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केंद्र सरकार तथा अधिकाश राज्य सरकारो ने अपने कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की है। इस व्यवस्था के तहत पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से 10 फीसदी की कटौती की जाती है। इतनी ही सहयोग सरकार करती है। अब सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 14 फीसदी कर दी है। लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार पुरानीं पेंशन व्यवस्था को लागू करे। पुरानी पैंशन बहाली के समर्थन व नई पैंशन के विरोध मे एक बहुत बड़ा प्रदर्शन राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ 27 फरवरी कों दिल्ली के जंतरमंतर में किया गया ! इस धरना प्रदर्शन की आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर आर्गनाइजेशन का पूरा समर्थन था आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर आर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अश्वनी कुमार ने अपने संबोधन में पुरानी पैंशन की बहाली की माँग का समर्थन करते हुये कहा कि पुरानी पैंशन कर्मचारियों का अधिकार हें ये उनके बुढ़ापे का सहारा हें इसमे वों सारी व्यवस्थाएं हें जिन से कर्मचारियो के हित सुरक्षित रहते हें पुरानी पेंशन के लाभार्थियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा मिलती है। - पुरानी पेंशन के तहत कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं होती है। - पुरानी पेंशन के लाभार्थियों को अंतिम वेतन के 50 फीसदी के बराबर गारंटीड पेंशन मिलती है। - पुरानी पेंशन पूरी तरह से सरकार द्वारा दी जाती है। - पुरानी पेंशन में विवाद होने पर सरकार के खिलाफ केस किया जाता है। - पुरानी पेंशन वालों को रिटायरमेंट पर अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 गुना राशि ग्रेच्युटि के रूप में मिलती है। - पुरानी पेंशन वालों को ड्यूटी में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है। 7वें वेतन आयोग के बाद यह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। - पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत कर्मचारी की सेवाकाल में मौत होने पर परिजनों को पारिवारिक पेंशन मिलती है। - पुराने पेंशन वालों को महंगाई भत्ता और वेतन आयोगों का भी लाभ मिलता है। - पुरानी पेंशन वालों को GPF पर लोन की सुविधा मिलती है। - पुरानी पेंशन स्कीम में जीपीएफ की निकासी पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। - GPF के लिए एक निश्चित ब्याज दर निर्धारित होती है। जबकी नई पैंशन योजना कर्मचारियों से छलावा हें जिस में कर्मचारियों के वेतन में से 10%की कटौती कर उसे बाजार में विभिन्न कंपनियां में लगाकर उन्हे निजी कम्पनियो के हवाले कर दिया जाता हें औऱ सेवानब्रित होने पर ना अपना पैसा पूरा मिल पता हें औऱ पैंशन के रूप केवल पंद्रह सौ व दों हजार प्राप्त होते हें उसमे एक आदमी कैसे गुजारा करेगा ये सब भलीभांति जानते हें ! संघ के अध्यक्ष डा अश्वनी कुमार ने पुरानी पैंशन कों तुरंत बहाल करने की माँग की हें ! उन्होने अपने संबोधन में देशभर में विभिन्न अस्थाई रूप से नयुक्त सभी शिक्षकों कों नियमित करने औऱ उन्हे सभी प्रकार के सेवालाभ प्रदान करने की माँग की हें ! आल इण्डिया फैडरेशन आफ टीचर आर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अश्वनी कुमार ने नई शिक्षा नीति व अन्य शिक्षा से संबंधित नीतियो के निर्माण में अध्यापकों की भागेदारी सुनिश्चित करने की माँग की है ताकि अच्छी नीतियो का निर्माण हो सके औऱ उन नीतियो के संबंध में अध्यापकों की राय लेंने से उनके क्रियानिर्वहन में कोई समस्या नहीं होगी ! डा अश्वनी कुमार ने छटे वेतन आयोग कि सिफारिशो कों जनवरी 2016 से शीघ्र लागू करने की माँग की हें
