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शिमला, 25 मार्च [ विशाल सूद ] !ऋषिकेश, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, विद्युत क्षेत्र का एक अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम है तथा पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और नैतिक शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर सदैव दृढ़ है। अपने निरंतर सतर्कता प्रयासों के अंतर्गत, कंपनी ने 25 से 27 मार्च, 2025 तक अल्लेप्पी, केरल में वार्षिक सतर्कता बैठक 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर. के. विश्नोई ने कॉर्पोरेट प्रशासन और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के प्रति कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया, और इस बात पर बल दिया कि सतर्कता केवल एक नियामक अनिवार्यता नहीं, बल्कि संगठनात्मक उत्कृष्टता और राष्ट्र निर्माण का एक मूलभूत स्तंभ भी है। श्री विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल का सतर्कता विभाग सक्रिय और दूरदर्शी संगठनात्मक दक्षता और शासन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है। टीएचडीसीआईएल में हम मानते है कि सतर्कता केवल अनुपालन तक सीमित नहीं है; यह जवाबदेही और विश्वास की संस्कृति को बढ़ावा देने का माध्यम भी है। साथ ही नैतिक शासन में हमारी पहल न केवल हमारे संचालन को मजबूत करती है, बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी कॉर्पोरेट पारिस्थितिकी तंत्र के व्यापक दृष्टिकोण में भी योगदान देती है। नैतिक शासन एक स्थायी संगठन का आधार भी है। यह निष्पक्षता सुनिश्चित करता है, विश्वास का निर्माण करता है और हितधारकों के दीर्घकालिक हितों की रक्षा भी करता है। वार्षिक सतर्कता बैठक जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम कर्मचारियों को ज्ञान साझा करने, नैतिक शासन की गहरी समझ विकसित करने और उनके सतर्कता कौशल को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं। यह बैठक हमें नियमित कार्यालय के काम से दूर रहने और बिना किसी व्यवधान के साथ सीखने में एक अमूल्य अवसर प्रदान करती है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल कार्यालय के वातावरण से दूर हमारी व्यावसायिक दक्षताओं को निखारने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हमारे नैतिक दृष्टिकोण को आकार देने में भी सहायक हैं। वे हमें ईमानदार व्यक्तियों के रूप में विकसित करने में मदद करते हैं, हममें सत्यनिष्ठा, नैतिकता और जिम्मेदारी की गहरी भावना को स्थापित करते हैं। श्री विश्नोई ने आगे रेखांकित करते हुए कहा कि सतर्कता को संगठन के प्रत्येक स्तर में गहराई से समाहित किया जाना चाहिए। "सतर्कता केवल कुछ व्यक्तियों का दायित्व नहीं है; यह एक सामूहिक कर्तव्य भी है। प्रत्येक कर्मचारी, चाहे उसकी भूमिका या पदनाम कुछ भी हो, वह सत्यनिष्ठा का प्रतीक होना चाहिए। सक्रिय सतर्कता उपाय और एक मजबूत नैतिक ढांचा हमें एक ऐसा वातावरण निर्माण करने में मदद करेगा जहां पारदर्शिता, दक्षता और निष्पक्षता हमारे दैनिक कार्यों में अंतर्निहित होगा। इन मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता न केवल टीएचडीसीआईएल को उत्कृष्टता की ओर ले जाएगी, बल्कि पूरे क्षेत्र को उच्चतम नैतिक मानकों के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित भी करेगी।" कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि, निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेंद्र सिंह, साथ ही टीएचडीसीआईएल की मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ), सुश्री रश्मिता झा (आईआरएस) की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेंद्र सिंह ने सभी स्तरों पर सतर्कता को सुदृढ़ करने में क्षमता निर्माण और कर्मचारी