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शिमला , 28 मार्च [ विशाल सूद ] ! आर्थिक कंगाली का रोना रोने वाली सुक्खू सरकार ने मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के वेतन में बजट सत्र के अंतिम दिन 24 से 26 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को मंत्रियों, विधायकों, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के वेतन में वृद्धि संशोधन विधेयक सदन में पेश किया। आर्थिक बदहाली को लेकर सुक्खू सरकार पर लगातार हमला बोलने वाला विपक्ष हां की हां मिलाता नजर आया। हिमाचल प्रदेश में माननीयों के वेतन में नौ वर्ष बाद वृद्धि हुई है। वर्तमान में, प्रत्येक विधायक को 55 हजार रुपये का बेसिक वेतन और विभिन्न भत्तों के रूप में कुल 2 लाख 10 हजार रुपये मासिक दिए जाते हैं। इस राशि में पांच तरह के भत्ते भी शामिल हैं जिसमें 20 हजार टेलीफोन भत्ते को खत्म करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अलावा बिजली और पानी की सब्सिडी भी विधायकों को नहीं मिलेगी।
शिमला , 28 मार्च [ विशाल सूद ] ! आर्थिक कंगाली का रोना रोने वाली सुक्खू सरकार ने मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के वेतन में बजट सत्र के अंतिम दिन 24 से 26 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को मंत्रियों, विधायकों, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के वेतन में वृद्धि संशोधन विधेयक सदन में पेश किया। आर्थिक बदहाली को लेकर सुक्खू सरकार पर लगातार हमला बोलने वाला विपक्ष हां की हां मिलाता नजर आया।
हिमाचल प्रदेश में माननीयों के वेतन में नौ वर्ष बाद वृद्धि हुई है। वर्तमान में, प्रत्येक विधायक को 55 हजार रुपये का बेसिक वेतन और विभिन्न भत्तों के रूप में कुल 2 लाख 10 हजार रुपये मासिक दिए जाते हैं। इस राशि में पांच तरह के भत्ते भी शामिल हैं जिसमें 20 हजार टेलीफोन भत्ते को खत्म करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अलावा बिजली और पानी की सब्सिडी भी विधायकों को नहीं मिलेगी।
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