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चम्बा , 02 जून [ शिवानी ] ! हर बरस की भांति इस वर्ष भी ककीरा के हरि गिरि सन्यास आश्रम में हरि गिरि जी महाराज के पुण्यतिथि मे उनके परम भक्त गोविंद भाई ओझा के द्वारा एक विशाल महा रूद्र का आयोजन किया गया था । जो पूरे 5 दिन तक चलने के बाद आज 5 वे दिन मे महारूद्र यज्ञ पूर्णाहुति डालकर इसका समापन किया गया। गोविंद भाई ओझा का कहना है इस यज्ञ को करवाने का खास मकसद पूरे देश मे सनातन धर्म को शांति सुख और समृद्धि लाने के लिए और लोगो को रोग से मुक्ति दिलाने के लिए इस यज्ञ को किया जाता है। आज अंतिम दिन में मुख्य आचार्य प्रफुल्ल भाई दुबे मुंबई वाले और देश के हर कोने से आए हुए 31 ब्राह्मणों के द्वारा पूरे मंत्रो उच्चारण के साथ इस महारूद्र यज्ञ में पूर्णाहुति डाली गई। जिसमें मुख्य यजमान के रूप में मुंबई से आए हुए स्वामी जी के परम भक्त गोविंद भाई ओझा द्वारा और मुख्य ट्रस्टी राजन भाई पटेल द्वारा आज इसमें पूर्णाहुति डाल कर महारुद्र यज्ञ का समापन किया गया। इस महारूद्र यज्ञ को 1970 में गोविंद भाई ओझा के पिता श्री छोगा लाल ओझा जी के द्वारा स्वामी हरीगिरि महाराज जी की पुण्यतिथि से शुरू किया गया था। जो आज तक भी उसी तरह से बदस्तूर जारी है। पहले कभी यह महारुद्र यज्ञ हरीगिरी महाराज जी के द्वारा किया जाता था। इसलिए हर साल मई के महीने मे स्वामी जी के पुण्यतिथि में उनके परम भक्त गोविंद भाई ओझा के परिवार द्वारा मई के महीने में इस यज्ञ को किया जाता है ।और ये यज्ञ पूरे 5 दिन तक चलता है। जिसमें देश के पहुंचे हुए ब्राह्मणों को इस यज्ञ के लिए बुलाया जाता है। और 5 दिन तक हवन में आहुती डाली जाती है। देश के हर कोने से स्वामी जी के शिष्या (गुजरात मुंबई महाराष्ट्र हरियाणा राजस्थान पंजाब जे एंड के और हिमाचल ) से उनके शिष्य इस महारुद्र यज्ञ में शामिल होते हैं । और इसके अलावा स्वामी जी के सभी ट्रस्टीयो और उनके भक्तों द्वारा इस पुण्य कार्य में बढ़ चढ़कर भाग लिया।पूर्णाहुति के बाद सभी लोगों को लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।
चम्बा , 02 जून [ शिवानी ] ! हर बरस की भांति इस वर्ष भी ककीरा के हरि गिरि सन्यास आश्रम में हरि गिरि जी महाराज के पुण्यतिथि मे उनके परम भक्त गोविंद भाई ओझा के द्वारा एक विशाल महा रूद्र का आयोजन किया गया था । जो पूरे 5 दिन तक चलने के बाद आज 5 वे दिन मे महारूद्र यज्ञ पूर्णाहुति डालकर इसका समापन किया गया।
गोविंद भाई ओझा का कहना है इस यज्ञ को करवाने का खास मकसद पूरे देश मे सनातन धर्म को शांति सुख और समृद्धि लाने के लिए और लोगो को रोग से मुक्ति दिलाने के लिए इस यज्ञ को किया जाता है। आज अंतिम दिन में मुख्य आचार्य प्रफुल्ल भाई दुबे मुंबई वाले और देश के हर कोने से आए हुए 31 ब्राह्मणों के द्वारा पूरे मंत्रो उच्चारण के साथ इस महारूद्र यज्ञ में पूर्णाहुति डाली गई।
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जिसमें मुख्य यजमान के रूप में मुंबई से आए हुए स्वामी जी के परम भक्त गोविंद भाई ओझा द्वारा और मुख्य ट्रस्टी राजन भाई पटेल द्वारा आज इसमें पूर्णाहुति डाल कर महारुद्र यज्ञ का समापन किया गया। इस महारूद्र यज्ञ को 1970 में गोविंद भाई ओझा के पिता श्री छोगा लाल ओझा जी के द्वारा स्वामी हरीगिरि महाराज जी की पुण्यतिथि से शुरू किया गया था। जो आज तक भी उसी तरह से बदस्तूर जारी है।
पहले कभी यह महारुद्र यज्ञ हरीगिरी महाराज जी के द्वारा किया जाता था। इसलिए हर साल मई के महीने मे स्वामी जी के पुण्यतिथि में उनके परम भक्त गोविंद भाई ओझा के परिवार द्वारा मई के महीने में इस यज्ञ को किया जाता है ।और ये यज्ञ पूरे 5 दिन तक चलता है। जिसमें देश के पहुंचे हुए ब्राह्मणों को इस यज्ञ के लिए बुलाया जाता है। और 5 दिन तक हवन में आहुती डाली जाती है।
देश के हर कोने से स्वामी जी के शिष्या (गुजरात मुंबई महाराष्ट्र हरियाणा राजस्थान पंजाब जे एंड के और हिमाचल ) से उनके शिष्य इस महारुद्र यज्ञ में शामिल होते हैं । और इसके अलावा स्वामी जी के सभी ट्रस्टीयो और उनके भक्तों द्वारा इस पुण्य कार्य में बढ़ चढ़कर भाग लिया।पूर्णाहुति के बाद सभी लोगों को लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।
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