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चम्बा , 08 जून [ सुभाष महाजन ] ! चम्बा -बैरागढ़- साचपास-किलाड़ मार्ग शनिवार शाम 5:00 बजे के बाद छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल हो गया। हांलाकि, अभी मार्ग बड़े वाहनों के लिए बहाल नहीं हो पाया है। कयास लगाए जा रहे कि 20 जून के बाद ही मार्ग बड़ी गाड़ियों के लिए बहाल हो सकता है। प्रेगा स्थित कैंची मोड़ का 30 मीटर डंगा क्षतिग्रस्त होना इसकी मुख्य वजह है। लिहाजा, अब बैठे डंगे के स्थान पर नया डंगा लगने के बाद ही मार्ग पर बड़े वाहन सरपट दौड़ पाएंगे। लोक निर्माण विभाग के 24 कर्मचारी दिन रात डोजर, एलएनटी मशीन और जेसीबी के सहारे मार्ग को बहाल करने में जुड़े रहे। आखिरकार शनिवार शाम विभागीय कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई। छोटे वाहनों के लिए मार्ग बहाल हो जाने से अब जनजातीय क्षेत्र पांगी के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 650 से 700 किलोमीटर का सफर तय कर वाया जेएंडके, मनाली, पंजाब होकर चम्बा नहीं पहुंचना पड़ेगा। मार्ग बहाल हो जाने से चम्बा से वाया साच पास किलाड़ की दूरी करीब 172 किलोमीटर रहती है।
चम्बा , 08 जून [ सुभाष महाजन ] ! चम्बा -बैरागढ़- साचपास-किलाड़ मार्ग शनिवार शाम 5:00 बजे के बाद छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल हो गया। हांलाकि, अभी मार्ग बड़े वाहनों के लिए बहाल नहीं हो पाया है। कयास लगाए जा रहे कि 20 जून के बाद ही मार्ग बड़ी गाड़ियों के लिए बहाल हो सकता है।
प्रेगा स्थित कैंची मोड़ का 30 मीटर डंगा क्षतिग्रस्त होना इसकी मुख्य वजह है। लिहाजा, अब बैठे डंगे के स्थान पर नया डंगा लगने के बाद ही मार्ग पर बड़े वाहन सरपट दौड़ पाएंगे। लोक निर्माण विभाग के 24 कर्मचारी दिन रात डोजर, एलएनटी मशीन और जेसीबी के सहारे मार्ग को बहाल करने में जुड़े रहे।
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आखिरकार शनिवार शाम विभागीय कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई। छोटे वाहनों के लिए मार्ग बहाल हो जाने से अब जनजातीय क्षेत्र पांगी के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 650 से 700 किलोमीटर का सफर तय कर वाया जेएंडके, मनाली, पंजाब होकर चम्बा नहीं पहुंचना पड़ेगा। मार्ग बहाल हो जाने से चम्बा से वाया साच पास किलाड़ की दूरी करीब 172 किलोमीटर रहती है।
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