केंद्र सरकार तथा अधिकाश राज्य सरकारो ने अपने कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की है। इस व्यवस्था के तहत पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से 10 फीसदी की कटौती की जाती है। इतनी ही सहयोग सरकार करती है। अब सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 14 फीसदी कर दी है। लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार पुरानीं पेंशन व्यवस्था को लागू करे। पुरानी पैंशन बहाली के समर्थन व नई पैंशन के विरोध मे एक बहुत बड़ा प्रदर्शन राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ 27 फरवरी कों दिल्ली के जंतरमंतर में किया गया ! इस धरना प्रदर्शन की आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर आर्गनाइजेशन का पूरा समर्थन था आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर आर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अश्वनी कुमार ने अपने संबोधन में पुरानी पैंशन की बहाली की माँग का समर्थन करते हुये कहा कि पुरानी पैंशन कर्मचारियों का अधिकार हें ये उनके बुढ़ापे का सहारा हें इसमे वों सारी व्यवस्थाएं हें जिन से कर्मचारियो के हित सुरक्षित रहते हें
पुरानी पेंशन के लाभार्थियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा मिलती है।
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- पुरानी पेंशन के तहत कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं होती है। - पुरानी पेंशन के लाभार्थियों को अंतिम वेतन के 50 फीसदी के बराबर गारंटीड पेंशन मिलती है। - पुरानी पेंशन पूरी तरह से सरकार द्वारा दी जाती है। - पुरानी पेंशन में विवाद होने पर सरकार के खिलाफ केस किया जाता है। - पुरानी पेंशन वालों को रिटायरमेंट पर अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 गुना राशि ग्रेच्युटि के रूप में मिलती है। - पुरानी पेंशन वालों को ड्यूटी में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है। 7वें वेतन आयोग के बाद यह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। - पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत कर्मचारी की सेवाकाल में मौत होने पर परिजनों को पारिवारिक पेंशन मिलती है। - पुराने पेंशन वालों को महंगाई भत्ता और वेतन आयोगों का भी लाभ मिलता है। - पुरानी पेंशन वालों को GPF पर लोन की सुविधा मिलती है। - पुरानी पेंशन स्कीम में जीपीएफ की निकासी पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है।
- GPF के लिए एक निश्चित ब्याज दर निर्धारित होती है। जबकी नई पैंशन योजना कर्मचारियों से छलावा हें जिस में कर्मचारियों के वेतन में से 10%की कटौती कर उसे बाजार में विभिन्न कंपनियां में लगाकर उन्हे निजी कम्पनियो के हवाले कर दिया जाता हें औऱ सेवानब्रित होने पर ना अपना पैसा पूरा मिल पता हें औऱ पैंशन के रूप केवल पंद्रह सौ व दों हजार प्राप्त होते हें उसमे एक आदमी कैसे गुजारा करेगा ये सब भलीभांति जानते हें ! संघ के अध्यक्ष डा अश्वनी कुमार ने पुरानी पैंशन कों तुरंत बहाल करने की माँग की हें ! उन्होने अपने संबोधन में देशभर में विभिन्न अस्थाई रूप से नयुक्त सभी शिक्षकों कों नियमित करने औऱ उन्हे सभी प्रकार के सेवालाभ प्रदान करने की माँग की हें ! आल इण्डिया फैडरेशन आफ टीचर आर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अश्वनी कुमार ने नई शिक्षा नीति व अन्य शिक्षा से संबंधित नीतियो के निर्माण में अध्यापकों की भागेदारी सुनिश्चित करने की माँग की है ताकि अच्छी नीतियो का निर्माण हो सके औऱ उन नीतियो के संबंध में अध्यापकों की राय लेंने से उनके क्रियानिर्वहन में कोई समस्या नहीं होगी ! डा अश्वनी कुमार ने छटे वेतन आयोग कि सिफारिशो कों जनवरी 2016 से शीघ्र लागू करने की माँग की हें
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