सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशे को ना, जिंदगी को हां कार्यक्रम का किया गया आयोजन बिलासपुर जिला के घुमारवीं में आयोजित इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजक, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बतौर मुख्यातिथि की शिरकत आईटीआई के छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने की दिलवाई शपथ मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा -जी एस टी कॉउंसिल की बैठक में उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष उठाए प्रदेश से जुड़े कईं अहम मुद्दे
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बिलासपुर , 23 दिसंबर ! सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशे को ना, जिंदगी को हां कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं बिलासपुर जिला के घुमारवीं में आयोजित इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजक, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और आईटीआई के छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने के लिए शपथ दिलाई, इसके पश्चात सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शपथ पत्र पर मंत्री राजेश धर्माणी ने हस्ताक्षर भी किये. वहीं नशा मुक्त बिलासपुर अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जहां एक ओर नशे से दूर के लिए आईटीआई के छात्रों को शपथ दिलवाई गयी है तो साथ ही नशे के मानसिक व शारीरिक दुष्प्रभावों सहित समाज व परिवार पर पड़ने वाले बुरे असर पर भी चर्चा की गई है जिसमें छात्रों ने ना केवल बढ़चढ़ कर भाग लिया अपितु अपने भाषणों के जरिये नशे से दूर रहने का संकल्प भी लिया है. साथ ही मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष प्रदेश से जुड़े कईं अहम मुद्दे उठाए हैं जिसमें मुख्यरूप से मई 2022 से बंद पड़े जीएसटी कंपनसेशन को मई 2027 तक करने की मांग की गई क्योंकि जीएसटी कंपनसेशन बंद होने प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है और आर्थिक विकास दर (टैक्स ग्रोथ रेट) 14 प्रतिशत था जो कि घटकर 5 से 7 प्रतिशत तक रह गया है, जिसे केवल कंजमशन के साथ ही ना जोड़ा जाए बल्कि प्रोडक्शन के साथ जोड़ा जाए ताकि प्रदेश कर दूर दराज क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिल सके और प्रदेश में लगे उद्योगों का लाभ भी मिल सके. इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के टोल टैक्स पर जीएसटी लगाने का नोटिस को विड्रॉ करना, हेल्थ इंसोररेशन पर जीएसटी ना लगाने की मांग सहित कईं मुद्दे वित्त मंत्री से समक्ष रखे गए हैं जिनपर उन्होंने आश्वासन दिया है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि भविष्य में इन सभी मामलों पर कुछ राहत जरूर मिलेगी. वहीं 18 से 21 दिसंबर तक चले हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों द्वारा उठाये गए मुद्दों को लेकर मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि इस बार का सदन में जनता के मुद्दों को उठाने में विपक्ष नाकाम साबित हुआ है और केवल टॉयलट टैक्स, समोसा विवाद और जंगली मुर्गा जैसे मुद्दों पर भी हंगामा करता दिखाई दिया है जिससे कहीं ना कहीं जनता से जुड़े असली मुद्दे पीछे छूट गए और विधानसभा सत्र खत्म हो गया.
बिलासपुर , 23 दिसंबर ! सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशे को ना, जिंदगी को हां कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं बिलासपुर जिला के घुमारवीं में आयोजित इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजक, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और आईटीआई के छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने के लिए शपथ दिलाई, इसके पश्चात सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शपथ पत्र पर मंत्री राजेश धर्माणी ने हस्ताक्षर भी किये.
वहीं नशा मुक्त बिलासपुर अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जहां एक ओर नशे से दूर के लिए आईटीआई के छात्रों को शपथ दिलवाई गयी है तो साथ ही नशे के मानसिक व शारीरिक दुष्प्रभावों सहित समाज व परिवार पर पड़ने वाले बुरे असर पर भी चर्चा की गई है जिसमें छात्रों ने ना केवल बढ़चढ़ कर भाग लिया अपितु अपने भाषणों के जरिये नशे से दूर रहने का संकल्प भी लिया है.
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साथ ही मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष प्रदेश से जुड़े कईं अहम मुद्दे उठाए हैं जिसमें मुख्यरूप से मई 2022 से बंद पड़े जीएसटी कंपनसेशन को मई 2027 तक करने की मांग की गई क्योंकि जीएसटी कंपनसेशन बंद होने प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है और आर्थिक विकास दर (टैक्स ग्रोथ रेट) 14 प्रतिशत था जो कि घटकर 5 से 7 प्रतिशत तक रह गया है, जिसे केवल कंजमशन के साथ ही ना जोड़ा जाए बल्कि प्रोडक्शन के साथ जोड़ा जाए ताकि प्रदेश कर दूर दराज क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिल सके और प्रदेश में लगे उद्योगों का लाभ भी मिल सके.
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के टोल टैक्स पर जीएसटी लगाने का नोटिस को विड्रॉ करना, हेल्थ इंसोररेशन पर जीएसटी ना लगाने की मांग सहित कईं मुद्दे वित्त मंत्री से समक्ष रखे गए हैं जिनपर उन्होंने आश्वासन दिया है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि भविष्य में इन सभी मामलों पर कुछ राहत जरूर मिलेगी. वहीं 18 से 21 दिसंबर तक चले हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों द्वारा उठाये गए मुद्दों को लेकर मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि इस बार का सदन में जनता के मुद्दों को उठाने में विपक्ष नाकाम साबित हुआ है और केवल टॉयलट टैक्स, समोसा विवाद और जंगली मुर्गा जैसे मुद्दों पर भी हंगामा करता दिखाई दिया है जिससे कहीं ना कहीं जनता से जुड़े असली मुद्दे पीछे छूट गए और विधानसभा सत्र खत्म हो गया.
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