संवेदनशीलता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, "मजबूत नैतिक नींव दीर्घकालिक संगठनात्मक सफलता की ओर ले जाती है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे कर्मचारी अपने पेशेवर आचरण के हर पहलू में सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं। श्री सिंह ने आगे कहा कि, "सत्यनिष्ठा और निष्पक्ष व्यवहार केवल कॉर्पोरेट मूल्य नहीं हैं, बल्कि एक प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक आधारशिला हैं। जब एक संगठन पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करता हैं, तो वे अधिक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण आर्थिक प्रणाली में योगदान देते हैं, जिससे कर्मचारियों, व्यवसायों और आम जनता सहित सभी हितधारकों को लाभ मिलता है। इस तरह के संवादात्मक सत्र कर्मचारियों को सतर्कता प्रथाओं, नैतिक शासन और अनुपालन रूपरेखा की गहरी समझ विकसित करने में सहायक होते हैं। वार्षिक सतर्कता बैठक 2025 के माध्यम से, टीएचडीसीआईएल ने संगठन और राष्ट्र के सतत विकास को सुनिश्चित करते हुए, नैतिक नेतृत्व और सक्रिय सतर्कता उपायों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया है। सतर्कता को हमारे कार्यालय के कामकाज में केवल एक अनुपालन तंत्र के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि हमें इसे अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में एक आदत के रूप में समाहित करना चाहिए और साथ ही इसे जीवन शैली का एक हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारा राष्ट्र, हमारा संगठन, हमारा समाज और हम स्वयं नैतिक और सतत विकास की मजबूत नींव पर रखे गए मार्ग पर आगे बढ़ें। सभा को संबोधित करते हुए, श्री सिंह ने महत्वपूर्ण और सार्थक संस्कृत श्लोक, "धर्मो रक्षति रक्षितः" (जब हम धर्म की रक्षा करते हैं, तो धर्म हमारी भी रक्षा करता है) के साथ समापन किया, जिसमें यह बल दिया गया कि सत्यनिष्ठा और नैतिक शासन एक मजबूत और स्थायी संगठन के आधार हैं।बैठक के दौरान, टीएचडीसीआईएल की सीवीओ, सुश्री रश्मिता झा (आईआरएस) ने संगठनात्मक सत्यनिष्ठा को बढ़ावा देने में सतर्कता विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सतर्कता जागरूकता सप्ताह (वीएडब्ल्यू) 2024 के सफल आयोजन पर भी प्रकाश डाला।अगस्त और नवंबर 2024 के मध्य आयोजित अभियान, "राष्ट्र की समृद्धि के लिए सत्यनिष्ठा की संस्कृति" विषय पर केंद्रित था, जिसमें कर्मचारियों, हितधारकों और जनता की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया।इस कार्यक्रम में वैश्विक भ्रष्टाचार विरोधी मानकों के साथ संरेखित करने के लिए एंटी-ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम (एबीएमएस) (आईएसओ 37001:2016) के कार्यान्वयन और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए शिकायत निवारण मॉड्यूल के उन्नयन सहित सतर्कता तंत्र को मजबूत करने में टीएचडीसीआईएल की प्रगतिशील पहलों को भी प्रदर्शित किया गया। इस बैठक में विद्युत क्षेत्र में टीएचडीसीआईएल की हालिया उपलब्धियों को भी दर्शाया गया, जिसमें 1320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की कमीशनिंग, टिहरी में 1000 मेगावाट पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का सफल ड्राई रन और सिंगरौली, मध्य प्रदेश में अमेलिया कोयला खदानों का निर्धारित समय से पहले संचालन शामिल है। ये उपलब्धियां कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञता, प्रबंधकीय उत्कृष्टता और जिम्मेदार कॉर्पोरेट सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।कार्यक्रम में संगठन से लगभग 25 सतर्कता अधिकारियों ने भाग लिया, जिन्होंने निवारक सतर्कता, कॉर्पोरेट नैतिकता और सुशासन की सर्वोत्तम प्रथाओं पर ज्ञानवर्धक सत्रों में भाग लिया।
