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बिलासपुर , 07 जुलाई ! कुछ करने की इच्छा हो, लक्ष्य निर्धारित हो तो जीवन मे कुछ भी किया जा सकता है वो चाहे नोकरी पाना हो , कोई व्यवसाय करना हो या एक अच्छा नागतिक बनना हो ये बात संस्कार उत्सव में मुख्यतिति कैप्टन रामेश्वर ठाकुर चेयरमैन हि प्र लोक सेवा आयोग ने बच्चो को संबोधित करते हुए कही । संस्था के संस्कार उत्सव में बच्चो को सम्माननित करने से बच्चो की प्रतिभाएं सामने आती है । संस्था मेधावी बच्चो के साथ साथ किसी भी क्षेत्र में विशेष काम करने वालो को भी समान्नित करती है ये समाज मे अच्छा काम करने वालो के लिए प्रेरणादायक है । पुरस्कार क्या मिला है ये मायने नही राखत है पुरस्कार मिला है ये मायने रखता है । उन्होंने कहा कि हर बच्चे की अपनी क्षमता है उसे माता पिता को उसे समझने की जरूरत है उसपर जबरदस्ती कुछ न थोपे । ताकि बच्चा किसी गलत दिशा की तरफ न जाये । बच्चो को अपनी क्षमताओं के अनुसार आगे बढ़ने दे अनावश्यक दबाव न बनाये । उन्होंने बच्चो से अनुरोध किया कि लक्ष्य को निर्धारित करके ही मेहनत करे , एक बार सफलता न भी मिले तो लक्ष्य नही रास्ता बदलने की जरूरत है ऐसा करने से सफलता आवश्यक मिलेगी । उन्होंने कहा कि बच्चो पर कभी आवश्यक प्रेसर न डाले नही तो बच्चे नशे की ओर जाते है । उन्होंने बच्चो से कहा कि जीवन मे तीन बातें हमेशा अपनाएं एक आप कुछ भी बन जाये दिन में माँ बाप के लिए समय निकाले ये जीवन मे जरूर अपनाए । दूसरा मा बाप से कभी भी ऊँची आवाज में बात न करे, तीसरा घर से निकलने से पहले मा बाप का आशिर्वाद लेकर निकले आप जरूर कामयाब होंगे । बच्चे हमारा भविष्य है उनमे टेलेंट है , हुनर है समाज उसे मान्यता दे इसी धेय से संस्था 2008 से प्रतिवर्ष मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का काम कर रही है ये बात संस्था के संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने कही । उन्होंने कहा कि बच्चो को संस्कृति से जोड़ने के लिये इस बार संस्था मेधावी बच्चो को पुरस्कार के साथ एक गीता की किताब भी दे है ताकि बच्चे हमारी संस्कृति और परम्पराओ से अवगत रहे और सनातन को समझे । उन्होंने बच्चो से गीता को पढ़ने का आह्वान किया और उससे जिंदगी जीना सीखे । उन्होंने कहा कि बच्चो को समाजिक समस्यों को बताना बहुत आवश्यक है। प्रदेश में नशा चिट्टा नई पीढ़ी को खा रहा है , ये हमारे घर के अंदर है तक पहुँच गया है इसलिए माता पिता को बच्चो को समझना पड़ेगा ताकि वो नशे की तरह न जाये । बच्चा अगर डॉ , इंजीनियर या आई एस नही बना तो इसका ये मतलब नही की वो कुछ नही कर सकता है वो अपनी क्षमता के अनुसार अपने लक्ष्य तक पहुच जाएगा । उन्होंने कहा कि बच्चे जो भी करे वो ईमादारी से करे । कार्यक्रम अध्यक्षा जिला परिषद अध्यक्ष विमला देवी ने कहा कि संस्था बच्चो को समानित करने के साथ नशे चिट्टे के लिए भी अभियान चला रही है । उन्होंने कहा कि नशे इस अभियान में संस्था को जब भी मेरी जरूरत होगी में हमेशा हाजिर हूँगी । संस्कार संस्था द्वारा घुमारवीं के 12वीं व दसवीं में अपने-अपने विद्यालय में प्रथम स्थान पाने वाले और प्रदेश में 12वीं व 10वीं की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले 111 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया और घुमारवीं के दो छात्र जिन्होंने इस बार आई ए एस की परीक्षा उतीर्ण की थी उन्हें भी समानित किया गया और "युवा प्रेरणा" पुरस्कार के तहत 22 युवाओं जिन्होंने विशेष कार्य करके अपनी विशेष पहचान बनाई है जिनकी आयु 40 वर्ष से कम थी जो युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है उनको भी सम्मानित किया गया । वर्ष 2008 से अस्तित्व में आई संस्कार संस्था हर वर्ष घुमारवीं उपमंडल के सभी मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का काम कर रही है इसके अतिरिक्त संस्था हर वर्ष निशुल्क कोचिंग कक्षाओं का आयोजन, गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद, जल संरक्षण कार्यक्रम, नशा निवारण कार्यक्रम जिसमें घुमारवीं अगेंस्ट अभियान, स्वछता कार्यक्रम, रक्तदान शिविर, निर्धन लोगो को बीमारी के दौरान सहायता, पौधरोपण कार्यक्रम, आदि कार्यक्रम करती है । संस्कार उत्सव में अमृत लाल कतना, कुंदन रतवान , डॉ तिलक राज, के एस वर्मा, सुनील शर्मा, मदन कांत, घुमारवीं पंचायत के उप प्रधान किशोरी लाल शर्मा , पट्टा पंचायत के उप प्रधान मनोज भंडारी, संदीप , अनिल धर्माणी, बाबू लाल, प्रवीण, आदि उपस्तिथ रहे ।
