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बिलासपुर , 15 सितंबर ! अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ हिमाचल प्रदेश इकाई ने हिन्दी दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश के बिलासपुर में आयोजित किया। इस अवसर पर लेखक का महत्व विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। 14 सितंबर को यह सम्मेलन प्रातः लोक जन कवि स्व.शमशेर शमशेर सिंह के गीतों से आरंभ हुआ ।इसके बाद देश के सिपाहियों और क्रांतिकारी नेता का. सीता राम येचुरी को श्रद्धांजलियां अर्पित की गई इस के बार स्व जन लोककवि शमशेर सिंह की पत्नि श्रीमती व उनके बेटे को शाल अर्पित कर सम्मान किया गया। उनके संस्मरण याद करते हुए उन के संबंधी व पूर्व राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वासुदेव बसु ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। साहित्यकार, पत्रकार कुलदीप चंदेल जो उनके मित्र भी थे कि बताया किस प्रकार वे बहादुरी से लोगों की लिए पूर्व मुख्य मंत्री के सामने खडे हो गये थे। वयोवृद्ध पत्रकार श्री जय कुमार ने कहा कि" वे हमारे आदर्श थे और जनता की आवाज उठाने में,गरीबो की मदद करने में सबसे आगे रहते थे" । उनके लोकप्रिय गीत " "हिऊआं धारा ते लेणियां गवाहियां कुणी कुणी खादुरियां लोका रि कमाईयां।" अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिरसा ने का कि आज के परिवेश में साहित्य का का बहुत बडा दायित्व और प्रगतिशील लेखन का कार्य 1936 मे बने प्रलेस कर रहा है।,पंजाब प्रलेस के अध्यक्ष सुरजीत जज, उत्तर प्रदेश प्रलेस के महा सचिव डॉक्टर संजय श्रीवास्तव, डाक्टर कथाकार, आलोचक डॉक्टर वैभव सिंह ने वर्तमान परिवेश में लेखक की भूमिका पर चर्चा की। आरंभ में हि प्र लेखक संघ के सभी अतिथियों का स्वागत किया। पुस्तकों का लोकार्पण, श्री जयकुमार, सुखदेव सिंह सिरसा, संजय श्रीवास्तव, डाक्टर वैभव सिंह , वासुदेव बसु ने किया जिन साहित्यकारों की पुस्तक विमोचन हुआ उनमे जयनारायण कश्यप ,कुलदीप शर्मा, राजीव कुमार त्रिगर्ती, रोमिता शर्मा रहे। मंच संचालन देवेंद्र धर ने किया। दूसरे सत्र कवि सम्मेलन की अध्यक्षता श्रीमती रेखा वशिष्ठ ने की यह कवि सम्मेलन लगभग 4 घंटे चला जिसमे प्रदेश केश58 कवियों ने भाग लिया और मंच संचालन रविन्द्र शर्मा ने किया।यह कार्यक्रम रात 8 बजे तक चला। 15 की सुबह कहानीकार ने अपनी कहानियां पढी जिन में गांव राम राजी, मुरारी शर्मा, रोमिता शर्मा।, कमल प्यासा प्रियंका शर्मा, रविन्द्र शर्मा, विजय विशाल आदि ने कहानियां पढी। मंच संचालन रौशन जसवाल ने किया। इस अवसर पर सदस्य जिला परिषद सदस्य श्रीमती प्रोमिला बासू ने अपनी कविता :-जब मैं लिखने लगी समाज पर ,सोचा धर्म पर लिखंकार्यकारिणी का गठन किया गया गंगा राम राजी के धन्यवाद ज्ञापन से साथ ही समारोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बिलासपुर के प्रगतिशीत लेखक शमशेर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई और उनके द्वारा किए गए कार्य को याद किया गया। कार्यक्रम की प्रथम स्तर की अध्यक्षता जयकुमार शर्मा ने की जबकि डॉक्टर वैभव सिंह और संजय श्रीवास्तव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। आज के संदर्भ में डॉक्टर वैभव सिंह ने लेखक के साहित्य पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज के समय में समाज में लेखक एक मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका निभाता है और उसका साहित्य भी समाज में प्रेरक प्रसार और संचार करता है। वर्तमान साहित्य के संपादक डा. संजय श्रीवास्तव ने साहित्य के जनजागरण स्वरूप पर प्रकाश डाला और उसकी महत्त्वता पर अपने विचार व्यक्त किए। इस सत्र में कुलदीप चंदेल ने शमशेर सिंह के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उनके गीतों पर भी चर्चा की। इस दौरान संजय नारायण शर्मा, राजीव त्रिगत, रोमिता शर्मा, नीतू और कुलदीप शर्मा की कुछ पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में जयकुमार शर्मा ने शमशेर के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके दिए सहयोग को याद भी किया। इस दौरान अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष लेखराज वर्मा ने कहा कि इस दो दिवसीय राज्य सम्मेलन के कार्यक्रम में पूरे हिमाचल से लगभग 80 से 100 प्रतिनिधियों ने यहां पर आकर हिस्सा लिया और चर्चाएं की। इस दौरान उन्होंने अपने साहित्य, रचनाएं कथाएं, कहानियां और अपने वक्तव्य रखें। दो दिन के कार्यक्रम में प्रगतिशील लेखक संघ के संगठन की आगे की कार्यकारिणी का भी गठन किया गया।
