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बिलासपुर, 26 अगस्त, [ राकेश शर्मा ] ! हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पठानकोट के लुंबिनी गांव से मणिमहेश के श्रद्धालुओं के लिए नैनीखड़ में बड़ी के मोड़ के पास हर साल कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधा अष्टमी तक लंगर का आयोजन करते हैं। लंगर कमेटी के प्रधान मस्तराम के अगुआई में यहां पर विशाल लंगर का आयोजन किया जाता है। लंगर कमेटी के प्रधान मस्तराम ने बताया कि वह यहां पर लगभग 17 साल से लगातार लंगर का आयोजन करते आ रहे हैं। और भविष्य में भी करते रहेंगे। ऐसा कमेटी के लोगो का मानना है । इनकी कमेटी में लगभग 94 के करीब मेंबर है । जो हर साल इस लंगर को चलाने का वीडा उठाते हैं। बताया कि सुबह नाश्ता में हर रोज श्रद्धालुओं के लिए गर्मा गरम आलू छोले दही अचार पूरी हलवा और चाय आदी की व्यवस्था की जाती है। दोपहर में हर रोज है दाल सब्जी चपाती चावल सलाद और पापड़ के अलाबा हर रोज सब्जियो को बदल कर बनाया जाता है। रात को मटर पनीर साबुत चने सब्जी और चपाती और खीर परोसे जाते हैं । यहां पर सुबह से ही श्रद्धालूओ की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। यहां पर से हर रोज 500,से 600 के करीब श्रद्धालु लोग लंगर ग्रहण कर के जाते हैं। वही पर मणिमहेश यात्रा की ओर जाते हुए पंजाब के फिरोजपुर के हसने वाला वाडर के पास रहने वाले श्रद्धालुओं से मिले उनमें से एक श्रद्धालु ऐसे थे जो बिल्कुल ही दोनों टांगों से विकलांग थे । सोनू ने बताया कि उनको भोले बाबा पर इतनी श्रद्धा है कि वो 9 सालों से लगातार 450किलो मीटर की दूरी तय कर के अपने भोले बाबा जी के दर्शन करने के लिए हर साल आते है।16 किलो मीटर की खड़ी चढ़ाई अपने दोस्तों के साथ कर दोनों पांव और हाथों के साथ घसीट घसीट कर भोले बाबा जी का दर्शन करके आते हैं। भोले बाबा जी का दर्शन करने बाद उनके मन को शांति और शकून मिलती है।
बिलासपुर, 26 अगस्त, [ राकेश शर्मा ] ! हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पठानकोट के लुंबिनी गांव से मणिमहेश के श्रद्धालुओं के लिए नैनीखड़ में बड़ी के मोड़ के पास हर साल कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधा अष्टमी तक लंगर का आयोजन करते हैं। लंगर कमेटी के प्रधान मस्तराम के अगुआई में यहां पर विशाल लंगर का आयोजन किया जाता है। लंगर कमेटी के प्रधान मस्तराम ने बताया कि वह यहां पर लगभग 17 साल से लगातार लंगर का आयोजन करते आ रहे हैं। और भविष्य में भी करते रहेंगे। ऐसा कमेटी के लोगो का मानना है ।
इनकी कमेटी में लगभग 94 के करीब मेंबर है । जो हर साल इस लंगर को चलाने का वीडा उठाते हैं। बताया कि सुबह नाश्ता में हर रोज श्रद्धालुओं के लिए गर्मा गरम आलू छोले दही अचार पूरी हलवा और चाय आदी की व्यवस्था की जाती है। दोपहर में हर रोज है दाल सब्जी चपाती चावल सलाद और पापड़ के अलाबा हर रोज सब्जियो को बदल कर बनाया जाता है। रात को मटर पनीर साबुत चने सब्जी और चपाती और खीर परोसे जाते हैं । यहां पर सुबह से ही श्रद्धालूओ की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। यहां पर से हर रोज 500,से 600 के करीब श्रद्धालु लोग लंगर ग्रहण कर के जाते हैं। वही पर मणिमहेश यात्रा की ओर जाते हुए पंजाब के फिरोजपुर के हसने वाला वाडर के पास रहने वाले श्रद्धालुओं से मिले उनमें से एक श्रद्धालु ऐसे थे जो बिल्कुल ही दोनों टांगों से विकलांग थे ।
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सोनू ने बताया कि उनको भोले बाबा पर इतनी श्रद्धा है कि वो 9 सालों से लगातार 450किलो मीटर की दूरी तय कर के अपने भोले बाबा जी के दर्शन करने के लिए हर साल आते है।16 किलो मीटर की खड़ी चढ़ाई अपने दोस्तों के साथ कर दोनों पांव और हाथों के साथ घसीट घसीट कर भोले बाबा जी का दर्शन करके आते हैं। भोले बाबा जी का दर्शन करने बाद उनके मन को शांति और शकून मिलती है।
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