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चम्बा ! जिला मुख्यालय चंबा में प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत वन धन विकास केंद्रों के संचालन संबंधी प्रगति की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की गई। एनआईसी कक्ष में उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अमित मेहरा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त शांतनु सहारन, क्षेत्रीय प्रबंधक ट्राइफेड क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगड़, जनजातीय विकास विभाग शिमला के अधिकारी तथा भरमौर व पांगी के उपमंडलाधिकारी (नागरिक) तथा डीएफओ भरमौर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया। बैठक में जिला चंबा के भरमौर, होली और पांगी क्षेत्रों के लिए स्वीकृत वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) के संचालन में हुई प्रगति की समीक्षा की गई। उल्लेखनीय है कि वन धन विकास केंद्रों को स्थानीय रूप से उपलब्ध लघु वन उपज (एमएफपी) की खरीद और मूल्य संवर्धन के लिए सामान्य सुविधा केंद्र के रूप में उपयोग किया जाता है। चर्चा के दौरान उपायुक्त ने त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुए उपमंडल अधिकारी (ना) पांगी को एसडीएम भरमौर द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के समान एक विस्तृत गतिविधि रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए उपायुक्त ने एसडीएम भरमौर और पांगी को क्षेत्रीय प्रबंधक, ट्राइफेड और जनजातीय विकास विभाग शिमला के साथ बेहतर समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिया। बैठक में खरीद प्रक्रिया शुरू करने और इन केंद्रों के लिए स्वीकृत योजनाओं के अनुसार लघु वन उपज की कटाई और मूल्य संवर्धन के लिए आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया। इस अवसर पर उपयुक्त मुकेश रेपसवाल ने कहा कि इन वन धन विकास केंद्रों के माध्यम से स्थानीय समुदायों तथा स्वयं सहायता समूहों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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