श्रद्धालुओं से सुरक्षित तथा अविस्मरणीय यात्रा के लिए सलाह के पालन का किया आग्रह
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चम्बा [ भरमौर ] , 19 अगस्त [ शिवानी ] ! श्री मणिमहेश यात्रा-2024 के तहत श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर उपमंडलीय प्रशासन भरमौर ने विशेष सलाह (स्पेशल एडवाइजरी) जारी की है । अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी कुलबीर सिंह राणा ने श्री मणिमहेश यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं से विशेष सलाह का पालन कर अपनी यात्रा को सुरक्षित तथा अविस्मरणीय बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने विशेषकर मैदानी क्षेत्रों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान इत्यादि से आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी रखने का भी आह्वान किया है । उन्होंने बताया कि चूंकि श्री मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत की अन्य धार्मिक यात्राओं से अधिक दुर्गम है । पवित्र डल झील 13 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे में निचले गर्म क्षेत्रों से आकर भरमौर-हड़़सर से सीधे यात्रा शुरू कर देना श्रद्धालुओं के शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं है। स्थानीय वातावरण के अनुकूल अपने आप को ढालने के लिए चंबा, भरमौर इत्यादि स्थानों में ठहराव आवश्यक है । श्रद्धालुओं को परामर्श देते हुए उनका कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में वाहन चलाते समय अत्यंत सावधानी रखें। विशेष कर पहाड़ों में उतराई के दौरान वाहनों के ब्रेकिंग सिस्टम का अत्यधिक गर्म होना दुर्घटना का प्रमुख कारण रहता है । सुरक्षा की दृष्टि से यह आवश्यक है कि उतराई के दौरान वाहन की गति नियंत्रित रखते हुए बड़े गेयर का प्रयोग किया जाए । रात के समय बिल्कुल यात्रा न करें। प्रशासन द्वारा विभिन्न स्थानों पर स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखित दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित बनाएं। बरसात के दौरान नदी-नालों में जलस्तर अचानक बढ़ाने की भी संभावना रहती है, इसलिए नदी-नालों में बिल्कुल न उतरे । गर्म कपड़े, टॉर्च, छाता-रेनकोट अपने साथ अवश्य रखें। शारीरिक फिटनेस के लिए स्वास्थ्य जांच आवश्यक करवाएं। मौसम के पूर्वानुमान को नजर अंदाज न करें । हड़सर गाँव से ऊपर चढ़ाई चढ़ते समय सावधानीपूर्वक चले। ऐसे स्थानों पर बिल्कुल ना रुके जहां पर पत्थर गिरने की संभावना हो। प्रशासन द्वारा स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखे दिशा-निर्देशों का पालन पूरी तरह सुनिश्चित बनाएं । साथ में यात्रा के लिए अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं।कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि शैव-शिवा को समर्पित यह संपूर्ण घाटी पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि वे यहाँ गंदगी फैलाकर पाप के भागीदार न बने तथा प्रतिबंधित पोली पदार्थ का प्रयोग बिल्कुल न करें । अधिक जानकारी के लिए नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 01895-225027 पर संपर्क किया जा सकता है । स्थानीय परंपरा के अनुरूप कृष्ण जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक श्री मणिमहेश यात्रा का आयोजन होता है। कृष्ण जन्माष्टमी वाले दिन को छोटा न्होंण तथा राधा अष्टमी वाले स्नान के दिन को बड़ा न्होंण कहा जाता है। इस वर्ष 26 अगस्त से 11 सितंबर तक यात्रा का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं को गौरीकुंड हेलीपैड तक हेली टैक्सी की सुविधा मिलेगी । हेली टैक्सी सेवाएं 22 अगस्त से शुरू होगी। बुकिंग के लिए लिंक श्री मणिमहेश ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है ।
चम्बा [ भरमौर ] , 19 अगस्त [ शिवानी ] ! श्री मणिमहेश यात्रा-2024 के तहत श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर उपमंडलीय प्रशासन भरमौर ने विशेष सलाह (स्पेशल एडवाइजरी) जारी की है ।
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अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी कुलबीर सिंह राणा ने श्री मणिमहेश यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं से विशेष सलाह का पालन कर अपनी यात्रा को सुरक्षित तथा अविस्मरणीय बनाने का आग्रह किया है।
उन्होंने विशेषकर मैदानी क्षेत्रों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान इत्यादि से आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी रखने का भी आह्वान किया है । उन्होंने बताया कि चूंकि श्री मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत की अन्य धार्मिक यात्राओं से अधिक दुर्गम है । पवित्र डल झील 13 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।
ऐसे में निचले गर्म क्षेत्रों से आकर भरमौर-हड़़सर से सीधे यात्रा शुरू कर देना श्रद्धालुओं के शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं है। स्थानीय वातावरण के अनुकूल अपने आप को ढालने के लिए चंबा, भरमौर इत्यादि स्थानों में ठहराव आवश्यक है ।
श्रद्धालुओं को परामर्श देते हुए उनका कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में वाहन चलाते समय अत्यंत सावधानी रखें। विशेष कर पहाड़ों में उतराई के दौरान वाहनों के ब्रेकिंग सिस्टम का अत्यधिक गर्म होना दुर्घटना का प्रमुख कारण रहता है । सुरक्षा की दृष्टि से यह आवश्यक है कि उतराई के दौरान वाहन की गति नियंत्रित रखते हुए बड़े गेयर का प्रयोग किया जाए ।
रात के समय बिल्कुल यात्रा न करें। प्रशासन द्वारा विभिन्न स्थानों पर स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखित दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित बनाएं। बरसात के दौरान नदी-नालों में जलस्तर अचानक बढ़ाने की भी संभावना रहती है, इसलिए नदी-नालों में बिल्कुल न उतरे ।
गर्म कपड़े, टॉर्च, छाता-रेनकोट अपने साथ अवश्य रखें। शारीरिक फिटनेस के लिए स्वास्थ्य जांच आवश्यक करवाएं। मौसम के पूर्वानुमान को नजर अंदाज न करें । हड़सर गाँव से ऊपर चढ़ाई चढ़ते समय सावधानीपूर्वक चले। ऐसे स्थानों पर बिल्कुल ना रुके जहां पर पत्थर गिरने की संभावना हो। प्रशासन द्वारा स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखे दिशा-निर्देशों का पालन पूरी तरह सुनिश्चित बनाएं । साथ में यात्रा के लिए अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं।कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि शैव-शिवा को समर्पित यह संपूर्ण घाटी पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि वे यहाँ गंदगी फैलाकर पाप के भागीदार न बने तथा प्रतिबंधित पोली पदार्थ का प्रयोग बिल्कुल न करें ।
अधिक जानकारी के लिए नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 01895-225027 पर संपर्क किया जा सकता है ।
स्थानीय परंपरा के अनुरूप कृष्ण जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक श्री मणिमहेश यात्रा का आयोजन होता है। कृष्ण जन्माष्टमी वाले दिन को छोटा न्होंण तथा राधा अष्टमी वाले स्नान के दिन को बड़ा न्होंण कहा जाता है। इस वर्ष 26 अगस्त से 11 सितंबर तक यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
श्रद्धालुओं को गौरीकुंड हेलीपैड तक हेली टैक्सी की सुविधा मिलेगी । हेली टैक्सी सेवाएं 22 अगस्त से शुरू होगी। बुकिंग के लिए लिंक श्री मणिमहेश ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है ।
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