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शिमला , 13 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य संसदीय सचिव(सीपीएस) की नियुक्तियों के संवैधानिक दर्जे पर आज बड़ा फैसला सुनाया है।हाईकोर्ट ने सीपीएस कानून निरस्त कर दिया है।इसके तहत सीपीएस को दी जा रही सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया है।फैसले के बाद अब छह मुख्य संसदीय सचिव अब सिर्फ विधायक के ताैर पर ही कार्य करेंगे। न्यायालय ने सीपीएस की नियुक्तियों को असांविधानिक बताया है।इस मामले में अदालत में पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की ओर से याचिका दायर की गई थी।अदालत में दूसरी याचिका कल्पना और तीसरी भाजपा नेता पूर्व सीपीएस सतपाल सत्ती सहित अन्य 11 भाजपा के विधायकों की ओर से दायर की गई थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने आज अपना फैसला सुनाया है।
शिमला , 13 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य संसदीय सचिव(सीपीएस) की नियुक्तियों के संवैधानिक दर्जे पर आज बड़ा फैसला सुनाया है।हाईकोर्ट ने सीपीएस कानून निरस्त कर दिया है।इसके तहत सीपीएस को दी जा रही सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया है।फैसले के बाद अब छह मुख्य संसदीय सचिव अब सिर्फ विधायक के ताैर पर ही कार्य करेंगे।
न्यायालय ने सीपीएस की नियुक्तियों को असांविधानिक बताया है।इस मामले में अदालत में पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की ओर से याचिका दायर की गई थी।अदालत में दूसरी याचिका कल्पना और तीसरी भाजपा नेता पूर्व सीपीएस सतपाल सत्ती सहित अन्य 11 भाजपा के विधायकों की ओर से दायर की गई थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने आज अपना फैसला सुनाया है।
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