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चम्बा , 19 जनवरी [ शिवानी ] ! चम्बा जिला में बारिश और बर्फबारी के बाद अब जहां मौसम खुशनुमा है वही सेब के बागानों के भी चेहरे खिले हुए हैं । दरअसल इन दिनों सेब के पौधे के लिए चिलिंग ऑवर की बहुत जरूरत होती है और जब बारिश और बर्फबारी होती है उस समय इन पौधों के लिए यह चिलिंग ऑवर काफी लाभदायक सिद्ध होते हैं । अगर ऊपरी वह निचले क्षेत्रों के सेब के बगीचों के पौधों की बात करें तो करीब 800 से 1600 चिलिंग ऑवर हर पौधे को चाहिए जिससे आने वाले समय में पौधों में काफी बढ़िया फल देखने को मिलते हैं । इन चिलिंग आवर की वजह से जहां पैदावार में बढ़ोतरी होती है वहीं कई प्रकार की बीमारियों से भी सेब के पौधों को निजात मिलती है। अब उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और भी बर्फबारी और बारिश हो जिससे सेब के पौधों के चिलिंग ऑवर पूरे हो पाए।वही उपनिदेशक बागवानी चम्बा प्रमोद शाह ने बताया कि इस बार हुई बारिश व बर्फबारी की वजह से सेब के पौधों को काफी फायदा हुआ है जिससे आने वाले समय में पैदावार बढ़िया होने की संभावना है । उन्होंने कहा कि ऊपर व निचले क्षेत्रों में सेब के पौधों के लिए करीब 800 से 1600 चिलिंग ऑवर की जरूरत रहती है जो इस बारिश और बर्फबारी से काफी हद तक पूरे हो चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और बर्फबारी होगी और इन सेब के पौधों के लिए चिलिंग ऑवर पूरे होंगे । उन्होंने कहा कि आजकल बहुत बढ़िया उन्नत किस्म के सेब के पौधे की वैरायटी शुरू हुई है और बागवानों को चाहिए कि अगर जिस क्षेत्र में बारिशों व बर्फवारी की संभावना कम होती है वहां पर उन पौधों का इस्तेमाल किया जाए ताकि अगर मौसम में साथ नहीं दिया तब भी पैदावार में कोई कमी नहीं होती है । इसीलिए जहां जहां जिस तरह की जलवायु हो उस तरह के पौधों का इस्तेमाल करें ।
चम्बा , 19 जनवरी [ शिवानी ] ! चम्बा जिला में बारिश और बर्फबारी के बाद अब जहां मौसम खुशनुमा है वही सेब के बागानों के भी चेहरे खिले हुए हैं । दरअसल इन दिनों सेब के पौधे के लिए चिलिंग ऑवर की बहुत जरूरत होती है और जब बारिश और बर्फबारी होती है उस समय इन पौधों के लिए यह चिलिंग ऑवर काफी लाभदायक सिद्ध होते हैं ।
अगर ऊपरी वह निचले क्षेत्रों के सेब के बगीचों के पौधों की बात करें तो करीब 800 से 1600 चिलिंग ऑवर हर पौधे को चाहिए जिससे आने वाले समय में पौधों में काफी बढ़िया फल देखने को मिलते हैं । इन चिलिंग आवर की वजह से जहां पैदावार में बढ़ोतरी होती है वहीं कई प्रकार की बीमारियों से भी सेब के पौधों को निजात मिलती है। अब उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और भी बर्फबारी और बारिश हो जिससे सेब के पौधों के चिलिंग ऑवर पूरे हो पाए।
वही उपनिदेशक बागवानी चम्बा प्रमोद शाह ने बताया कि इस बार हुई बारिश व बर्फबारी की वजह से सेब के पौधों को काफी फायदा हुआ है जिससे आने वाले समय में पैदावार बढ़िया होने की संभावना है । उन्होंने कहा कि ऊपर व निचले क्षेत्रों में सेब के पौधों के लिए करीब 800 से 1600 चिलिंग ऑवर की जरूरत रहती है जो इस बारिश और बर्फबारी से काफी हद तक पूरे हो चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और बर्फबारी होगी और इन सेब के पौधों के लिए चिलिंग ऑवर पूरे होंगे ।
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उन्होंने कहा कि आजकल बहुत बढ़िया उन्नत किस्म के सेब के पौधे की वैरायटी शुरू हुई है और बागवानों को चाहिए कि अगर जिस क्षेत्र में बारिशों व बर्फवारी की संभावना कम होती है वहां पर उन पौधों का इस्तेमाल किया जाए ताकि अगर मौसम में साथ नहीं दिया तब भी पैदावार में कोई कमी नहीं होती है । इसीलिए जहां जहां जिस तरह की जलवायु हो उस तरह के पौधों का इस्तेमाल करें ।
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