बिलासपुर , 15 सितंबर ! अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ हिमाचल प्रदेश इकाई ने हिन्दी दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश के बिलासपुर में आयोजित किया। इस अवसर पर लेखक का महत्व विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया।
14 सितंबर को यह सम्मेलन प्रातः लोक जन कवि स्व.शमशेर शमशेर सिंह के गीतों से आरंभ हुआ ।इसके बाद देश के सिपाहियों और क्रांतिकारी नेता का. सीता राम येचुरी को श्रद्धांजलियां अर्पित की गई इस के बार स्व जन लोककवि शमशेर सिंह की पत्नि श्रीमती व उनके बेटे को शाल अर्पित कर सम्मान किया गया।
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उनके संस्मरण याद करते हुए उन के संबंधी व पूर्व राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वासुदेव बसु ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। साहित्यकार, पत्रकार कुलदीप चंदेल जो उनके मित्र भी थे कि बताया किस प्रकार वे बहादुरी से लोगों की लिए पूर्व मुख्य मंत्री के सामने खडे हो गये थे।
वयोवृद्ध पत्रकार श्री जय कुमार ने कहा कि" वे हमारे आदर्श थे और जनता की आवाज उठाने में,गरीबो की मदद करने में सबसे आगे रहते थे" । उनके लोकप्रिय गीत " "हिऊआं धारा ते लेणियां गवाहियां कुणी कुणी खादुरियां लोका रि कमाईयां।"
अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिरसा ने का कि आज के परिवेश में साहित्य का का बहुत बडा दायित्व और प्रगतिशील लेखन का कार्य 1936 मे बने प्रलेस कर रहा है।,पंजाब प्रलेस के अध्यक्ष सुरजीत जज, उत्तर प्रदेश प्रलेस के महा सचिव डॉक्टर संजय श्रीवास्तव, डाक्टर कथाकार, आलोचक डॉक्टर वैभव सिंह ने वर्तमान परिवेश में लेखक की भूमिका पर चर्चा की। आरंभ में हि प्र लेखक संघ के सभी अतिथियों का स्वागत किया।
पुस्तकों का लोकार्पण, श्री जयकुमार, सुखदेव सिंह सिरसा, संजय श्रीवास्तव, डाक्टर वैभव सिंह , वासुदेव बसु ने किया जिन साहित्यकारों की पुस्तक विमोचन हुआ उनमे जयनारायण कश्यप ,कुलदीप शर्मा, राजीव कुमार त्रिगर्ती, रोमिता शर्मा रहे। मंच संचालन देवेंद्र धर ने किया।
दूसरे सत्र कवि सम्मेलन की अध्यक्षता श्रीमती रेखा वशिष्ठ ने की यह कवि सम्मेलन लगभग 4 घंटे चला जिसमे प्रदेश केश58 कवियों ने भाग लिया और मंच संचालन रविन्द्र शर्मा ने किया।यह कार्यक्रम रात 8 बजे तक चला।
15 की सुबह कहानीकार ने अपनी कहानियां पढी जिन में गांव राम राजी, मुरारी शर्मा, रोमिता शर्मा।, कमल प्यासा प्रियंका शर्मा, रविन्द्र शर्मा, विजय विशाल आदि ने कहानियां पढी। मंच संचालन रौशन जसवाल ने किया। इस अवसर पर सदस्य जिला परिषद सदस्य श्रीमती प्रोमिला बासू ने अपनी कविता :-जब मैं लिखने लगी समाज पर ,सोचा धर्म पर लिखं
कार्यकारिणी का गठन किया गया गंगा राम राजी के धन्यवाद ज्ञापन से साथ ही समारोह संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में बिलासपुर के प्रगतिशीत लेखक शमशेर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई और उनके द्वारा किए गए कार्य को याद किया गया। कार्यक्रम की प्रथम स्तर की अध्यक्षता जयकुमार शर्मा ने की जबकि डॉक्टर वैभव सिंह और संजय श्रीवास्तव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
आज के संदर्भ में डॉक्टर वैभव सिंह ने लेखक के साहित्य पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज के समय में समाज में लेखक एक मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका निभाता है और उसका साहित्य भी समाज में प्रेरक प्रसार और संचार करता है। वर्तमान साहित्य के संपादक डा. संजय श्रीवास्तव ने साहित्य के जनजागरण स्वरूप पर प्रकाश डाला और उसकी महत्त्वता पर अपने विचार व्यक्त किए। इस सत्र में कुलदीप चंदेल ने शमशेर सिंह के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उनके गीतों पर भी चर्चा की।
इस दौरान संजय नारायण शर्मा, राजीव त्रिगत, रोमिता शर्मा, नीतू और कुलदीप शर्मा की कुछ पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में जयकुमार शर्मा ने शमशेर के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके दिए सहयोग को याद भी किया।
इस दौरान अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष लेखराज वर्मा ने कहा कि इस दो दिवसीय राज्य सम्मेलन के कार्यक्रम में पूरे हिमाचल से लगभग 80 से 100 प्रतिनिधियों ने यहां पर आकर हिस्सा लिया और चर्चाएं की। इस दौरान उन्होंने अपने साहित्य, रचनाएं कथाएं, कहानियां और अपने वक्तव्य रखें। दो दिन के कार्यक्रम में प्रगतिशील लेखक संघ के संगठन की आगे की कार्यकारिणी का भी गठन किया गया।
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