युवा संसद 2024 का हुआ शुभारंभ, कुलदीप पठानिया ने बतौर मुख्यातिथि की शिरकत* -एचपीयू के सभागार में दो दिवसीय युवा संसद का आयोजन* -क्रीमीलेयर और आरक्षण संशोधन विधेयक-2024 पर छात्र करेंगे चर्चा*
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 24 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 24 और 25 अक्तूबर को युवा संसद में क्रीमीलेयर और आरक्षण संशोधन विधेयक-2024 पर "युवा संसद" का शुभारंभ वीरवार को किया गया। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मुख्यातिथि ने दीप प्रज्वलित करके "युवा संसद 2024" का शुभारंभ किया। युवा संसद को संबोधित करते हुए अध्यक्ष, हि. प्र. विधानसभा कुलदीप पठानिया ने कहा कि कोई भी व्यक्ति विशेष, विचारधारा या संस्थान सर्वोच्च नहीं बल्कि सिस्टम सर्वोच्च होता है। उन्होंने कहा सरकार, प्रशासन, न्यायालय, सरकारी संस्थान संविधान का हिस्सा है। यहां विचारों का टकराव निरंतर रहता है, लेकिन एक सिस्टम में हर इकाई की अपनी अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भी सिस्टम ही सर्वोच्च है, तभी वहां पर समाज और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले का भारत और आजादी के बाद के भारत का अध्ययन करना जरूरी है।उन्होंने कहा आप अपने आसपास के क्षेत्र में आज से करीब चार से पांच दशक पहले के सामाजिक जीवन के बारे अगर अध्ययन करेंगे तो आपको महसूस होगा कि कितना बदलाव धरातल पर हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी को एक रूप से अवसर मुहैया होने चाहिए ताकि सभी मुख्यधारा से जुड़ सकें। सरकार और प्रशासन की यही प्राथमिकता हमेशा होनी चाहिए कि सभी को समान अवसर प्राप्त हो। संस्थाओं की गरिमा और महत्वता तभी बनी रहेगी जब योजनाएं केवल घोषणाओं तक सीमित न रहे बल्कि निर्धारित लक्ष्य तक योजनाएं व्यावहारिक बने। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद शुरुआती समय में 10 सालों के लिए देश में आरक्षण लागू किया गया था। लेकिन आज भी यह साल दर साल चल रहा है। कानूनों की समय-समय पर समीक्षा होती है और उसमें बदलाव होते आए हैं। उन्होंने कहा कि इस युवा संसद में क्रीमीलेयर और आरक्षण संशोधन विधेयक-2024 पर विद्यार्थी विस्तृत तरीके से विचार रखेंगे। यहां के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इस संसद की कार्यवाही को करेंगे। समाज के हित में किन नीतियों, योजनाओं, संशोधनों की आवश्यकता है । इन विषयों पर गहन चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीक के आधार पर पूर्ण रूप निर्भर न रहते हुए विद्यार्थियों को अपना बौद्धिक ज्ञान का इस्तेमाल करना चाहिए।उन्होंने कहा मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में सभी को विकास के एक समान अवसर मुहैया करवाता हूं। वहां के लोगों की समस्याओं का प्राथमिकता के हिसाब से निराकरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने प्रदेश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। यहां से पढ़े बच्चे देश दुनिया प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहें है।युवा संसद में बतौर मुख्यावक्ता शिरकत करते हुए डॉ देवेंद्र सिंह ने कहा कि देश में क्रीमी लेयर एंड रिजर्वेशन ( अमेंडमेंट) बिल 2024 पर चर्चा चली हुई है। इसके पक्ष और विपक्ष को लेकर अनेकों तक वितर्क है। कानून समय के मुताबिक परिवर्तित होते है। लेकिन हर कानून का लक्ष्य समाज में बदलाव लाना और एक समान विकास करना है। देश के संविधान ने समाज में बदलाव लाने में बेहतरीन और अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा जो भेदभाव दशकों से जाति आधारित होता था। उसमें अब काफी हद तक रोक लग गई है। आज सामाजिक क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंध रखने वालों को अवसरों की समानता मिल रही है । इस युवा संसद में उक्त बिल को लेकर एक स्वस्थ चर्चा होगी और युवा पीढ़ी ही देश में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मुख्यातिथि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया को प्रति कुलपति प्रो राजेंद्र वर्मा ने शॉल, टॉपी और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि और मुख्य वक्ता को भी सम्मानित किया गया।