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बिलासपुर , 10 अक्टूबर [ राकेश शर्मा ] ! गौरव गर्ग द्वारा बिलासपुर ज़िला उपायुक्त पर पैसे लेने के आरोप लगने के बाद लगातार माहौल गर्म है। विपक्ष द्वारा लगातार इस मामले को लेकर बात उठाई जा रही है। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग लगातार पूरे मामले की जांच करवाने की मांग कर रहे हैं। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने घुमारवीं के एक निजी होटल में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि एमजी एडवेंचर के मालिक गौरव गर्ग ने स्पष्ठ कहा है कि पांच लाख रुपये एक बार दिए हैं जबकि घुमारवी विश्राम गृह में हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री राजेश धर्माणी की बैठक के बाद तीन लाख रुपये दिए हैं। शिमला में इतनी बड़ी पत्रकार वार्ता में आरोप लगते हैं लेकिन सरकार की तरफ से कोई जबाब नही आया।जो इशारा करता है कि सरकार व मंत्री रिश्वत के साथ जुड़े हैं। धर्माणी न तो टूरिज्म के मंत्री हैं न टूरिज्म के अधिकारी हैं। इस बात से स्पस्ट है कि अधिकारियों को मोहरा बनाकर पैसे लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले गौरव गर्ग ने साफ कहा है कि मंत्री के साथ जो बैठक करवाई गई थी वह उपायुक्त आबिद हुसैन ने तय की थी। उसी दिन पैसे लिए गए थे। राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि विपक्ष में होने के नाते मेरा फर्ज है कि सरकार की कारगुजारी को जनता के सामने रखा जाए।उन्होंने कहा कि जिस दिन 27 सितंबर को जो प्रेस वार्ता हुई उसको कहीं भी प्रकाशित नही किया गया। जिन पोर्टलों पर खबर चली थी उसको भी हटवा दिया गया है। यह इमरजेंसी की तरह है। सरकार रिश्वत के मामले में तो चुप्पी साधी हुई है लेकिन समाचार पत्रों से खबरों को बंद करवाने में जुटी है। कहा कि मंत्री राजेश धर्माणी ने लोगों को गुमराह करने के लिए कहते हैं कि इस गौरव गर्ग नाम के व्यक्ति को जानता नही हूँ। लेकिन धर्माणी इस बात को भूल गए कि जब आप वाटर स्पोर्स्ट्स के उद्घाटन पर गए थे उस दिन यह व्यक्ति भी आपके साथ खड़ा हुआ था। इसी व्यक्ति ने आपका हाथ पकड़ा था और आपने इसका नाम लेकर इसे पुकारा था। जिसकी वीडियो भी उपलब्ध है। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि अगर आरोप लगाने वाला व्यक्ति लाखों रुपये देने के बात कह रहा है। इसके सन्दर्भ में सरकार को जांच करवानी चाहिए। सच जनता के सामने आना चाहिए। आरोपों के वारे में तो कोई जांच नही करवाई जा रही है उल्टा धर्माणी डराने का काम कर रहे हैं। अगर राजेश धर्माणी कहते है कि उनका नाम सीधे तौर पर नही है तो जिसका नाम है उसकी जांच करवाएं ।साथ ही धर्माणी जो मेरे गर्ग होने का और गौरव गर्ग का रिश्ता होने की बात कर रहे है तो उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि गर्ग लगाने वाला हर कोई मेरा रिश्तेदार नही है वो पहले तथ्य जान लें फिर बात करें।
बिलासपुर , 10 अक्टूबर [ राकेश शर्मा ] ! गौरव गर्ग द्वारा बिलासपुर ज़िला उपायुक्त पर पैसे लेने के आरोप लगने के बाद लगातार माहौल गर्म है। विपक्ष द्वारा लगातार इस मामले को लेकर बात उठाई जा रही है। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग लगातार पूरे मामले की जांच करवाने की मांग कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने घुमारवीं के एक निजी होटल में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि एमजी एडवेंचर के मालिक गौरव गर्ग ने स्पष्ठ कहा है कि पांच लाख रुपये एक बार दिए हैं जबकि घुमारवी विश्राम गृह में हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री राजेश धर्माणी की बैठक के बाद तीन लाख रुपये दिए हैं।
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शिमला में इतनी बड़ी पत्रकार वार्ता में आरोप लगते हैं लेकिन सरकार की तरफ से कोई जबाब नही आया।जो इशारा करता है कि सरकार व मंत्री रिश्वत के साथ जुड़े हैं। धर्माणी न तो टूरिज्म के मंत्री हैं न टूरिज्म के अधिकारी हैं। इस बात से स्पस्ट है कि अधिकारियों को मोहरा बनाकर पैसे लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले गौरव गर्ग ने साफ कहा है कि मंत्री के साथ जो बैठक करवाई गई थी वह उपायुक्त आबिद हुसैन ने तय की थी। उसी दिन पैसे लिए गए थे।
राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि विपक्ष में होने के नाते मेरा फर्ज है कि सरकार की कारगुजारी को जनता के सामने रखा जाए।उन्होंने कहा कि जिस दिन 27 सितंबर को जो प्रेस वार्ता हुई उसको कहीं भी प्रकाशित नही किया गया। जिन पोर्टलों पर खबर चली थी उसको भी हटवा दिया गया है।
यह इमरजेंसी की तरह है। सरकार रिश्वत के मामले में तो चुप्पी साधी हुई है लेकिन समाचार पत्रों से खबरों को बंद करवाने में जुटी है। कहा कि मंत्री राजेश धर्माणी ने लोगों को गुमराह करने के लिए कहते हैं कि इस गौरव गर्ग नाम के व्यक्ति को जानता नही हूँ। लेकिन धर्माणी इस बात को भूल गए कि जब आप वाटर स्पोर्स्ट्स के उद्घाटन पर गए थे उस दिन यह व्यक्ति भी आपके साथ खड़ा हुआ था।
इसी व्यक्ति ने आपका हाथ पकड़ा था और आपने इसका नाम लेकर इसे पुकारा था। जिसकी वीडियो भी उपलब्ध है। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि अगर आरोप लगाने वाला व्यक्ति लाखों रुपये देने के बात कह रहा है। इसके सन्दर्भ में सरकार को जांच करवानी चाहिए। सच जनता के सामने आना चाहिए। आरोपों के वारे में तो कोई जांच नही करवाई जा रही है उल्टा धर्माणी डराने का काम कर रहे हैं।
अगर राजेश धर्माणी कहते है कि उनका नाम सीधे तौर पर नही है तो जिसका नाम है उसकी जांच करवाएं ।साथ ही धर्माणी जो मेरे गर्ग होने का और गौरव गर्ग का रिश्ता होने की बात कर रहे है तो उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि गर्ग लगाने वाला हर कोई मेरा रिश्तेदार नही है वो पहले तथ्य जान लें फिर बात करें।
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