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चम्बा , 23 मार्च [ शिवानी ] ! आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने वक्तव्य दिया है की 21 मार्च 2025 को दिल्ली में आयोजित 'आप' पी ए सी की बैठक में हिमाचल प्रदेश का ज़िक्र न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस से हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता काफ़ी निराश हैं। मनीष ने कहा की पी ए सी की बैठक से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय सचिव से प्रदेश में पार्टी को आगे बढ़ाने के सम्बन्ध में मिला था परन्तु फिर भी पी ए सी बैठक में पार्टी की प्राथमिक्ताओं में हिमाचल प्रदेश कहीं दूर दूर तक नज़र नहीं आया। बड़ी हैरत की बात है की जहाँ पिछले 12 साल से पार्टी कार्यकर्ता हिमाचल प्रदेश में निरंतर संघर्षरत हैं वहीँ केंद्र नेतृत्व से प्रदेश की निरंतर अनदेखी की गई है। दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी के राष्ट्रिय संयोजक से मिलने का समय माँगा गया था परन्तु आज तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है। शायद यही कारण है की 12 साल बाद भी पार्टी हिमाचल प्रदेश में कुछ ख़ास मौजूदगी दर्ज नहीं करवा पाई है। मनीष ने कहा की 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिना संसाधनों के 67 उम्मीदवारों को अपने हाल पे छोड़ दिया। इसके बावजूद चुनाव के उपरांत पार्टी कार्यकर्ता सम्पूर्ण निष्ठा से प्रदेश में पार्टी को स्थापित करने के उपलक्ष्य से डटे रहे परन्तु पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उपेक्षा के अलावा कुछ नहीं मिला। मनीष ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को सचेत करते हुए कहा की यदि जल्द हिमाचल प्रदेश की ओर ध्यान न दिया गया तो बहुत देर हो जाएगी।
चम्बा , 23 मार्च [ शिवानी ] ! आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने वक्तव्य दिया है की 21 मार्च 2025 को दिल्ली में आयोजित 'आप' पी ए सी की बैठक में हिमाचल प्रदेश का ज़िक्र न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस से हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता काफ़ी निराश हैं।
मनीष ने कहा की पी ए सी की बैठक से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय सचिव से प्रदेश में पार्टी को आगे बढ़ाने के सम्बन्ध में मिला था परन्तु फिर भी पी ए सी बैठक में पार्टी की प्राथमिक्ताओं में हिमाचल प्रदेश कहीं दूर दूर तक नज़र नहीं आया।
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बड़ी हैरत की बात है की जहाँ पिछले 12 साल से पार्टी कार्यकर्ता हिमाचल प्रदेश में निरंतर संघर्षरत हैं वहीँ केंद्र नेतृत्व से प्रदेश की निरंतर अनदेखी की गई है। दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी के राष्ट्रिय संयोजक से मिलने का समय माँगा गया था परन्तु आज तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।
शायद यही कारण है की 12 साल बाद भी पार्टी हिमाचल प्रदेश में कुछ ख़ास मौजूदगी दर्ज नहीं करवा पाई है। मनीष ने कहा की 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिना संसाधनों के 67 उम्मीदवारों को अपने हाल पे छोड़ दिया।
इसके बावजूद चुनाव के उपरांत पार्टी कार्यकर्ता सम्पूर्ण निष्ठा से प्रदेश में पार्टी को स्थापित करने के उपलक्ष्य से डटे रहे परन्तु पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उपेक्षा के अलावा कुछ नहीं मिला। मनीष ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को सचेत करते हुए कहा की यदि जल्द हिमाचल प्रदेश की ओर ध्यान न दिया गया तो बहुत देर हो जाएगी।
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