विवि का विधि विभाग पहली बार राष्ट्रीय स्तर की युवा संसद करवा रहा है। इसमें प्रदेश और प्रदेश के बाहर से करीब 170 विद्यार्थी भाग ले रहे है। इसमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के प्रतिभागी शामिल है। प्रदेश विवि और अन्य विश्वविद्यालय के दो अलग-अलग श्रेणी में पंजीकृत होने वाले स्नातक डिग्री कोर्स कर चुके छात्र इसमें भाग ले रहें है। युवा संसद प्रतियोगिता में स्नातक डिग्री प्राप्त कोई भी छात्र, जिसकी आयु जुलाई, 2024 में 25 वर्ष हो, वह इसमें भाग ले रहा है।युवा संसद 2024 में प्रारंभिक राउंड, सेमीफाइनल और फिर फाइनल राउंड होगा। इसके आधार पर विजेता रहने वाले सांसद को 11,000, उपविजेता को 7,000 रुपये जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाले विद्यार्थी को 5,000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। एक सांत्वना पुरस्कार देने के अलावा बेस्ट सांसद भी चुना जाएगा, जिसे दो हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 5 विद्यार्थियों को दो-दो हज़ार रुपए के सांत्वना पुरस्कार भी दिए जायेंगे। विवि के प्रतिकुलपति, विधि संकाय के डीन और विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजिंद्र वर्मा, राष्ट्रीय युवा संसद की समन्वयक प्रो. शालिनी कश्मीरिया और संयोजक यूआईएलएस के निदेशक प्रो. शिव कुमार डोगरा, पंजाब विश्वविद्यालय के डीन ऑफ लॉ डॉ देवेंद्र सिंह , अधिष्ठाता अध्ययन प्रोफेसर बीके वर्मा, डी एस डब्ल्यू प्रो ममता मोकटा सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।
शिमला , 24 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 24 और 25 अक्तूबर को युवा संसद में क्रीमीलेयर और आरक्षण संशोधन विधेयक-2024 पर "युवा संसद" का शुभारंभ वीरवार को किया गया।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मुख्यातिथि ने दीप प्रज्वलित करके "युवा संसद 2024" का शुभारंभ किया। युवा संसद को संबोधित करते हुए अध्यक्ष, हि. प्र. विधानसभा कुलदीप पठानिया ने कहा कि कोई भी व्यक्ति विशेष, विचारधारा या संस्थान सर्वोच्च नहीं बल्कि सिस्टम सर्वोच्च होता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा सरकार, प्रशासन, न्यायालय, सरकारी संस्थान संविधान का हिस्सा है। यहां विचारों का टकराव निरंतर रहता है, लेकिन एक सिस्टम में हर इकाई की अपनी अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भी सिस्टम ही सर्वोच्च है, तभी वहां पर समाज और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आजादी से पहले का भारत और आजादी के बाद के भारत का अध्ययन करना जरूरी है।उन्होंने कहा आप अपने आसपास के क्षेत्र में आज से करीब चार से पांच दशक पहले के सामाजिक जीवन के बारे अगर अध्ययन करेंगे तो आपको महसूस होगा कि कितना बदलाव धरातल पर हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी को एक रूप से अवसर मुहैया होने चाहिए ताकि सभी मुख्यधारा से जुड़ सकें।
सरकार और प्रशासन की यही प्राथमिकता हमेशा होनी चाहिए कि सभी को समान अवसर प्राप्त हो। संस्थाओं की गरिमा और महत्वता तभी बनी रहेगी जब योजनाएं केवल घोषणाओं तक सीमित न रहे बल्कि निर्धारित लक्ष्य तक योजनाएं व्यावहारिक बने।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद शुरुआती समय में 10 सालों के लिए देश में आरक्षण लागू किया गया था। लेकिन आज भी यह साल दर साल चल रहा है। कानूनों की समय-समय पर समीक्षा होती है और उसमें बदलाव होते आए हैं। उन्होंने कहा कि इस युवा संसद में क्रीमीलेयर और आरक्षण संशोधन विधेयक-2024 पर विद्यार्थी विस्तृत तरीके से विचार रखेंगे। यहां के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इस संसद की कार्यवाही को करेंगे।
