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बिलासपुर , 28 जुलाई [ शिवानी ] ! हिमाचल में इंग्लैंग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुक्खू सरकार प्रयास कर रही है। इसी मकसद से पहली बार महाशीर प्रजाति की प्रोडक्शन बड़े स्तर पर करने की तैयारियां की जा रही है। मंडी जिला के मच्छियार में स्थापित एकलोते राष्ट्रीय महाशीर फिश फॉर्म में एक लाख बीज डाला गया है जिससे इस साल 60,000 फिंगर लिंग तैयार किए जाएंगे। इससे पहले फार्म में महाशीर का 5000 बीज ही जीवित रह पा रहा था। लेकिन अब इनकी ग्रौथ को बढ़ाने के लिए महाशीर की फीड को मोडिफाई किया जा रहा है और अब गुणवत्ता से भरपूर फीड तैयार कर मछलियों को खिलाई जा रही है।जिससे इस मच्छली की ग्रोथ में इजाफा दर्ज किया गया है। खास बात ये है कि विभाग ने पोंग डैम के सहायक गज घर में 20,000 बीज डाल दिया है जबकि मंडी की व्यास, कोलडैम, और पण्डोह डैम में भी बीज डाला गया है। वहीं गोविंदसागर झील में भी 20,000 बीज डालने की योजना बनाई गई है। मत्स्य निदेशालय बिलासपुर में कार्यरत सहायक निदेशक डॉक्टर सोमनाथ ने बताया कि मच्छियाल महाशीर फिश फॉर्म पूरे देश भर में एक मात्र ही फिश फॉर्म है। इस प्रजाति कि प्रौढी तीन बढ़ाने के लिए नई योजना पर काम चल रहा है।
बिलासपुर , 28 जुलाई [ शिवानी ] ! हिमाचल में इंग्लैंग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुक्खू सरकार प्रयास कर रही है। इसी मकसद से पहली बार महाशीर प्रजाति की प्रोडक्शन बड़े स्तर पर करने की तैयारियां की जा रही है। मंडी जिला के मच्छियार में स्थापित एकलोते राष्ट्रीय महाशीर फिश फॉर्म में एक लाख बीज डाला गया है जिससे इस साल 60,000 फिंगर लिंग तैयार किए जाएंगे।
इससे पहले फार्म में महाशीर का 5000 बीज ही जीवित रह पा रहा था। लेकिन अब इनकी ग्रौथ को बढ़ाने के लिए महाशीर की फीड को मोडिफाई किया जा रहा है और अब गुणवत्ता से भरपूर फीड तैयार कर मछलियों को खिलाई जा रही है।जिससे इस मच्छली की ग्रोथ में इजाफा दर्ज किया गया है।
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खास बात ये है कि विभाग ने पोंग डैम के सहायक गज घर में 20,000 बीज डाल दिया है जबकि मंडी की व्यास, कोलडैम, और पण्डोह डैम में भी बीज डाला गया है। वहीं गोविंदसागर झील में भी 20,000 बीज डालने की योजना बनाई गई है।
मत्स्य निदेशालय बिलासपुर में कार्यरत सहायक निदेशक डॉक्टर सोमनाथ ने बताया कि मच्छियाल महाशीर फिश फॉर्म पूरे देश भर में एक मात्र ही फिश फॉर्म है। इस प्रजाति कि प्रौढी तीन बढ़ाने के लिए नई योजना पर काम चल रहा है।
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