बिलासपुर , 07 जुलाई ! कुछ करने की इच्छा हो, लक्ष्य निर्धारित हो तो जीवन मे कुछ भी किया जा सकता है वो चाहे नोकरी पाना हो , कोई व्यवसाय करना हो या एक अच्छा नागतिक बनना हो ये बात संस्कार उत्सव में मुख्यतिति कैप्टन रामेश्वर ठाकुर चेयरमैन हि प्र लोक सेवा आयोग ने बच्चो को संबोधित करते हुए कही । संस्था के संस्कार उत्सव में बच्चो को सम्माननित करने से बच्चो की प्रतिभाएं सामने आती है ।
संस्था मेधावी बच्चो के साथ साथ किसी भी क्षेत्र में विशेष काम करने वालो को भी समान्नित करती है ये समाज मे अच्छा काम करने वालो के लिए प्रेरणादायक है । पुरस्कार क्या मिला है ये मायने नही राखत है पुरस्कार मिला है ये मायने रखता है । उन्होंने कहा कि हर बच्चे की अपनी क्षमता है उसे माता पिता को उसे समझने की जरूरत है उसपर जबरदस्ती कुछ न थोपे । ताकि बच्चा किसी गलत दिशा की तरफ न जाये । बच्चो को अपनी क्षमताओं के अनुसार आगे बढ़ने दे अनावश्यक दबाव न बनाये ।
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उन्होंने बच्चो से अनुरोध किया कि लक्ष्य को निर्धारित करके ही मेहनत करे , एक बार सफलता न भी मिले तो लक्ष्य नही रास्ता बदलने की जरूरत है ऐसा करने से सफलता आवश्यक मिलेगी । उन्होंने कहा कि बच्चो पर कभी आवश्यक प्रेसर न डाले नही तो बच्चे नशे की ओर जाते है ।
उन्होंने बच्चो से कहा कि जीवन मे तीन बातें हमेशा अपनाएं एक आप कुछ भी बन जाये दिन में माँ बाप के लिए समय निकाले ये जीवन मे जरूर अपनाए । दूसरा मा बाप से कभी भी ऊँची आवाज में बात न करे, तीसरा घर से निकलने से पहले मा बाप का आशिर्वाद लेकर निकले आप जरूर कामयाब होंगे ।
बच्चे हमारा भविष्य है उनमे टेलेंट है , हुनर है समाज उसे मान्यता दे इसी धेय से संस्था 2008 से प्रतिवर्ष मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का काम कर रही है ये बात संस्था के संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने कही । उन्होंने कहा कि बच्चो को संस्कृति से जोड़ने के लिये इस बार संस्था मेधावी बच्चो को पुरस्कार के साथ एक गीता की किताब भी दे है ताकि बच्चे हमारी संस्कृति और परम्पराओ से अवगत रहे और सनातन को समझे ।
उन्होंने बच्चो से गीता को पढ़ने का आह्वान किया और उससे जिंदगी जीना सीखे । उन्होंने कहा कि बच्चो को समाजिक समस्यों को बताना बहुत आवश्यक है। प्रदेश में नशा चिट्टा नई पीढ़ी को खा रहा है , ये हमारे घर के अंदर है तक पहुँच गया है इसलिए माता पिता को बच्चो को समझना पड़ेगा ताकि वो नशे की तरह न जाये । बच्चा अगर डॉ , इंजीनियर या आई एस नही बना तो इसका ये मतलब नही की वो कुछ नही कर सकता है वो अपनी क्षमता के अनुसार अपने लक्ष्य तक पहुच जाएगा । उन्होंने कहा कि बच्चे जो भी करे वो ईमादारी से करे ।
कार्यक्रम अध्यक्षा जिला परिषद अध्यक्ष विमला देवी ने कहा कि संस्था बच्चो को समानित करने के साथ नशे चिट्टे के लिए भी अभियान चला रही है । उन्होंने कहा कि नशे इस अभियान में संस्था को जब भी मेरी जरूरत होगी में हमेशा हाजिर हूँगी ।
संस्कार संस्था द्वारा घुमारवीं के 12वीं व दसवीं में अपने-अपने विद्यालय में प्रथम स्थान पाने वाले और प्रदेश में 12वीं व 10वीं की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले 111 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया और घुमारवीं के दो छात्र जिन्होंने इस बार आई ए एस की परीक्षा उतीर्ण की थी उन्हें भी समानित किया गया और "युवा प्रेरणा" पुरस्कार के तहत 22 युवाओं जिन्होंने विशेष कार्य करके अपनी विशेष पहचान बनाई है जिनकी आयु 40 वर्ष से कम थी जो युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है उनको भी सम्मानित किया गया ।
वर्ष 2008 से अस्तित्व में आई संस्कार संस्था हर वर्ष घुमारवीं उपमंडल के सभी मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का काम कर रही है इसके अतिरिक्त संस्था हर वर्ष निशुल्क कोचिंग कक्षाओं का आयोजन, गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद, जल संरक्षण कार्यक्रम, नशा निवारण कार्यक्रम जिसमें घुमारवीं अगेंस्ट अभियान, स्वछता कार्यक्रम, रक्तदान शिविर, निर्धन लोगो को बीमारी के दौरान सहायता, पौधरोपण कार्यक्रम, आदि कार्यक्रम करती है । संस्कार उत्सव में अमृत लाल कतना, कुंदन रतवान , डॉ तिलक राज, के एस वर्मा, सुनील शर्मा, मदन कांत, घुमारवीं पंचायत के उप प्रधान किशोरी लाल शर्मा , पट्टा पंचायत के उप प्रधान मनोज भंडारी, संदीप , अनिल धर्माणी, बाबू लाल, प्रवीण, आदि उपस्तिथ रहे ।
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