समाज के हित में किन नीतियों, योजनाओं, संशोधनों की आवश्यकता है । इन विषयों पर गहन चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीक के आधार पर पूर्ण रूप निर्भर न रहते हुए विद्यार्थियों को अपना बौद्धिक ज्ञान का इस्तेमाल करना चाहिए।उन्होंने कहा मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में सभी को विकास के एक समान अवसर मुहैया करवाता हूं।
वहां के लोगों की समस्याओं का प्राथमिकता के हिसाब से निराकरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने प्रदेश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। यहां से पढ़े बच्चे देश दुनिया प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहें है।युवा संसद में बतौर मुख्यावक्ता शिरकत करते हुए डॉ देवेंद्र सिंह ने कहा कि देश में क्रीमी लेयर एंड रिजर्वेशन ( अमेंडमेंट) बिल 2024 पर चर्चा चली हुई है।
इसके पक्ष और विपक्ष को लेकर अनेकों तक वितर्क है। कानून समय के मुताबिक परिवर्तित होते है। लेकिन हर कानून का लक्ष्य समाज में बदलाव लाना और एक समान विकास करना है। देश के संविधान ने समाज में बदलाव लाने में बेहतरीन और अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा जो भेदभाव दशकों से जाति आधारित होता था। उसमें अब काफी हद तक रोक लग गई है।
आज सामाजिक क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंध रखने वालों को अवसरों की समानता मिल रही है । इस युवा संसद में उक्त बिल को लेकर एक स्वस्थ चर्चा होगी और युवा पीढ़ी ही देश में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मुख्यातिथि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया को प्रति कुलपति प्रो राजेंद्र वर्मा ने शॉल, टॉपी और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इसके अलावा विशिष्ट अतिथि और मुख्य वक्ता को भी सम्मानित किया गया।विवि का विधि विभाग पहली बार राष्ट्रीय स्तर की युवा संसद करवा रहा है। इसमें प्रदेश और प्रदेश के बाहर से करीब 170 विद्यार्थी भाग ले रहे है। इसमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के प्रतिभागी शामिल है। प्रदेश विवि और अन्य विश्वविद्यालय के दो अलग-अलग श्रेणी में पंजीकृत होने वाले स्नातक डिग्री कोर्स कर चुके छात्र इसमें भाग ले रहें है।
युवा संसद प्रतियोगिता में स्नातक डिग्री प्राप्त कोई भी छात्र, जिसकी आयु जुलाई, 2024 में 25 वर्ष हो, वह इसमें भाग ले रहा है।युवा संसद 2024 में प्रारंभिक राउंड, सेमीफाइनल और फिर फाइनल राउंड होगा। इसके आधार पर विजेता रहने वाले सांसद को 11,000, उपविजेता को 7,000 रुपये जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाले विद्यार्थी को 5,000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
एक सांत्वना पुरस्कार देने के अलावा बेस्ट सांसद भी चुना जाएगा, जिसे दो हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 5 विद्यार्थियों को दो-दो हज़ार रुपए के सांत्वना पुरस्कार भी दिए जायेंगे।
विवि के प्रतिकुलपति, विधि संकाय के डीन और विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजिंद्र वर्मा, राष्ट्रीय युवा संसद की समन्वयक प्रो. शालिनी कश्मीरिया और संयोजक यूआईएलएस के निदेशक प्रो. शिव कुमार डोगरा, पंजाब विश्वविद्यालय के डीन ऑफ लॉ डॉ देवेंद्र सिंह , अधिष्ठाता अध्ययन प्रोफेसर बीके वर्मा, डी एस डब्ल्यू प्रो ममता मोकटा सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -