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बिलासपुर , 07 अगस्त [ राकेश शर्मा ] ! प्रदेश सरकार में टीसीपी, आवास एवं तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण तकनीकी शिक्षा, मंत्री राजेश धर्माणी ने बुधवार को गाहर पंचायत के अंतर्गत हाई स्कूल गाहर में लगभग 43 लाख रुपए की लागत से बनने वाली 4 कमरों के अतिरिक्त भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जल्द ही स्कूल के लिए एक अच्छा भवन का निर्माण किया जाएगा और इसका लाभ स्थानीय बच्चों को मिलेगा।उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में हिमाचल सरकार ने शैक्षणिक संस्थाओं का बहुत अधिक विस्तार किया है। पूरे प्रदेश में स्कूलों की संख्या लगभग दुगनी हो गई है।लेकिन इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या में भारी गिरावट दर्ज हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले जहां आवाजाही अभी के लिए सड़कों और वाहनों की कमी थी। वहीं आज पूरे प्रदेश में सडके बन चुकी हैं और वाहनों की संख्या भी बहुत अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है उन स्कूलों को नजदीक के स्कूलों के साथ मिलाया जाएगा ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में लगातार गिरावट देखने को मिली हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए विभिन्न राज्यों का सर्वे किया गया था जिसमें हिमाचल प्रदेश का नंबर 28 राज्यों में 21 नंबर पर है। कहा कि जो हिमाचल प्रदेश कभी शिक्षा के क्षेत्र में पहले नंबर के लिए संघर्ष करता था आज गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने में 21वे नंबर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी नेताओं चाहे वह पक्ष के हो या विपक्ष के हो सबको मिलकर आपसी सहमति बनानी होगी। अब अधिक स्कूल नहीं खोले जाए और ना ही स्कूल खोलने की मांग की जाए। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि सबको सच्चाई स्वीकार करना होगा।
बिलासपुर , 07 अगस्त [ राकेश शर्मा ] ! प्रदेश सरकार में टीसीपी, आवास एवं तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण तकनीकी शिक्षा, मंत्री राजेश धर्माणी ने बुधवार को गाहर पंचायत के अंतर्गत हाई स्कूल गाहर में लगभग 43 लाख रुपए की लागत से बनने वाली 4 कमरों के अतिरिक्त भवन का शिलान्यास किया।
उन्होंने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जल्द ही स्कूल के लिए एक अच्छा भवन का निर्माण किया जाएगा और इसका लाभ स्थानीय बच्चों को मिलेगा।उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में हिमाचल सरकार ने शैक्षणिक संस्थाओं का बहुत अधिक विस्तार किया है। पूरे प्रदेश में स्कूलों की संख्या लगभग दुगनी हो गई है।लेकिन इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या में भारी गिरावट दर्ज हुई है।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले जहां आवाजाही अभी के लिए सड़कों और वाहनों की कमी थी। वहीं आज पूरे प्रदेश में सडके बन चुकी हैं और वाहनों की संख्या भी बहुत अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है उन स्कूलों को नजदीक के स्कूलों के साथ मिलाया जाएगा ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में लगातार गिरावट देखने को मिली हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए विभिन्न राज्यों का सर्वे किया गया था जिसमें हिमाचल प्रदेश का नंबर 28 राज्यों में 21 नंबर पर है। कहा कि जो हिमाचल प्रदेश कभी शिक्षा के क्षेत्र में पहले नंबर के लिए संघर्ष करता था आज गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने में 21वे नंबर पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी नेताओं चाहे वह पक्ष के हो या विपक्ष के हो सबको मिलकर आपसी सहमति बनानी होगी। अब अधिक स्कूल नहीं खोले जाए और ना ही स्कूल खोलने की मांग की जाए। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि सबको सच्चाई स्वीकार करना होगा।
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