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बिलासपुर , 30 जून [ राकेश शर्मा ] ! हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज रविवार के दिन 30 हजार के करीब श्रद्धालुओं ने माता जी के दर्शन किए और माताजी का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया। हालाकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर के द्वार सुबह 4 बजे खोल दिए गए थे लेकिन श्रद्धालियों की भारी भीड़ के चलते मंदिर ऊंचे जयकारों से गूंजता रहा। आज सुबह से ही पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचना शुरू हो गए थे और मंदिर के आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। श्रद्धालुओं ने जहां पर माता जी का आशीर्वाद प्राप्त किया वहीं पर प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां भी डाली। मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने श्रद्धालुओं की भीड़ पर नियंत्रण बनाए रखा और उन्हें लाइनों में ही माता जी के दर्शन के लिए भेजा गया। जबकि मंदिर के बाहर होमगार्ड के जवानों ने भी भीड़ पर नियंत्रण बनाए रखा और फ्लाईओवर के माध्यम से श्रद्धालुओं को मंदिर भेजा। मंदिर के मुख्य द्वार और निकासी द्वार पर पंजाब की समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा ठंडे पर जल की व्यवस्था भी की गई थी जिससे श्रद्धालुओं ने काफी राहत की सांस ली।
बिलासपुर , 30 जून [ राकेश शर्मा ] ! हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज रविवार के दिन 30 हजार के करीब श्रद्धालुओं ने माता जी के दर्शन किए और माताजी का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया।
हालाकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर के द्वार सुबह 4 बजे खोल दिए गए थे लेकिन श्रद्धालियों की भारी भीड़ के चलते मंदिर ऊंचे जयकारों से गूंजता रहा।
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आज सुबह से ही पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचना शुरू हो गए थे और मंदिर के आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। श्रद्धालुओं ने जहां पर माता जी का आशीर्वाद प्राप्त किया वहीं पर प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां भी डाली।
मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने श्रद्धालुओं की भीड़ पर नियंत्रण बनाए रखा और उन्हें लाइनों में ही माता जी के दर्शन के लिए भेजा गया। जबकि मंदिर के बाहर होमगार्ड के जवानों ने भी भीड़ पर नियंत्रण बनाए रखा और फ्लाईओवर के माध्यम से श्रद्धालुओं को मंदिर भेजा।
मंदिर के मुख्य द्वार और निकासी द्वार पर पंजाब की समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा ठंडे पर जल की व्यवस्था भी की गई थी जिससे श्रद्धालुओं ने काफी राहत की सांस ली।
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