- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बिलासपुर , 16 जून ! हिमाचल प्रदेश में 16 जून से 15 अगस्त 2023 तक मत्स्य आखेट पर लगे पूर्ण प्रतिबंध है और उलंघना करने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। इस कार्यवाही के तहत 3 वर्ष की कैद व 5 हजार रूपये तक की राशि के जुर्माने का प्रावधान है।यह बात बिलासपुर जिला निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य सतपाल मेहता ने कही है उन्होंने कहा कि इस अवधि को प्रभाव पूर्ण बनाने के लिए विभाग द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए हैं जिसके अन्तर्गत अवैध शिकार को रोकने के लिए निरीक्षण टीमों का गठन किया गया है तथा उड़न दस्ते सड़क मार्ग से निरंतर गश्त करते रहेंगे ताकि रोक को सही रूप में लागू किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 5 जलाश्यों जिसमें गोबिंदसागर, पौंग डैम, चमेरा एवं कोल डैम व रणजीत सागर डैम तथा सहायक नदियों के मछुआरों के परिवारों को निरंतर रूप से मछली मिलती रहे इस दृष्टि से यह प्रतिबंध अनिवार्य है। प्रतिबंध के दौरान प्राकृतिक रूप से प्रज्जनन करने वाली मछलियों की विभिन्न प्रजातियां सफलतापूर्वक प्रज्जनन कर सके। व प्राकृतिक रूप से विभिन्न जल क्षेत्रों में मछलियों की उपयुक्त संख्या बनी रहे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
बिलासपुर , 16 जून ! हिमाचल प्रदेश में 16 जून से 15 अगस्त 2023 तक मत्स्य आखेट पर लगे पूर्ण प्रतिबंध है और उलंघना करने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इस कार्यवाही के तहत 3 वर्ष की कैद व 5 हजार रूपये तक की राशि के जुर्माने का प्रावधान है।यह बात बिलासपुर जिला निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य सतपाल मेहता ने कही है उन्होंने कहा कि इस अवधि को प्रभाव पूर्ण बनाने के लिए विभाग द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए हैं जिसके अन्तर्गत अवैध शिकार को रोकने के लिए निरीक्षण टीमों का गठन किया गया है तथा उड़न दस्ते सड़क मार्ग से निरंतर गश्त करते रहेंगे ताकि रोक को सही रूप में लागू किया जा सके।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 5 जलाश्यों जिसमें गोबिंदसागर, पौंग डैम, चमेरा एवं कोल डैम व रणजीत सागर डैम तथा सहायक नदियों के मछुआरों के परिवारों को निरंतर रूप से मछली मिलती रहे इस दृष्टि से यह प्रतिबंध अनिवार्य है। प्रतिबंध के दौरान प्राकृतिक रूप से प्रज्जनन करने वाली मछलियों की विभिन्न प्रजातियां सफलतापूर्वक प्रज्जनन कर सके। व प्राकृतिक रूप से विभिन्न जल क्षेत्रों में मछलियों की उपयुक्त संख्या बनी रहे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -