कांग्रेस ने आपातकाल में संविधान की स्पिरिट को कुचला ताकि जैसे तैसे सत्ता बनी रहे
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बिलासपुर, 20 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने ज़िला आंबेडकर सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा साथियों कांग्रेस ने हमारे पवित्र संविधान को सत्ता हासिल करने का एक हथियार बना दिया था, जबजब कांग्रेस को सत्ता का संकट दिखा उन्होंने संविधान को कुचल दिया। कांग्रेस ने आपातकाल में संविधान की स्पिरिट को कुचला ताकि जैसे तैसे सत्ता बनी रहे, संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता हो, जिसे मैं कहता हूं सेकुलर सिविल कोड लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। उत्तराखंड में भाजपा सरकार आने के बाद सेकुलर सिविल कोड यानि समान नागरिकता संहिता ये लागू हुई एवं डंके की चोट पर लागू हुई और देश का दुर्भाग्य देखिए संविधान को जेब में लेकर के बैठे हुए, लोग संविधान पर बैठ गए हुए लोग, ये कांग्रेस के लोग, उसका भी विरोध कर रहे हैं। साथियों हमारे संविधान ने एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान किया। लेकिन कांग्रेस ने उनको आरक्षण पहुंचा कि नहीं पहुंचा, उनके बच्चों को शिक्षा के लिए सुविधाएं प्रारंभ मिलना शुरू हुआ कि नहीं हुआ, एससी एसटी ओबीसी के कोई व्यक्ति अधिकार से वंचित तो नहीं रह गए हैं, उसकी कभी परवाह नहीं की लेकिन राजनीतिक खेल खेलने के लिए कांग्रेस ने बाबा साहब आंबेडकर ने जो सपना देखा था, सामाजिक न्याय के लिए संविधान में जो व्यवस्था की थी उसको भी पीठ में छुरा भोक कर उस संविधान के उस प्रावधान को तुष्टीकरण का माध्यम बना दिया। अभी आपने भी समाचारों में सुना होगा कर्नाटका की कांग्रेस सरकार ने टेंडर में भी अब एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकार छीन करके धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया। जबकि संविधान में बाबा साहब आंबेडकर ने साफसाफ शब्दों में चर्चा में कहा था कि संविधान में कतई धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जाएगी और हमारे संविधान ने धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए प्रतिबंध लगाया हुआ है। साथियों कांग्रेस की तुष्टिकरण की इस नीति का बहुत बड़ा नुकसान मुस्लिम समाज को भी हुआ है, कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को ही खुश किया है।
बिलासपुर, 20 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने ज़िला आंबेडकर सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा साथियों कांग्रेस ने हमारे पवित्र संविधान को सत्ता हासिल करने का एक हथियार बना दिया था, जबजब कांग्रेस को सत्ता का संकट दिखा उन्होंने संविधान को कुचल दिया। कांग्रेस ने आपातकाल में संविधान की स्पिरिट को कुचला ताकि जैसे तैसे सत्ता बनी रहे, संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता हो, जिसे मैं कहता हूं सेकुलर सिविल कोड लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया।
उत्तराखंड में भाजपा सरकार आने के बाद सेकुलर सिविल कोड यानि समान नागरिकता संहिता ये लागू हुई एवं डंके की चोट पर लागू हुई और देश का दुर्भाग्य देखिए संविधान को जेब में लेकर के बैठे हुए, लोग संविधान पर बैठ गए हुए लोग, ये कांग्रेस के लोग, उसका भी विरोध कर रहे हैं। साथियों हमारे संविधान ने एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान किया। लेकिन कांग्रेस ने उनको आरक्षण पहुंचा कि नहीं पहुंचा, उनके बच्चों को शिक्षा के लिए सुविधाएं प्रारंभ मिलना शुरू हुआ कि नहीं हुआ, एससी एसटी ओबीसी के कोई व्यक्ति अधिकार से वंचित तो नहीं रह गए हैं, उसकी कभी परवाह नहीं की लेकिन राजनीतिक खेल खेलने के लिए कांग्रेस ने बाबा साहब आंबेडकर ने जो सपना देखा था, सामाजिक न्याय के लिए संविधान में जो व्यवस्था की थी उसको भी पीठ में छुरा भोक कर उस संविधान के उस प्रावधान को तुष्टीकरण का माध्यम बना दिया।
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अभी आपने भी समाचारों में सुना होगा कर्नाटका की कांग्रेस सरकार ने टेंडर में भी अब एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकार छीन करके धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया। जबकि संविधान में बाबा साहब आंबेडकर ने साफसाफ शब्दों में चर्चा में कहा था कि संविधान में कतई धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जाएगी और हमारे संविधान ने धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए प्रतिबंध लगाया हुआ है। साथियों कांग्रेस की तुष्टिकरण की इस नीति का बहुत बड़ा नुकसान मुस्लिम समाज को भी हुआ है, कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को ही खुश किया है।
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