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न्यूली कुल्लू ! बंजार विकास खण्ड के तहत आने बाली घाटी की तीन पंचायतों के लिए सैंज में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया । सामुदायिक भवन में रविवार से आंरम्भ तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में ग्रांम पंचायतों गाड़ापारली, बनोगी व देहूरीधार के दर्जनों लोगों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा के समय बचाव के लिए निपुण किया जाएगा। गृह रक्षा विभाग के कंपनी कंमाडर कमल भण्डारी के नेतृत्व में चार सदस्य दल लोगों को आपदा प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित कर रहा है। कंपनी कमाण्डर ने बताया कि हर पंचायत के 15 -15 लोगों को आपदा प्रबंधन का हुनर सिखाया जा रहा है ताकि आपात स्थिति से निपटने में गांवो के लोगों को मदद मिल सके । सैंज में इस तरह का दुसरा शिविर आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्रदान कर रहे गृह रक्षा कमाण्डर ने बताया कि इस दौरान ग्रांमीणों को आपातकालीन तरीके से बनावटी स्ट्रकचर के साथ साथ घटना स्थल पर घायल आदमी को सीपीआर देकर हृदय व फेफड़े को पुनः जीवित करना, उंची इमारतों से घायलों को सुरक्षित निकलने जैसे अनेको वेज्ञानिक तकनीकों को अपनाने के हुनर सिखाए जा रहे है। इस तरह के शिवरों के आयोजन से हर पंचायत के लोगो को आपदा प्रबंधन की कला से निपुण किया जा रहा है जो कि आपदा के समय जानी नुकसान को कम करने में सहायक होती है।
न्यूली कुल्लू ! बंजार विकास खण्ड के तहत आने बाली घाटी की तीन पंचायतों के लिए सैंज में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया । सामुदायिक भवन में रविवार से आंरम्भ तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में ग्रांम पंचायतों गाड़ापारली, बनोगी व देहूरीधार के दर्जनों लोगों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा के समय बचाव के लिए निपुण किया जाएगा। गृह रक्षा विभाग के कंपनी कंमाडर कमल भण्डारी के नेतृत्व में चार सदस्य दल लोगों को आपदा प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित कर रहा है। कंपनी कमाण्डर ने बताया कि हर पंचायत के 15 -15 लोगों को आपदा प्रबंधन का हुनर सिखाया जा रहा है ताकि आपात स्थिति से निपटने में गांवो के लोगों को मदद मिल सके । सैंज में इस तरह का दुसरा शिविर आयोजित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण प्रदान कर रहे गृह रक्षा कमाण्डर ने बताया कि इस दौरान ग्रांमीणों को आपातकालीन तरीके से बनावटी स्ट्रकचर के साथ साथ घटना स्थल पर घायल आदमी को सीपीआर देकर हृदय व फेफड़े को पुनः जीवित करना, उंची इमारतों से घायलों को सुरक्षित निकलने जैसे अनेको वेज्ञानिक तकनीकों को अपनाने के हुनर सिखाए जा रहे है। इस तरह के शिवरों के आयोजन से हर पंचायत के लोगो को आपदा प्रबंधन की कला से निपुण किया जा रहा है जो कि आपदा के समय जानी नुकसान को कम करने में सहायक होती है।
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