शिमला, 25 मार्च [ विशाल सूद ] !ऋषिकेश, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, विद्युत क्षेत्र का एक अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम है तथा पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और नैतिक शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर सदैव दृढ़ है। अपने निरंतर सतर्कता प्रयासों के अंतर्गत, कंपनी ने 25 से 27 मार्च, 2025 तक अल्लेप्पी, केरल में वार्षिक सतर्कता बैठक 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर. के. विश्नोई ने कॉर्पोरेट प्रशासन और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के प्रति कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया, और इस बात पर बल दिया कि सतर्कता केवल एक नियामक अनिवार्यता नहीं, बल्कि संगठनात्मक उत्कृष्टता और राष्ट्र निर्माण का एक मूलभूत स्तंभ भी है।
श्री विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल का सतर्कता विभाग सक्रिय और दूरदर्शी संगठनात्मक दक्षता और शासन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है। टीएचडीसीआईएल में हम मानते है कि सतर्कता केवल अनुपालन तक सीमित नहीं है; यह जवाबदेही और विश्वास की संस्कृति को बढ़ावा देने का माध्यम भी है। साथ ही नैतिक शासन में हमारी पहल न केवल हमारे संचालन को मजबूत करती है, बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी कॉर्पोरेट पारिस्थितिकी तंत्र के व्यापक दृष्टिकोण में भी योगदान देती है। नैतिक शासन एक स्थायी संगठन का आधार भी है। यह निष्पक्षता सुनिश्चित करता है, विश्वास का निर्माण करता है और हितधारकों के दीर्घकालिक हितों की रक्षा भी करता है। वार्षिक सतर्कता बैठक जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम कर्मचारियों को ज्ञान साझा करने, नैतिक शासन की गहरी समझ विकसित करने और उनके सतर्कता कौशल को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं। यह बैठक हमें नियमित कार्यालय के काम से दूर रहने और बिना किसी व्यवधान के साथ सीखने में एक अमूल्य अवसर प्रदान करती है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल कार्यालय के वातावरण से दूर हमारी व्यावसायिक दक्षताओं को निखारने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हमारे नैतिक दृष्टिकोण को आकार देने में भी सहायक हैं। वे हमें ईमानदार व्यक्तियों के रूप में विकसित करने में मदद करते हैं, हममें सत्यनिष्ठा, नैतिकता और जिम्मेदारी की गहरी भावना को स्थापित करते हैं।
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श्री विश्नोई ने आगे रेखांकित करते हुए कहा कि सतर्कता को संगठन के प्रत्येक स्तर में गहराई से समाहित किया जाना चाहिए। "सतर्कता केवल कुछ व्यक्तियों का दायित्व नहीं है; यह एक सामूहिक कर्तव्य भी है। प्रत्येक कर्मचारी, चाहे उसकी भूमिका या पदनाम कुछ भी हो, वह सत्यनिष्ठा का प्रतीक होना चाहिए। सक्रिय सतर्कता उपाय और एक मजबूत नैतिक ढांचा हमें एक ऐसा वातावरण निर्माण करने में मदद करेगा जहां पारदर्शिता, दक्षता और निष्पक्षता हमारे दैनिक कार्यों में अंतर्निहित होगा। इन मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता न केवल टीएचडीसीआईएल को उत्कृष्टता की ओर ले जाएगी, बल्कि पूरे क्षेत्र को उच्चतम नैतिक मानकों के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित भी करेगी।"
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि, निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेंद्र सिंह, साथ ही टीएचडीसीआईएल की मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ), सुश्री रश्मिता झा (आईआरएस) की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेंद्र सिंह ने सभी स्तरों पर सतर्कता को सुदृढ़ करने में क्षमता निर्माण और कर्मचारी संवेदनशीलता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, "मजबूत नैतिक नींव दीर्घकालिक संगठनात्मक सफलता की ओर ले जाती है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे कर्मचारी अपने पेशेवर आचरण के हर पहलू में सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं।
