पांच माह से बिना शौचालय व वर्षा शालिका के चल रहा बद्दी का अस्थाई बस अड्डा: गुरमेल बददी को चंडीगढ़ बनाने का सपना देख रहे दून विधायक, क्या ऐसे बनेगा चंडीगढ़ प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र की ऐसी हालत से खराब हो रही छवि
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सोलन [ बद्दी ] , 29 जून [ पंकज गोल्डी ] ! औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में अस्थाई बस अड्डा बने हुए अब करीब पांच माह का समय बीत गया है। हैरानी की बात है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी दून विधायक व सरकार का कोई भी प्रतिनिधि प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के बस अड्डे में एक शौचालय, वर्षा शालिका व पेयजल तक की व्यवस्था तक नहीं कर सका है। दून के विधायक बददी को चंडीगढ़ बनाने का सपना देख हैं। क्या ऐसे वह बददी को चंडीगढ़ बनाएंगे। यह सवाल भाजपा के जिला सचिव गुरमेल चौधरी ने पूछा। उन्होंने कहा कि दून के नुमाईंदे केवल उद्योगों से अपने हित साधने तक ही सीमित हैं। इसके अलावा क्षेत्र की जनता की परेशानी से उन्हें कोई सरोकार नहीं है। पिछले पांच माह से क्षेत्र की जनता भीषण गर्मी के दौरान भी अस्थाई बस अड्डे पर पानी तक को तरस रही है, लेकिन सत्ता के नशे में डूबे इन नेताओं को किसी की फिक्र नहीं है। मीलों का सफर तय कर बस अड्डे पर उतरने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य राज्यों के श्रमिक यहां शौचालय व पेयजल के लिए भी धक्के खाने को मजबूर हैं। गुरमेल चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बस अड्डे पर बसों के चालकों व परिचालकों के लिए भी शौचालयों की सुविधा नहीं है। बस अड्डे पर प्रतिदिन सैंकड़ों बसों की आवाजाही है। यहां हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश सहित पंजाब व अन्य डिपुओं की बसों की नियमित आवाजाही है। बस अड्डे की दशा को देखकर दूसरे राज्यों के लोगों में प्रदेश की छवि खराब होती जा रही है। प्रतिदिन बसों से हजारों श्रमिक, महिलाएं, बेटियां व बच्चे सफर करते हैं जो खुलेआम शौच नहीं कर सकते। ऐसे में सत्ता के नशे में डूबे नेताओं जल्द से जल्द जनता की समस्या को समझने की जरूरत है।गुरमेल चौधरी ने कहा कि बद्दी का पुराना बस स्टॉप फोरलेन की जद में आ गया था। उसके बाद सनसिटी मार्ग पर ट्रक यूनियन की पार्किंग में निमंत्रण होटल के सामने अस्थाई बस अड्डे का इंतजाम किया गया था। पांच माह से यह अस्थाई बस अड्डा चल रहा है, लेकिन बार बार जनता वह मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रही है, जिसे प्रदेश सरकार व स्थानीय नेता पूरा नहीं कर पा रहे हैं। चौधरी ने कहा कि यह दून का दुर्भाग्य है कि यहां नेता केवल अपने निजी हित को लेकर ही कार्य कर रहे हैं, जबकि जनता को खुद उनके हाल पर छोड़ दिया है।
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