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बिलासपुर , 10 अक्टूबर ! सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची की वजह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है। विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। यहां तक कि छोटे-मोटे रिपेयर वर्क भी नहीं हो रहे हैं। सुक्खू सरकार केवल किसी न किसी तरह कर्मचारियों के वेतन और पेंशनरों की पेंशन का जुगाड़ करने तक सीमित है। इसी जुगाड़ में उसने पेंशनरों को पेंशन का भुगतान भी पहली तारीख को करना बंद कर दिया है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में कर्मचारियों व पेंशनरों को वेतन व पेंशन के पूरी तरह लाले पड़ जाएंगे। त्रिलोक जमवाल ने कहा कि सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है। सरकार के कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची की वजह से प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। चहेतों पर सरकारी खजाना लुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसकी भरपाई के लिए जनता पर तरह-तरह के टैक्स थोपने के साथ ही लोगों से उन्हें पहले से मिल रही सुविधाएं भी छीनी जा रही हैं। पानी के बिलों में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई। भाजपा सरकार के समय से ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क पानी की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन अब वहां भी प्रतिमाह 100 रुपये दर निर्धारित कर दी गई है। 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की गारंटी पूरी करना तो दूर, लोगों को पहले से मिल रही 125 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा भी बंद कर दी गई है। त्रिलोक जमवाल ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोक निर्माण, विद्युत व जल शक्ति समेत सभी विभागों में विकास कार्य ठप हैं। पैसे के अभाव में यह विभाग विकास का कोई नया काम शुरू करना तो दूर, छोटे-मोटे रिपेयर वर्क तक नहीं करवा पा रहे हैं। सड़कों की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कर्मचारियों व पेंशनरों को किसी महीने की पहली तारीख को वेतन व पेंशन नहीं मिल पाए हों। विकास के मामले में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुई यह सरकार अब किसी न किसी तरह कर्मचारियों के वेतन और पेंशनरों की पेंशन की व्यवस्था करने तक सीमित रह गई है। कदम-कदम पर जुगाड़ से चल रही इस सरकार से कोई भी उम्मीद रखना बेमानी साबित हो रहा है।
बिलासपुर , 10 अक्टूबर ! सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची की वजह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है।
विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। यहां तक कि छोटे-मोटे रिपेयर वर्क भी नहीं हो रहे हैं। सुक्खू सरकार केवल किसी न किसी तरह कर्मचारियों के वेतन और पेंशनरों की पेंशन का जुगाड़ करने तक सीमित है। इसी जुगाड़ में उसने पेंशनरों को पेंशन का भुगतान भी पहली तारीख को करना बंद कर दिया है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में कर्मचारियों व पेंशनरों को वेतन व पेंशन के पूरी तरह लाले पड़ जाएंगे।
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त्रिलोक जमवाल ने कहा कि सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है। सरकार के कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची की वजह से प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। चहेतों पर सरकारी खजाना लुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसकी भरपाई के लिए जनता पर तरह-तरह के टैक्स थोपने के साथ ही लोगों से उन्हें पहले से मिल रही सुविधाएं भी छीनी जा रही हैं।
पानी के बिलों में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई। भाजपा सरकार के समय से ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क पानी की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन अब वहां भी प्रतिमाह 100 रुपये दर निर्धारित कर दी गई है। 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की गारंटी पूरी करना तो दूर, लोगों को पहले से मिल रही 125 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा भी बंद कर दी गई है।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोक निर्माण, विद्युत व जल शक्ति समेत सभी विभागों में विकास कार्य ठप हैं। पैसे के अभाव में यह विभाग विकास का कोई नया काम शुरू करना तो दूर, छोटे-मोटे रिपेयर वर्क तक नहीं करवा पा रहे हैं।
सड़कों की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कर्मचारियों व पेंशनरों को किसी महीने की पहली तारीख को वेतन व पेंशन नहीं मिल पाए हों। विकास के मामले में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुई यह सरकार अब किसी न किसी तरह कर्मचारियों के वेतन और पेंशनरों की पेंशन की व्यवस्था करने तक सीमित रह गई है। कदम-कदम पर जुगाड़ से चल रही इस सरकार से कोई भी उम्मीद रखना बेमानी साबित हो रहा है।
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