श्री सिंह ने आगे कहा कि, "सत्यनिष्ठा और निष्पक्ष व्यवहार केवल कॉर्पोरेट मूल्य नहीं हैं, बल्कि एक प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक आधारशिला हैं। जब एक संगठन पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करता हैं, तो वे अधिक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण आर्थिक प्रणाली में योगदान देते हैं, जिससे कर्मचारियों, व्यवसायों और आम जनता सहित सभी हितधारकों को लाभ मिलता है।
इस तरह के संवादात्मक सत्र कर्मचारियों को सतर्कता प्रथाओं, नैतिक शासन और अनुपालन रूपरेखा की गहरी समझ विकसित करने में सहायक होते हैं। वार्षिक सतर्कता बैठक 2025 के माध्यम से, टीएचडीसीआईएल ने संगठन और राष्ट्र के सतत विकास को सुनिश्चित करते हुए, नैतिक नेतृत्व और सक्रिय सतर्कता उपायों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया है। सतर्कता को हमारे कार्यालय के कामकाज में केवल एक अनुपालन तंत्र के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि हमें इसे अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में एक आदत के रूप में समाहित करना चाहिए और साथ ही इसे जीवन शैली का एक हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारा राष्ट्र, हमारा संगठन, हमारा समाज और हम स्वयं नैतिक और सतत विकास की मजबूत नींव पर रखे गए मार्ग पर आगे बढ़ें।
सभा को संबोधित करते हुए, श्री सिंह ने महत्वपूर्ण और सार्थक संस्कृत श्लोक, "धर्मो रक्षति रक्षितः" (जब हम धर्म की रक्षा करते हैं, तो धर्म हमारी भी रक्षा करता है) के साथ समापन किया, जिसमें यह बल दिया गया कि सत्यनिष्ठा और नैतिक शासन एक मजबूत और स्थायी संगठन के आधार हैं।
बैठक के दौरान, टीएचडीसीआईएल की सीवीओ, सुश्री रश्मिता झा (आईआरएस) ने संगठनात्मक सत्यनिष्ठा को बढ़ावा देने में सतर्कता विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सतर्कता जागरूकता सप्ताह (वीएडब्ल्यू) 2024 के सफल आयोजन पर भी प्रकाश डाला।अगस्त और नवंबर 2024 के मध्य आयोजित अभियान, "राष्ट्र की समृद्धि के लिए सत्यनिष्ठा की संस्कृति" विषय पर केंद्रित था, जिसमें कर्मचारियों, हितधारकों और जनता की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया।
इस कार्यक्रम में वैश्विक भ्रष्टाचार विरोधी मानकों के साथ संरेखित करने के लिए एंटी-ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम (एबीएमएस) (आईएसओ 37001:2016) के कार्यान्वयन और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए शिकायत निवारण मॉड्यूल के उन्नयन सहित सतर्कता तंत्र को मजबूत करने में टीएचडीसीआईएल की प्रगतिशील पहलों को भी प्रदर्शित किया गया।
इस बैठक में विद्युत क्षेत्र में टीएचडीसीआईएल की हालिया उपलब्धियों को भी दर्शाया गया, जिसमें 1320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की कमीशनिंग, टिहरी में 1000 मेगावाट पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का सफल ड्राई रन और सिंगरौली, मध्य प्रदेश में अमेलिया कोयला खदानों का निर्धारित समय से पहले संचालन शामिल है। ये उपलब्धियां कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञता, प्रबंधकीय उत्कृष्टता और जिम्मेदार कॉर्पोरेट सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।कार्यक्रम में संगठन से लगभग 25 सतर्कता अधिकारियों ने भाग लिया, जिन्होंने निवारक सतर्कता, कॉर्पोरेट नैतिकता और सुशासन की सर्वोत्तम प्रथाओं पर ज्ञानवर्धक सत्रों में भाग लिया।
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