!!"श्रमिकों के कल्याण के लिए कई योजनाओं के दिए सुझाव"!!
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शिमला, 09 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने आज नई दिल्ली में केंद्र सरकार के श्रम महानिदेशक एवं अतिरिक्त सचिव कमल किशोर सोन और श्रम निदेशक पीके जिन्ना से भेंट की। उन्होंने श्रम महानिदेशक को प्रदेश में श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कारगर कदम उठा रही है। उन्होंने श्रम महानिदेशक से श्रमिकों के बच्चों के लिए डे बोर्डिंग स्कूल और सुविधा केंद्रों की स्थापना करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के लिए बीओसीडब्ल्यू अधिनियम 1996 के तहत वित्त पोषण का प्रावधान किया जाए। उन्होंने बीओसीडब्ल्यू अधिनियम के तहत प्रशासनिक व्यय सीमा को 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का भी आग्रह किया ताकि इन कार्यक्रमों का अधिक प्रभावी कार्यान्वयन किया जा सके। श्री कंवर ने श्रमिकों और उनके आश्रितों को विशिष्ट और उन्नत स्तर का कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एजेंसियों को सूचीबद्ध करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने इन सुझावों के सफल क्रियान्वयन के लिए निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन का आग्रह किया। उन्होंने महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए श्रम महानिदेशक और श्रम निदेशक का आभार व्यक्त किया। श्रम महानिदेशक ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण के दौरान प्रदेश के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इस मौके पर वित्तीय अधिकारी नरेश चौहान भी उपस्थित थे।
शिमला, 09 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] !
हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने आज नई दिल्ली में केंद्र सरकार के श्रम महानिदेशक एवं अतिरिक्त सचिव कमल किशोर सोन और श्रम निदेशक पीके जिन्ना से भेंट की। उन्होंने श्रम महानिदेशक को प्रदेश में श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कारगर कदम उठा रही है।
उन्होंने श्रम महानिदेशक से श्रमिकों के बच्चों के लिए डे बोर्डिंग स्कूल और सुविधा केंद्रों की स्थापना करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के लिए बीओसीडब्ल्यू अधिनियम 1996 के तहत वित्त पोषण का प्रावधान किया जाए। उन्होंने बीओसीडब्ल्यू अधिनियम के तहत प्रशासनिक व्यय सीमा को 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का भी आग्रह किया ताकि इन कार्यक्रमों का अधिक प्रभावी कार्यान्वयन किया जा सके।
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श्री कंवर ने श्रमिकों और उनके आश्रितों को विशिष्ट और उन्नत स्तर का कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एजेंसियों को सूचीबद्ध करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने इन सुझावों के सफल क्रियान्वयन के लिए निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन का आग्रह किया। उन्होंने महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए श्रम महानिदेशक और श्रम निदेशक का आभार व्यक्त किया।
श्रम महानिदेशक ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण के दौरान प्रदेश के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इस मौके पर वित्तीय अधिकारी नरेश चौहान भी उपस्थित थे।
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