इन्द्र सिंह,गरोला अध्यक्ष अश्विनी कुमार गैहरा अध्यक्ष ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केंद्र हो अथवा अन्य राज्य की सरकारे सभी को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बहाल की गई पुरानी पेंशन का मॉडल हो अपनाना होगा तभी कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर सुरक्षा बनी रहेगी।
जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि ओपीएस मे कर्मचारी को कोई अंशदान अपने वेतन से नहीं करना पड़ता जबकि एनपीएस ओर यूपीएस में अपने वेतन से 10% देना पड़ेगा ।
ओपीएस में 10 साल बाद आपको 50%पेंशन डीए के साथ मिलेगी जबकि यूपीएस में इसे 25 साल की सेवा के बाद दिया जाएगा वो भी तब जब कर्मचारी अपनी और सरकार का जमा अंशदान सरकार को दे देगा तो l यूपीएस कर्मचारियों के साथ एक और धोखा किया जा रहा है l
अगर माननीय प्रधान मंत्री जी को यूपीएस इतनी अच्छी और बेहतर लगी है तो वो सबसे पहले इसे अपने ऊपर लागू करें l अपने सभी सांसदों पर लागू करें l अन्यथा एक देश एक संविधान और पेंशन का भी एक प्रावधान बनाएं l कर्मचारियों के लिए कभी एनपीएस तो कभी यू पी एस अपने लिए केवल ओ पी एस ये बात कर्मचारियों को रास नहीं l
महासंघ को अपने संघर्ष पर पूरा विश्वास है एक दिन पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाल होगी।
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