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चम्बा , 02 अगस्त [ शिवानी ] ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चम्बा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा क़े सौजन्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुखरी मे स्वास्थ्य कार्यकर्ता ओर सीएचओ के लिए गर्भवती व धात्री वार्ड में मातायों को स्तनपान क़े फायदे क़े बारे में स्तनपान सप्ताह 2024 के तहत जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे डॉ नवदीप राठौर खंड चिकित्सा अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस शिविर की जानकारी देते हुए एम ई आई ओ छाँगा राम ठाकुर नें बताया की इस शिविर मे प्रतिभागियो को स्तन पान सप्ताह के अंतर्गत स्तन पान से जुड़ी जानकारी दी गईं जिस मे स्तनपान क़े फायदे बताते हुए कहा की स्तनपान ( माँ का दूध )बच्चे क़े लिए सम्पूर्ण आहार है जिसमें बच्चे की जरूरत क़े सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। नवजात बच्चे को छः माह तक केवल व केवल माँ का दूध ही पिलाना चाहिए। जन्म क़े तुरन्त बाद अथवा एक घंटे क़े भीतर स्तनपान करवाना शुरू कर देना चाहिए। छः माह क़े बाद ऊपरी आहार क़े साथ लगभग दो साल तक स्तनपान करवाना जारी रखना चाहिए। स्तनपान ( माँ का दूध ) करवाने से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास ठीक से होता है उसका विमारियों से वचाव होता है। वह स्कूल में पढ़ाई ठीक से कर पता है। माँ व बच्चे क़े बीच स्नेह प्रगाढ होता है इसके अलावा माँ को स्तन कैंसर व बच्चेदानी क़े कैंसर क़े होने का खतरा नहीं रहता।
चम्बा , 02 अगस्त [ शिवानी ] ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चम्बा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा क़े सौजन्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुखरी मे स्वास्थ्य कार्यकर्ता ओर सीएचओ के लिए गर्भवती व धात्री वार्ड में मातायों को स्तनपान क़े फायदे क़े बारे में स्तनपान सप्ताह 2024 के तहत जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे डॉ नवदीप राठौर खंड चिकित्सा अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस शिविर की जानकारी देते हुए एम ई आई ओ छाँगा राम ठाकुर नें बताया की इस शिविर मे प्रतिभागियो को स्तन पान सप्ताह के अंतर्गत स्तन पान से जुड़ी जानकारी दी गईं जिस मे स्तनपान क़े फायदे बताते हुए कहा की स्तनपान ( माँ का दूध )बच्चे क़े लिए सम्पूर्ण आहार है जिसमें बच्चे की जरूरत क़े सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
नवजात बच्चे को छः माह तक केवल व केवल माँ का दूध ही पिलाना चाहिए। जन्म क़े तुरन्त बाद अथवा एक घंटे क़े भीतर स्तनपान करवाना शुरू कर देना चाहिए। छः माह क़े बाद ऊपरी आहार क़े साथ लगभग दो साल तक स्तनपान करवाना जारी रखना चाहिए। स्तनपान ( माँ का दूध ) करवाने से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास ठीक से होता है उसका विमारियों से वचाव होता है। वह स्कूल में पढ़ाई ठीक से कर पता है। माँ व बच्चे क़े बीच स्नेह प्रगाढ होता है इसके अलावा माँ को स्तन कैंसर व बच्चेदानी क़े कैंसर क़े होने का खतरा नहीं रहता।
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