सीपीएस एक्ट 2006 को किया रद्द, सारी सुविधाएं तुरंत प्रभाव से वापिस लेने के आदेश, सरकार फैंसले के ख़िलाफ़ जायेगी सुप्रीम कोर्ट, विवेक सिंह ठाकुर और बिपिन चंद्र नेगी की डबल बैंच ने सुनाया फैंसला।
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शिमला , 13 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल सरकार को आज हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा लगाए गए 6 सीपीएस को हटाने के आदेश दे दिए हैं साथ सीपीएस एक्ट 2006 को भी निरस्त कर दिया है। हाई कोर्ट ने सभी छह सीपीएस को तुरंत से पद से हटाने और सुविधाएं वापिस लेने के आदेश दिए हैं।हिमाचल सरकार ने 6 सीपीएस की नियुक्ति जनवरी 2023 में की थी जिनमे आशीष बुटेल , किशोरीलाल, मोहन लाल बरागटा, संजय अवस्थी, राम कुमार चौधरी ,सुंदर सिंह ठाकुर को सीपीएस नियुक्त किया था। सरकार ने सीपीएस नियुक्ति पर सीपीएस एक्ट 2006 का हवाला दिया था जिस पर लम्बी बहस के बाद हिमाचल हाई कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस बीसी नेगी औऱ विवेक सिंह ठाकुर ने आज अपना फैसला सुनाया। आदेश में कहा है कि सीपीएस एक्ट 2006 को रद्द किया जाता है औऱ सीपीएस को हटाने के साथ तुरंत प्रभाव से इनकी सुविधाए भी वापस ली जाए। वहीं दूसरी तरफ हाई कोर्ट में एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी और सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। हाई कोर्ट ने सीपीएस एक्ट 2006 को खत्म कर सीपीएस को हटाने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने आसाम केस का हवाला देते हुए अपना निर्णय सुनाया है जिसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी क्योंकि हिमाचल प्रदेश में सीपीएस एक्ट असम एक्ट से अलग था। असम एक्ट में मंत्री के समान शक्तियां और सुविधाएं सीपीएस को मिल रही थीं लेकिन हिमाचल में सीपीएस को इस तरह की शक्तियां नहीं थी ऐसे में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
शिमला , 13 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल सरकार को आज हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा लगाए गए 6 सीपीएस को हटाने के आदेश दे दिए हैं साथ सीपीएस एक्ट 2006 को भी निरस्त कर दिया है। हाई कोर्ट ने सभी छह सीपीएस को तुरंत से पद से हटाने और सुविधाएं वापिस लेने के आदेश दिए हैं।हिमाचल सरकार ने 6 सीपीएस की नियुक्ति जनवरी 2023 में की थी जिनमे आशीष बुटेल , किशोरीलाल, मोहन लाल बरागटा, संजय अवस्थी, राम कुमार चौधरी ,सुंदर सिंह ठाकुर को सीपीएस नियुक्त किया था।
सरकार ने सीपीएस नियुक्ति पर सीपीएस एक्ट 2006 का हवाला दिया था जिस पर लम्बी बहस के बाद हिमाचल हाई कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस बीसी नेगी औऱ विवेक सिंह ठाकुर ने आज अपना फैसला सुनाया। आदेश में कहा है कि सीपीएस एक्ट 2006 को रद्द किया जाता है औऱ सीपीएस को हटाने के साथ तुरंत प्रभाव से इनकी सुविधाए भी वापस ली जाए।
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वहीं दूसरी तरफ हाई कोर्ट में एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी और सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। हाई कोर्ट ने सीपीएस एक्ट 2006 को खत्म कर सीपीएस को हटाने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने आसाम केस का हवाला देते हुए अपना निर्णय सुनाया है जिसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी क्योंकि हिमाचल प्रदेश में सीपीएस एक्ट असम एक्ट से अलग था।
असम एक्ट में मंत्री के समान शक्तियां और सुविधाएं सीपीएस को मिल रही थीं लेकिन हिमाचल में सीपीएस को इस तरह की शक्तियां नहीं थी ऐसे में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
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