सीएम बोले बजट गरीब, किसान, बागवान, युवा का रखा गया ध्यान, हिमाचल के हितों की पैरवी के लिए विपक्ष के साथ दिल्ली जाने को मैं तैयार - सुखविंदर सिंह
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शिमला , 26 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 62, हजार 387 करोड़ 61 लाख 88 हजार रुपए का बजट पारित कर दिया गया है। सदन में हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च को सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 58,514 बजट पेश किया था, जिसमें 11 नई योजनाओं की घोषणा की गई थी। बजट में करीब चार हजार करोड़ रुपए की बढ़ौतरी की गई है। बजट पारित होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट में सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। गरीब किसान, बागवान के हाथ में पैसा पहुंचे इसके लिए बजट में कई योजनाओं का प्रावधान किया गया है। कर्मचारियों को जून की सैलरी में 3 फ़ीसदी डीए मिलेगा और एरियर का भुगतान भी चरणबद्ध तरीके से होगा। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ पॉवर प्रोजेक्ट 40 साल बाद भी 12 फीसदी ही रॉयल्टी सरकार को दे रही है जबकि उसमें बढ़नी चाहिए और प्रोजेक्ट प्रदेश को वापिस मिलने चाहिए। इसको लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से बात की जाएगी। हिमाचल का पानी बहता सोना है जिसका दोहन करके कई उपक्रम 67 हजार करोड़ के मालिक बन गए और हिमाचल का बजट अभी भी 58 हजार करोड़ रुपए ही है और वह भी घाटे का बजट है। ऐसे में हिमाचल के अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़नी होगी और सरकार विपक्ष के नेतृत्व में भी दिल्ली केंद्र सरकार से बातचीत करने के तैयार है।
शिमला , 26 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 62, हजार 387 करोड़ 61 लाख 88 हजार रुपए का बजट पारित कर दिया गया है। सदन में हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च को सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 58,514 बजट पेश किया था, जिसमें 11 नई योजनाओं की घोषणा की गई थी। बजट में करीब चार हजार करोड़ रुपए की बढ़ौतरी की गई है।
बजट पारित होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट में सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। गरीब किसान, बागवान के हाथ में पैसा पहुंचे इसके लिए बजट में कई योजनाओं का प्रावधान किया गया है। कर्मचारियों को जून की सैलरी में 3 फ़ीसदी डीए मिलेगा और एरियर का भुगतान भी चरणबद्ध तरीके से होगा।
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वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ पॉवर प्रोजेक्ट 40 साल बाद भी 12 फीसदी ही रॉयल्टी सरकार को दे रही है जबकि उसमें बढ़नी चाहिए और प्रोजेक्ट प्रदेश को वापिस मिलने चाहिए। इसको लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से बात की जाएगी। हिमाचल का पानी बहता सोना है जिसका दोहन करके कई उपक्रम 67 हजार करोड़ के मालिक बन गए और हिमाचल का बजट अभी भी 58 हजार करोड़ रुपए ही है और वह भी घाटे का बजट है। ऐसे में हिमाचल के अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़नी होगी और सरकार विपक्ष के नेतृत्व में भी दिल्ली केंद्र सरकार से बातचीत करने के तैयार है।
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