विधान सभा अध्यक्ष से संयुक्त समिति के गठन पर प्रस्ताव पारित, सीएम बोले हिमाचल प्रदर्शनों का प्रदेश, सभी को अपनी बात रखने का अधिकार, सभी धर्मों के लोगों को हिमाचल में रहने का अधिकार, पुरे प्रदेश के लिए स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने पर सहमति।
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शिमला , 13 सितंबर [ विशाल सूद ] ! संजौली मस्जिद विवाद से उपजी चिंगारी अब पूरे प्रदेश में फैलती नजर आ रही है जिसको शांत करने के लिए सरकार ने आज शिमला सचिवालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें बीजेपी, कोंग्रेस सीपीआईएम, सीपीआई, आम आदमी पार्टी सहित अन्य पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में सर्व सहमति से प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाएं रखने और स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। विधान सभा अध्यक्ष इसके लिए एक संयुक्त समिति का गठन करेंगे जो प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों के लिए स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहे इसके लिए सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी और बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले व्यक्ति की वेरिफिकेशन और स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने को लेकर एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या फिर से उत्पन न हो। प्रदेश में कानून के दायरे में सभी को अपना काम धंधा करने और रहने की अनुमति है। एक लड़ाई से संजौली का विवाद उपजा और राजनीतिक लाभ लेने के नेताओं ने इसे हवा देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा की हिमाचल प्रदर्शनों का प्रदेश है और छात्र राजनीति के दौरान हमने भी काफ़ी प्रदर्शन और बेरीकेड्स को तोड़े हैं। प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए सरकार काम कर रही है। वहीं भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा की प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल और भाईचारे को बनाए रखने के लिए भाजपा सरकार के साथ है लेकिन अगर मस्जिद अवैध है तो सरकार को इसमें तुरंत कारवाई अमल में लानी चाहिए। अब मस्जिद कमेटी ने भी माना है कि अवैध मस्जिद को सीज या गिराया जाए। ऐसे में अब सरकार कानूनी सलाह लेकर जल्द निर्णय ले ताकी माहौल और ज्यादा खराब न हो। सरकार इस मामले में दोषारोपण के बजाय कारवाई करें क्योंकि मामला अब प्रकाश एम आया है ऐसे में भाजपा पर फंड देने के बेबुनियाद आरोप लगाना गलत है। वहीं सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कहा कि प्रदेश में शांति और भाईचारा कायम करने के लिए सीपीआईएम सरकार के साथ है। विवाद को खत्म करना चाहिए और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। इस तरह के माहौल से प्रदेश की पर्यटन आर्थिकी और प्रदेश की छवि पर बुरा असर पड़ता है।
शिमला , 13 सितंबर [ विशाल सूद ] ! संजौली मस्जिद विवाद से उपजी चिंगारी अब पूरे प्रदेश में फैलती नजर आ रही है जिसको शांत करने के लिए सरकार ने आज शिमला सचिवालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें बीजेपी, कोंग्रेस सीपीआईएम, सीपीआई, आम आदमी पार्टी सहित अन्य पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में सर्व सहमति से प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाएं रखने और स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। विधान सभा अध्यक्ष इसके लिए एक संयुक्त समिति का गठन करेंगे जो प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों के लिए स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहे इसके लिए सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी और बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले व्यक्ति की वेरिफिकेशन और स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने को लेकर एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या फिर से उत्पन न हो। प्रदेश में कानून के दायरे में सभी को अपना काम धंधा करने और रहने की अनुमति है।
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एक लड़ाई से संजौली का विवाद उपजा और राजनीतिक लाभ लेने के नेताओं ने इसे हवा देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा की हिमाचल प्रदर्शनों का प्रदेश है और छात्र राजनीति के दौरान हमने भी काफ़ी प्रदर्शन और बेरीकेड्स को तोड़े हैं। प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए सरकार काम कर रही है।
वहीं भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा की प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल और भाईचारे को बनाए रखने के लिए भाजपा सरकार के साथ है लेकिन अगर मस्जिद अवैध है तो सरकार को इसमें तुरंत कारवाई अमल में लानी चाहिए। अब मस्जिद कमेटी ने भी माना है कि अवैध मस्जिद को सीज या गिराया जाए। ऐसे में अब सरकार कानूनी सलाह लेकर जल्द निर्णय ले ताकी माहौल और ज्यादा खराब न हो। सरकार इस मामले में दोषारोपण के बजाय कारवाई करें क्योंकि मामला अब प्रकाश एम आया है ऐसे में भाजपा पर फंड देने के बेबुनियाद आरोप लगाना गलत है।
वहीं सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कहा कि प्रदेश में शांति और भाईचारा कायम करने के लिए सीपीआईएम सरकार के साथ है। विवाद को खत्म करना चाहिए और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। इस तरह के माहौल से प्रदेश की पर्यटन आर्थिकी और प्रदेश की छवि पर बुरा असर पड़ता है।
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