!!"चम्बा के एच टू ओ आनंदम चमीनू व पांगी के धऱवास में आयोजित हुए कार्यक्रम "!!
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चम्बा, 22 सितम्बर, [ रीना सहोत्रा ] ! आध्यात्मिक गुरु और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर के सतत हिमालय संकल्प को साकार करते हुए हिमालय उन्नति मिशन की ओर से विश्व नदी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आर्ट आफ लिविंग आवासीय गुरुकुल चमीनू गांव में आयोजित हुआ। इसमें 37 छात्रों और 12 स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नदियों के संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा. मोहिंदर सालारिया उपस्थित रहे, जो कि हिमालय क्षेत्र की नदियों से जुड़ी चुनौतियों पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने नदियों के संरक्षण के महत्व को बताते हुए सभी को प्रेरित किया। आर्ट ऑफ लिविंग के मीडिया प्रभारी मनुज शर्मा ने भी नदियों के महत्त्व और इससे जुड़े जरूरी पहलुओं पर अपने विचार रखें व सभी को नदी नालों की सफाई एवं सरंक्षण हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम में संग्रहालय के क्यूरेटर सुरिंदर ठाकुर, डा. हरीश, डा. अदिति, डा. काजल,डॉ कविता बिजलवान, मैजिक बस संस्था के सदस्य विजय कुमार, एच टू ओ हाउस की ओर से रेणु शर्मा, उषा शर्मा, विकास बुद्धी सिंह, सुरेंद्र,ज्योति, सुमनी, मगनदीप तनविंदर, नवींदर सिंह, नोट ऑन मैप की ओर से राजेश और आर्ट आफ लिविंग के स्वयंसेवकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे कार्यक्रम में ऊर्जा और उत्साह का माहौल बना रहा। कार्यक्रम के दौरान पौधारोपण अभियान, नदी संरक्षण पर विचार-विमर्श के साथ ही नदी पूजन का आयोजन किया गया। सभी प्रतिभागियों ने मिलकर पौधे रोपे और नदियों की सुरक्षा का संकल्प लिया। नदी पूजन के दौरान नदियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया, जिससे सभी ने यह महसूस किया कि नदियों का संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके साथ ही जिला के दूरदराज के उपमंडल पांगी के धरवास गांव के निवासियों ने भी पंचायत के जल स्रोतों की सफाई कर नदी दिवस मनाया। धरवास गांव अपने प्राचीन जल स्रोतों और सुरम्यी नदियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के निवासियों ने हिमालय उन्नति मिशन के साथ मिलकर स्थानीय जल स्त्रोतों की सफाई की, जिससे नदियों और जलस्रोतों के प्रति जागरूकता बढ़ी। यह प्रयास न केवल पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि समुदाय की एकता को भी दर्शाता है। कार्यक्रम नदियों के संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इसमें स्थानीय समुदाय और छात्रों ने मिलकर एकजुटता दिखाई। हिमालय उन्नति मिशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम ने सभी को नदियों की सुरक्षा के प्रति प्रेरित किया और आगे के प्रयासों के लिए एक ठोस आधार प्रदान किया।
चम्बा, 22 सितम्बर, [ रीना सहोत्रा ] ! आध्यात्मिक गुरु और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर के सतत हिमालय संकल्प को साकार करते हुए हिमालय उन्नति मिशन की ओर से विश्व नदी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आर्ट आफ लिविंग आवासीय गुरुकुल चमीनू गांव में आयोजित हुआ। इसमें 37 छात्रों और 12 स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नदियों के संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा।
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा. मोहिंदर सालारिया उपस्थित रहे, जो कि हिमालय क्षेत्र की नदियों से जुड़ी चुनौतियों पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने नदियों के संरक्षण के महत्व को बताते हुए सभी को प्रेरित किया। आर्ट ऑफ लिविंग के मीडिया प्रभारी मनुज शर्मा ने भी नदियों के महत्त्व और इससे जुड़े जरूरी पहलुओं पर अपने विचार रखें व सभी को नदी नालों की सफाई एवं सरंक्षण हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम में संग्रहालय के क्यूरेटर सुरिंदर ठाकुर, डा. हरीश, डा. अदिति, डा. काजल,डॉ कविता बिजलवान, मैजिक बस संस्था के सदस्य विजय कुमार, एच टू ओ हाउस की ओर से रेणु शर्मा, उषा शर्मा, विकास बुद्धी सिंह, सुरेंद्र,ज्योति, सुमनी, मगनदीप तनविंदर, नवींदर सिंह, नोट ऑन मैप की ओर से राजेश और आर्ट आफ लिविंग के स्वयंसेवकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे कार्यक्रम में ऊर्जा और उत्साह का माहौल बना रहा।
कार्यक्रम के दौरान पौधारोपण अभियान, नदी संरक्षण पर विचार-विमर्श के साथ ही नदी पूजन का आयोजन किया गया। सभी प्रतिभागियों ने मिलकर पौधे रोपे और नदियों की सुरक्षा का संकल्प लिया। नदी पूजन के दौरान नदियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया, जिससे सभी ने यह महसूस किया कि नदियों का संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
इसके साथ ही जिला के दूरदराज के उपमंडल पांगी के धरवास गांव के निवासियों ने भी पंचायत के जल स्रोतों की सफाई कर नदी दिवस मनाया। धरवास गांव अपने प्राचीन जल स्रोतों और सुरम्यी नदियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के निवासियों ने हिमालय उन्नति मिशन के साथ मिलकर स्थानीय जल स्त्रोतों की सफाई की, जिससे नदियों और जलस्रोतों के प्रति जागरूकता बढ़ी। यह प्रयास न केवल पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि समुदाय की एकता को भी दर्शाता है।
कार्यक्रम नदियों के संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इसमें स्थानीय समुदाय और छात्रों ने मिलकर एकजुटता दिखाई। हिमालय उन्नति मिशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम ने सभी को नदियों की सुरक्षा के प्रति प्रेरित किया और आगे के प्रयासों के लिए एक ठोस आधार प्रदान किया।
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