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बिलासपुर ! जिला बिलासपुर में आज हिमाचल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायधीश तरलोक सिंह चौहान के उपस्थिति में जिला मुख्यालय बिलासपुर में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली (लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम) का शुभारंभ किया और इसके अंतर्गत न्यायिक परिसर में कार्यालय का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस प्रणाली के अन्तर्गत पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के ऑफिस की तर्ज पर कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली का एक कार्यालय जिला न्यायालय परिसर के स्थापित किया गया है। यह प्रणाली जिले में अभियुक्त एवं बचाव पक्ष के सभी कानूनी सहायता कार्यों को देखेगा। कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली के तहत पात्र व्यक्तियों को उनके मुकदमे की पैरवी के लिए निशुल्क वकील उपलब्ध करवाने और मुकदमों से संबंधित परामर्श भी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था होगी। इस अवसर पर न्यायधीश तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि इस प्रणाली के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को फौजदारी मामलों में न्यायालय में गुणवत्तायुक्त एवं योग्य कानूनी सहायता मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि पहले ही डिप्टी चीफ लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के पद पर अनिल कुमार 94182 55622, सहायक लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के पद पर नरेश कुमार 70182 85849 और मधु शर्मा 8894321051 को भी सहायक लीगल एड डिफेंस काउंसलिंग में एक वर्ष के लिए नियुक्ति मिली है जिन्हें आज आधिकारिक रूप से कार्यालय उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि फौजदारी मामले में पात्र व्यक्ति उपलब्ध करवाए गए नंबरों पर संपर्क कर सकता है। उन्होंने कहा कि लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम की सोच भारत में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से शुरू हुआ और राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया गया। इसका काम कानूनी सहायता कार्यक्रम लागू करना और उसका मूल्यांकन एवं निगरानी करना है। साथ ही, इस अधिनियम के अन्तर्गत पात्र लोगो को निशुल्क कानूनी सेवाएं उपलब्ध करवाना भी इसका काम है। उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली कार्यालयों का उद्घाटन छह जिला मुख्यालयों नामतः शिमला, सिरमौर में नाहन, सोलन, कांगड़ा में धर्मशाला, कुल्लू, और कांगड़ा में पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया है। इसी आधार पर हिमाचल के सभी जिलों में इस प्रणाली को लागू किया जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश हितेंद्र शर्मा ने मुख्य न्यायधीश को शॉल और टोपी भेंट कर सम्मानित किया और जिला सत्र न्यायधीश प्रीति ठाकुर ने न्यायधीश चौहान को माता नयना देवी की चित्र और पौधा बैठकर सम्मानित किया और न्यायधीश अजय मोहन गोयल को मुख्य नायक दंडाधिकारी नितिन मित्तल ने सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त न्यायाधीश सत्येन वैद्य को एकांश कपिल न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी बिलासपुर ने समानित किया। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा लाभ डिफेंस काउंसिल सिस्टम लागू होने का सबसे ज्यादा फायदा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा। वर्तमान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, स्त्री, बालक, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति, विकलांग, औद्योगिक कर्मकार या ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उसकी तरफ से कोर्ट में पक्ष रखने के लिए वकील उपलब्ध करवाता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
बिलासपुर ! जिला बिलासपुर में आज हिमाचल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायधीश तरलोक सिंह चौहान के उपस्थिति में जिला मुख्यालय बिलासपुर में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली (लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम) का शुभारंभ किया और इसके अंतर्गत न्यायिक परिसर में कार्यालय का विधिवत उद्घाटन किया गया।
इस प्रणाली के अन्तर्गत पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के ऑफिस की तर्ज पर कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली का एक कार्यालय जिला न्यायालय परिसर के स्थापित किया गया है। यह प्रणाली जिले में अभियुक्त एवं बचाव पक्ष के सभी कानूनी सहायता कार्यों को देखेगा। कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली के तहत पात्र व्यक्तियों को उनके मुकदमे की पैरवी के लिए निशुल्क वकील उपलब्ध करवाने और मुकदमों से संबंधित परामर्श भी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था होगी। इस अवसर पर न्यायधीश तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि इस प्रणाली के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को फौजदारी मामलों में न्यायालय में गुणवत्तायुक्त एवं योग्य कानूनी सहायता मिल सकेगी।
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उन्होंने बताया कि पहले ही डिप्टी चीफ लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के पद पर अनिल कुमार 94182 55622, सहायक लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के पद पर नरेश कुमार 70182 85849 और मधु शर्मा 8894321051 को भी सहायक लीगल एड डिफेंस काउंसलिंग में एक वर्ष के लिए नियुक्ति मिली है जिन्हें आज आधिकारिक रूप से कार्यालय उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि फौजदारी मामले में पात्र व्यक्ति उपलब्ध करवाए गए नंबरों पर संपर्क कर सकता है।
उन्होंने कहा कि लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम की सोच भारत में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से शुरू हुआ और राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया गया। इसका काम कानूनी सहायता कार्यक्रम लागू करना और उसका मूल्यांकन एवं निगरानी करना है। साथ ही, इस अधिनियम के अन्तर्गत पात्र लोगो को निशुल्क कानूनी सेवाएं उपलब्ध करवाना भी इसका काम है।
उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली कार्यालयों का उद्घाटन छह जिला मुख्यालयों नामतः शिमला, सिरमौर में नाहन, सोलन, कांगड़ा में धर्मशाला, कुल्लू, और कांगड़ा में पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया है। इसी आधार पर हिमाचल के सभी जिलों में इस प्रणाली को लागू किया जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश हितेंद्र शर्मा ने मुख्य न्यायधीश को शॉल और टोपी भेंट कर सम्मानित किया और जिला सत्र न्यायधीश प्रीति ठाकुर ने न्यायधीश चौहान को माता नयना देवी की चित्र और पौधा बैठकर सम्मानित किया और न्यायधीश अजय मोहन गोयल को मुख्य नायक दंडाधिकारी नितिन मित्तल ने सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त न्यायाधीश सत्येन वैद्य को एकांश कपिल न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी बिलासपुर ने समानित किया।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा लाभडिफेंस काउंसिल सिस्टम लागू होने का सबसे ज्यादा फायदा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा। वर्तमान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, स्त्री, बालक, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति, विकलांग, औद्योगिक कर्मकार या ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उसकी तरफ से कोर्ट में पक्ष रखने के लिए वकील उपलब्ध करवाता है।
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