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हमीरपुर , 25 दिसंबर ! भारत रत्न, पद्म विभूषण से सम्मानित एवं श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती के उपलक्ष्य पर 25 दिसंबर बुधवार को हमीरपुर जिला के अंतर्गत समीरपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी को नमन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी के निवास स्थान पर हुआ। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अटल जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर अपने संबोधन में धूमल जी ने कहा कि यह जन्म अटल जी का शताब्दी वर्ष भी है एवं इसके चलते पूरे देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाजपेई जी ने अपने प्रधानमंत्री काल में जो कार्य देश के लिए किए हैं, उनके लिए समस्त देशवासी उनके सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्रधानमंत्री सड़क योजना से हिमाचल जैसे पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को सड़कों की सौगात दी है। ऐसी सड़कों के निर्माण के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अटल जी एक राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी थे एवं उनके द्वारा प्रस्तुत की गई रचनाओं को आज भी याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे श्रद्धेय अटल जी का हिमाचल प्रदेश के साथ विशेष लगाव रहा है। हिमाचल को वे अपना दूसरा घर समझते थे। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जिस समय चला आई तब धूमल जी हिमाचल के मुख्यमंत्री होते थे और हिमाचल का कोई ऐसा गांव नहीं था जिसे सड़कों से ना जोड़ा गया हो। इसके अतिरिक्त हिमाचल को एक विशेष आर्थिक पैकेज भी उनकी सरकार के द्वारा प्रदान किया गया था। हिमाचल प्रदेश को उन्होंने कई सौगातें दी हैं। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष देशराज शर्मा, महामंत्री राकेश ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे। इससे पूर्व भाजपा मंडल समीरपुर के अध्यक्ष अभयवीर सिंह लवली की अध्यक्षता में अटल जी को नमन किया गया। उपस्थित सभी पदाधिकारियों द्वारा उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए गए एवं उनके जीवन को याद किया गया। वहीं, इस मौके पर नवनियुक्त समीरपुर भाजपा मंडल के अध्यक्ष अभ्यवीर सिंह लवली ने अपने कार्यकर्ताओं सहित पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का आशीर्वाद प्राप्त किया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री का पद तीन बार संभाला है, वे पहले 13 दिन के लिए 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक। फिर लगातार 2 साल 8 महीने के लिए 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 और फिर वापस 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया। धूमल ने कहा कि अटल जी हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे।भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे। वर्ष 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने कहा कि वाजपेई जी चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे। लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए। आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हे भीष्मपितामह भी कहा जाता है। उन्होंने 24 दलों के गठबन्धन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे।
हमीरपुर , 25 दिसंबर ! भारत रत्न, पद्म विभूषण से सम्मानित एवं श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती के उपलक्ष्य पर 25 दिसंबर बुधवार को हमीरपुर जिला के अंतर्गत समीरपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी को नमन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी के निवास स्थान पर हुआ।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत अटल जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर अपने संबोधन में धूमल जी ने कहा कि यह जन्म अटल जी का शताब्दी वर्ष भी है एवं इसके चलते पूरे देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि वाजपेई जी ने अपने प्रधानमंत्री काल में जो कार्य देश के लिए किए हैं, उनके लिए समस्त देशवासी उनके सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्रधानमंत्री सड़क योजना से हिमाचल जैसे पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को सड़कों की सौगात दी है। ऐसी सड़कों के निर्माण के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अटल जी एक राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी थे एवं उनके द्वारा प्रस्तुत की गई रचनाओं को आज भी याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे श्रद्धेय अटल जी का हिमाचल प्रदेश के साथ विशेष लगाव रहा है।
हिमाचल को वे अपना दूसरा घर समझते थे। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जिस समय चला आई तब धूमल जी हिमाचल के मुख्यमंत्री होते थे और हिमाचल का कोई ऐसा गांव नहीं था जिसे सड़कों से ना जोड़ा गया हो। इसके अतिरिक्त हिमाचल को एक विशेष आर्थिक पैकेज भी उनकी सरकार के द्वारा प्रदान किया गया था। हिमाचल प्रदेश को उन्होंने कई सौगातें दी हैं।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष देशराज शर्मा, महामंत्री राकेश ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे। इससे पूर्व भाजपा मंडल समीरपुर के अध्यक्ष अभयवीर सिंह लवली की अध्यक्षता में अटल जी को नमन किया गया। उपस्थित सभी पदाधिकारियों द्वारा उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए गए एवं उनके जीवन को याद किया गया।
वहीं, इस मौके पर नवनियुक्त समीरपुर भाजपा मंडल के अध्यक्ष अभ्यवीर सिंह लवली ने अपने कार्यकर्ताओं सहित पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का आशीर्वाद प्राप्त किया।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री का पद तीन बार संभाला है, वे पहले 13 दिन के लिए 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक। फिर लगातार 2 साल 8 महीने के लिए 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 और फिर वापस 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया। धूमल ने कहा कि अटल जी हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे।भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे। वर्ष 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
उन्होंने कहा कि वाजपेई जी चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे। लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया।
अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए।
आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हे भीष्मपितामह भी कहा जाता है। उन्होंने 24 दलों के गठबन्धन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे।
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