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शिमला , 28 मार्च [ विशाल सूद ] ! नागरिक सभा का एक प्रतिनिधिमंडल शिमला शहर में नगर निगम शिमला द्वारा ढारों को उजाड़ने के संदर्भ में दिए जा रहे नोटिस के खिलाफ नगर निगम शिमला के अतिरिक्त आयुक्त से मिला व इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। अतिरिक्त आयुक्त ने गरीबों की सामाजिक सुरक्षा का पूर्ण भरोसा दिया। नागरिक सभा ने चेताया है कि अगर गरीबों के ढारों को गिराने की कोशिश की गई तो नागरिक सभा नगर निगम शिमला की ऐसी किसी भी कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी। नागरिक सभा सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश में वन विभाग द्वारा की जा रही बेदखली व तालाबंदी की तर्ज पर शिमला शहर में नगर निगम शिमला प्रशासन द्वारा गरीबों के ढारों को उजाड़ने की कोशिश की जा रही है। इस कड़ी में कुफ़्टाधार में एक घर को तीन दिन पहले गिरा दिया गया है। इसी कड़ी में कुछ महीने पूर्व बालूगंज में ढारों को गिराने की कोश की गई। कुछ दिन पूर्व ही डाउनडेल में ढारों को गिराने के नोटिस व वारंट जारी किए गए थे जो स्थानीय जनता के विरोध के कारण विफल हो गया। इन बयालीस ढारों को गिराने का अग्रिम नोटिस 8 अप्रैल का दिया गया है। इस तरह शिमला शहर के लगभग तीन हजार तीन सौ ढारों पर तोड़े जाने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने मांग की है कि शिमला शहर के हजारों गरीबों के ढारों को नियमित किया जाए। उनको तोड़ने के नोटिस वापिस लिए जाएं। शहर में भूमिहीनों को दो बिस्वा भूमि दी जाए। ढारों के नियमितीकरण के लिए प्रदेश सरकार ठोस नीति बनाए। प्रदेश सरकार ढारों में रह रहे गरीबों को राहत प्रदान करे। प्रतिनिधिमंडल में विजेंद्र मेहरा, जगत राम, फालमा चौहान, विवेक कश्यप, कुलदीप डोगरा, अनिल ठाकुर, दिनित देंटा, सन्नी सिकटा, कमल ढारोंशर्मा, राम प्रकाश, प्रताप चौहान, कपिल नेगी, प्रकाश, रत्ती राम, प्रेम, शंकर, सुभाष, बॉबी, राजेंद्र सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।
शिमला , 28 मार्च [ विशाल सूद ] ! नागरिक सभा का एक प्रतिनिधिमंडल शिमला शहर में नगर निगम शिमला द्वारा ढारों को उजाड़ने के संदर्भ में दिए जा रहे नोटिस के खिलाफ नगर निगम शिमला के अतिरिक्त आयुक्त से मिला व इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की।
अतिरिक्त आयुक्त ने गरीबों की सामाजिक सुरक्षा का पूर्ण भरोसा दिया। नागरिक सभा ने चेताया है कि अगर गरीबों के ढारों को गिराने की कोशिश की गई तो नागरिक सभा नगर निगम शिमला की ऐसी किसी भी कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी।
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नागरिक सभा सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश में वन विभाग द्वारा की जा रही बेदखली व तालाबंदी की तर्ज पर शिमला शहर में नगर निगम शिमला प्रशासन द्वारा गरीबों के ढारों को उजाड़ने की कोशिश की जा रही है। इस कड़ी में कुफ़्टाधार में एक घर को तीन दिन पहले गिरा दिया गया है।
इसी कड़ी में कुछ महीने पूर्व बालूगंज में ढारों को गिराने की कोश की गई। कुछ दिन पूर्व ही डाउनडेल में ढारों को गिराने के नोटिस व वारंट जारी किए गए थे जो स्थानीय जनता के विरोध के कारण विफल हो गया। इन बयालीस ढारों को गिराने का अग्रिम नोटिस 8 अप्रैल का दिया गया है। इस तरह शिमला शहर के लगभग तीन हजार तीन सौ ढारों पर तोड़े जाने का खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने मांग की है कि शिमला शहर के हजारों गरीबों के ढारों को नियमित किया जाए। उनको तोड़ने के नोटिस वापिस लिए जाएं। शहर में भूमिहीनों को दो बिस्वा भूमि दी जाए। ढारों के नियमितीकरण के लिए प्रदेश सरकार ठोस नीति बनाए। प्रदेश सरकार ढारों में रह रहे गरीबों को राहत प्रदान करे।
प्रतिनिधिमंडल में विजेंद्र मेहरा, जगत राम, फालमा चौहान, विवेक कश्यप, कुलदीप डोगरा, अनिल ठाकुर, दिनित देंटा, सन्नी सिकटा, कमल ढारोंशर्मा, राम प्रकाश, प्रताप चौहान, कपिल नेगी, प्रकाश, रत्ती राम, प्रेम, शंकर, सुभाष, बॉबी, राजेंद्र सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।
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