- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा , [ भरमौर ] , 14 अप्रैल [ शिवानी ] ! ग्राम पंचायत उल्लाँसा गांव के ऊपर बसी है माता चुरेहन। ये माता हर दुखी की मुराद पूरी करती है जो मां के दरबार सच्ची श्रद्धा से जाता है। वैसाखी के दिन महामाई के कपाट , हवन यज्ञ पूजा अर्चना करने के बाद भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। आज तक जो भी अपनी मनोकामना ले कर मां के दरबार गया है उसकी हर मनोकामना मां ने पूरी की है। ये रोड से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पैदल जाना पड़ता है। आपको बताते चलें कि इस मंदिर की खूब सूरत बात ये है कि माता के मंदिर से देवदार का पेड़ ऊपर नहीं जा सकता है जैसे ही माता के मंदिर से पेड़ ऊपर बढ़ने लगता है। पेड़ की चोटी सूखने शुरू हो जाती है और ग्रंथों में जो वर्णित है कि शमी का पौधा भी इसी मंदिर के आस पास पाया जाता है । सैकड़ों की संख्या में भक्तजनों ने माता के दरबार में हाजिरी लगाई, और मां के कपाट खोलने के नजारे को निहारा।
चम्बा , [ भरमौर ] , 14 अप्रैल [ शिवानी ] ! ग्राम पंचायत उल्लाँसा गांव के ऊपर बसी है माता चुरेहन। ये माता हर दुखी की मुराद पूरी करती है जो मां के दरबार सच्ची श्रद्धा से जाता है। वैसाखी के दिन महामाई के कपाट , हवन यज्ञ पूजा अर्चना करने के बाद भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं।
आज तक जो भी अपनी मनोकामना ले कर मां के दरबार गया है उसकी हर मनोकामना मां ने पूरी की है। ये रोड से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पैदल जाना पड़ता है। आपको बताते चलें कि इस मंदिर की खूब सूरत बात ये है कि माता के मंदिर से देवदार का पेड़ ऊपर नहीं जा सकता है जैसे ही माता के मंदिर से पेड़ ऊपर बढ़ने लगता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
पेड़ की चोटी सूखने शुरू हो जाती है और ग्रंथों में जो वर्णित है कि शमी का पौधा भी इसी मंदिर के आस पास पाया जाता है । सैकड़ों की संख्या में भक्तजनों ने माता के दरबार में हाजिरी लगाई, और मां के कपाट खोलने के नजारे को निहारा।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -