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मंडी , 05 जुलाई ! शुक्रवार को ब्लूम्स कॉलेज बीएड के छात्र छात्राएं अपनी समस्या को लेकर एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार के पास पंहुचे और उन्हें ज्ञापन प्रेषित किया। एडीएम के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और राज्यपाल से गुहार लगाई है कि ब्लूम्स कॉलेज द्वारा एचपीयू का बीएड बैच 2023-24 में दाखिला लिया गया था। जिसमें शुरू में कक्षायें सुचारू रूप से लगती गई और जब पहला समैस्टर के परीक्षा का समय आया तो एडमिट कार्ड न आने के वजह से पता चला कि ब्लूम्स कॉलेज की मान्यता एनसीटीई द्वारा पहले ही रद्द कर दी गई थी और कॉलेज प्रशासन द्वारा इस तरह की विद्यार्थीयों को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। विद्यार्थीयों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन खासकर प्रिंसिपल से बात करने पर उन्होंने साफ इंकार कर दिया कि इसमें अब हम कुछ नहीं कर सकते। छात्रों ने मांग करते हुए कहा कि इस तरह से हमारा एक साल तो व्यर्थ गया ही, साथ ही कॉलेज प्रशासन ने गलत तरीके से जानकारी देते हुए उनसे 1-2 सेमेस्टर तक की फीस ऐंठ ली। जिसका आँकड़ा लगभग 35-40 लाख तक का है। विद्यार्थीयों ने बताया कि कॉलेज से जब अपनी फीस वापिस भी माँगनी चाही तो उन्हें ये कह के टाल दिया गया कि इतना तो आप लोगों को 2-3 महीनों में पढ़ाया जा चुका है। और उसके बाद छात्रों द्वारा फोन करने के बावजूद ज़्यादातर छात्रों के फोन नंबर प्रिंसिपल द्वारा ब्लॉक लिस्ट में डाल दिये गये। छात्रों ने बताया कि कॉलेज जाने पर प्रिंसिपल के गैर मौजूदगी में उन्हें अंदर आने पर भी रोका गया। करीब 96 बीएड प्रशिक्षुओं ने प्रशासन और सरकार से आग्रह किया है कि इस स्तिथि को देखते हुए उक्त विषय में हस्तक्षेप करें और छात्रों को उनकी फीस वापिस करवाने में मदद की जाए।
मंडी , 05 जुलाई ! शुक्रवार को ब्लूम्स कॉलेज बीएड के छात्र छात्राएं अपनी समस्या को लेकर एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार के पास पंहुचे और उन्हें ज्ञापन प्रेषित किया। एडीएम के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और राज्यपाल से गुहार लगाई है कि ब्लूम्स कॉलेज द्वारा एचपीयू का बीएड बैच 2023-24 में दाखिला लिया गया था।
जिसमें शुरू में कक्षायें सुचारू रूप से लगती गई और जब पहला समैस्टर के परीक्षा का समय आया तो एडमिट कार्ड न आने के वजह से पता चला कि ब्लूम्स कॉलेज की मान्यता एनसीटीई द्वारा पहले ही रद्द कर दी गई थी और कॉलेज प्रशासन द्वारा इस तरह की विद्यार्थीयों को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। विद्यार्थीयों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन खासकर प्रिंसिपल से बात करने पर उन्होंने साफ इंकार कर दिया कि इसमें अब हम कुछ नहीं कर सकते।
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छात्रों ने मांग करते हुए कहा कि इस तरह से हमारा एक साल तो व्यर्थ गया ही, साथ ही कॉलेज प्रशासन ने गलत तरीके से जानकारी देते हुए उनसे 1-2 सेमेस्टर तक की फीस ऐंठ ली। जिसका आँकड़ा लगभग 35-40 लाख तक का है।
विद्यार्थीयों ने बताया कि कॉलेज से जब अपनी फीस वापिस भी माँगनी चाही तो उन्हें ये कह के टाल दिया गया कि इतना तो आप लोगों को 2-3 महीनों में पढ़ाया जा चुका है। और उसके बाद छात्रों द्वारा फोन करने के बावजूद ज़्यादातर छात्रों के फोन नंबर प्रिंसिपल द्वारा ब्लॉक लिस्ट में डाल दिये गये।
छात्रों ने बताया कि कॉलेज जाने पर प्रिंसिपल के गैर मौजूदगी में उन्हें अंदर आने पर भी रोका गया। करीब 96 बीएड प्रशिक्षुओं ने प्रशासन और सरकार से आग्रह किया है कि इस स्तिथि को देखते हुए उक्त विषय में हस्तक्षेप करें और छात्रों को उनकी फीस वापिस करवाने में मदद की जाए।
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