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मंडी ! अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेश की विख्यात संस्था माण्डव्य कला मंच, मंडी द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से मंचीय कार्यालय लूनापाणी में ""संस्कृति के संवाहक लोकनृत्य""विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी को हिमाचल प्रदेश के प्रथम स्नातकोत्तर कथक नर्तक व कला क्षेत्र युवक मंडल के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने स्रोत व्यक्ति भाग लेते हुए अपने संबोधन में कहा वास्तविकता में अपने मन के उदगारों को व्यक्त करना नृत्य है और नृत्य अंगों की सुंदर भाषा है उन्होंने कहा नृत्य का जन्म भाषा और बोली से पहले हुआ है उन्होंने कहा भारतीय नृत्य का इतिहास बहुत प्राचीन है। भरतमुनि का नाट्यशास्त्र नृत्य का प्राचीनतम ग्रंथ है और प्रारंभिक नृत्यों के प्रमाण हमें "नट सूत्र" से प्राप्त होते हैं जो 500 ईसा पूर्व लिखे संस्कृत व्याकरण में मौजूद हैं इस अवसर पर कार्यक्रम का संयोजन कर रहे संस्कृतिकर्मी कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि नृत्य खुशी व्यक्त करने का सबसे बड़ा माध्यम है कोई भी समारोह नृत्य के बिना संभव नहीं है उन्होंने कहा 29 अप्रैल 1982 से पूरे विश्व में महान रिफॉर्मर जॉन जॉर्ज नावेरे की की जन्म स्मृति की याद में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाता है उन्होंने कहा यहां के शास्त्रीय व लोकनृत्य संस्कृति के संवाहक और धरोहर हैं यह नृत्य संस्कृति के प्राण है आधार हैं गुलेरिया द्वारा इस अवसर पर मंडी जनपद के साथ-साथ हिमाचल के सभी जिलों के नृत्यों पर विस्तार से चर्चा कर जानकारी प्रदान की। कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि नृत्य आज बहुत बड़ा उद्योग बन चुका है नृत्य के क्षेत्र में कैरियर के बहुत विकल्प और संभावनाएं हैं ।नृत्य से मनुष्य स्वस्थ रहता है, फिट रहता है, परिश्रमी बनता है, सुदृढ़ और आत्मविश्वास बनता है। इसलिए संस्कृति के संवाहक लोक नृत्यो का संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक है उन्होंने सहयोग प्रदान करने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग के जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मंच के संस्थापक सदस्य मोहन ठाकुर, वरिष्ठ कलाकार दुर्गादास ,हास्य कलाकार हरवंश अरोड़ा, संगीत प्रवक्ता ललिता कुमारी, कलाकार राजेश, हरिचरण ,काजल, संगीता, लतेश, समृति ,पवन, ने भी चर्चा में भाग लेकर नृत्य क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और अनुभवों को साझा किया ।इस अवसर पर युवक मंडल लूणापानी , बड्सू मांडल तथा माण्डव्य कला मंच के अनेक पदाधिकारी सदस्य व लोक कलाकार उपस्थित रहे।
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