बीजेपी ने फैसले को बताया सरकार के आर्थिक दिवालियापन का द्योतक, सरकार ने कहा नहीं बढ़ाया भाड़ा केवल मीडिया में हुआ भ्रामक प्रचार
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शिमला , 17 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के एक के बाद एक निर्णय खुद सरकार के लिए सर दर्द बनते जा रहे हैं. अभी टॉयलेट टैक्स का मामला पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ था कि बीते 15 अक्टूबर को एचआरटीसी की और से जारी की गई सूचना सरकार के लिए आफत बन गई. हिमाचल पथ परिवहन निगम ने बसों में माल भाड़े की दरों में बदलाव को लेकर एक अधिसूचना जारी की. इस अधिसूचना में कमर्शियल सामान पर माल भाड़े की दरों में कुछ तब्दीली की गई थी. प्रदेश में बस यात्रा के दौरान माल भाड़े की दरें बदलने की सूचना फैली तो परिवहन निगम की ओर से क्लेरिफिकेशन भी सामने आई जिसमें कहा गया कि केवल कुछ कमर्शियल वस्तुओं के भाड़े में तब्दीली की गई है. साथ ही स्पष्ट किया गया कि एचआरटीसी की बसों में कोई भी यात्री 30 किलो तक घरेलू सामान अपने साथ मुफ्त ले जा सकता है. पूरे मामले पर निगम की क्लेरिफिकेशन आने के बाद मामला शांत होता, इससे पहले मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया और विपक्ष में बैठी भाजपा को बैठे-बिठाये सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया. बिलासपुर सदर से विधायक त्रिलोक जामवाल ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आए दिन तुगलक्की फरमान जारी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से एक नई अधिसूचना जारी की गई है. इसमें एचआरटीसी की बसों में यात्रा कर रहे यात्री के हाथ में अगर दवाइयां है मोबाइल फोन है तो उसका भी किराया वसूल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय प्रदेश की वर्तमान सरकार के आर्थिक दिवालियापन को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से साबित होता है कि प्रदेश सरकार आर्थिक रूप से कंगाल हो गई है. उन्होंने कहा इससे पहले प्रदेश सरकार ने घरों पर आने वाले पानी पर भी शुल्क लगा दिया. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में केवल हवा पर टैक्स लगना बाकी रह गया है, जो आने वाले दिनों में कभी भी सरकार लगा सकती है। वहीं दूसरी ओर इस मामले में सरकार का पक्ष है कि मीडिया पर भ्रामक प्रचार किया गया. केवल कमर्शियल वस्तुओं के भाड़े में कुछ तब्दीली की गई है. मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि एचआरटीसी की बसों में माल भाड़े को लेकर भ्रामक प्रचार मीडिया में किया गया. इसको लेकर हिमाचल पद परिवहन निगम की ओर से क्लेरिफिकेशन भी दी गई है. उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की बसों कोई भी व्यक्ति अपने साथ 30 किलो तक घरेलू माल बिना किसी शुल्क के ले सकता है उन्होंने कहा कि केवल कुछ कमर्शियल वस्तुओं पर लगने वाले माल भाड़े में कुछ तब्दीली की गई है व्यक्तियों के साथ जाने वाले 30 किलो सामान पर कोई किराया नहीं लिया जा रहा है. यह केवल भ्रामक प्रचार है और इसको लेकर पथ परिवहन निगम की ओर से भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
शिमला , 17 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के एक के बाद एक निर्णय खुद सरकार के लिए सर दर्द बनते जा रहे हैं. अभी टॉयलेट टैक्स का मामला पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ था कि बीते 15 अक्टूबर को एचआरटीसी की और से जारी की गई सूचना सरकार के लिए आफत बन गई. हिमाचल पथ परिवहन निगम ने बसों में माल भाड़े की दरों में बदलाव को लेकर एक अधिसूचना जारी की.
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इस अधिसूचना में कमर्शियल सामान पर माल भाड़े की दरों में कुछ तब्दीली की गई थी. प्रदेश में बस यात्रा के दौरान माल भाड़े की दरें बदलने की सूचना फैली तो परिवहन निगम की ओर से क्लेरिफिकेशन भी सामने आई जिसमें कहा गया कि केवल कुछ कमर्शियल वस्तुओं के भाड़े में तब्दीली की गई है. साथ ही स्पष्ट किया गया कि एचआरटीसी की बसों में कोई भी यात्री 30 किलो तक घरेलू सामान अपने साथ मुफ्त ले जा सकता है.
पूरे मामले पर निगम की क्लेरिफिकेशन आने के बाद मामला शांत होता, इससे पहले मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया और विपक्ष में बैठी भाजपा को बैठे-बिठाये सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया. बिलासपुर सदर से विधायक त्रिलोक जामवाल ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आए दिन तुगलक्की फरमान जारी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से एक नई अधिसूचना जारी की गई है.
इसमें एचआरटीसी की बसों में यात्रा कर रहे यात्री के हाथ में अगर दवाइयां है मोबाइल फोन है तो उसका भी किराया वसूल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय प्रदेश की वर्तमान सरकार के आर्थिक दिवालियापन को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से साबित होता है कि प्रदेश सरकार आर्थिक रूप से कंगाल हो गई है. उन्होंने कहा इससे पहले प्रदेश सरकार ने घरों पर आने वाले पानी पर भी शुल्क लगा दिया. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में केवल हवा पर टैक्स लगना बाकी रह गया है, जो आने वाले दिनों में कभी भी सरकार लगा सकती है।
वहीं दूसरी ओर इस मामले में सरकार का पक्ष है कि मीडिया पर भ्रामक प्रचार किया गया. केवल कमर्शियल वस्तुओं के भाड़े में कुछ तब्दीली की गई है. मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि एचआरटीसी की बसों में माल भाड़े को लेकर भ्रामक प्रचार मीडिया में किया गया. इसको लेकर हिमाचल पद परिवहन निगम की ओर से क्लेरिफिकेशन भी दी गई है.
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की बसों कोई भी व्यक्ति अपने साथ 30 किलो तक घरेलू माल बिना किसी शुल्क के ले सकता है उन्होंने कहा कि केवल कुछ कमर्शियल वस्तुओं पर लगने वाले माल भाड़े में कुछ तब्दीली की गई है व्यक्तियों के साथ जाने वाले 30 किलो सामान पर कोई किराया नहीं लिया जा रहा है. यह केवल भ्रामक प्रचार है और इसको लेकर पथ परिवहन निगम की ओर से भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
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