सोलन ! नौणी विवि के सब्जी केंद्र देश में सर्वश्रेष्ठ घोषित !

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सोलन , 04 जून ! सब्जी फसलों पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (ए॰आई॰सी॰आर॰पी॰) के सोलन केंद्र को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई॰सी॰ए॰आर॰) द्वारा देश में सब्जियों पर ‘सर्वश्रेष्ठ केंद्र (2022)’ घोषित किया है। यह पुरस्कार अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत सब्जियों पर अनुसंधान में केंद्र के उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया।

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देश में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और आईसीएआर संस्थानों के 36 नियमित एआईसीआरपी केंद्र और 24 वालंटियर केंद्र हैं। डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी का वनस्पति विज्ञान विभाग सब्जियों की फसलों पर सोलन एआईसीआरपी केंद्र चलाता है।

यह पुरस्कार शनिवार को श्रीनगर में शेर ए कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 41वीं वार्षिक समूह बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नज़ीर अहमद गनाई द्वारा नौणी विवि के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल की उपस्थिति में दिया गया।

इस तीन दिवसीय वार्षिक बैठक में आईसीएआर एडीजी बागवानी डॉ सुधाकर पांडे सहित 300 से अधिक प्रतिनिधि; भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ टीके बेहरा सहित कई कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न संस्थानों के निदेशक और विभागाध्यक्ष और देश भर के वनस्पति वैज्ञानिक नवीनतम तकनीकों, अत्याधुनिक अनुसंधान और सब्जी की खेती में नवाचार पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए है।

बैठक में नौणी विवि के सोलन केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. रमेश भारद्वाज, डॉ. कुलदीप ठाकुर, डॉ. संदीप कंसल और डॉ. दिवेंदर मेहता, डॉ राकेश कुमार भी भाग ले रहे हैं।सोलन केंद्र 1972 से आईसीआरपी (वीसी) का एक नियमित केंद्र है, और बागवानी के सभी बुनियादी, रणनीतिक और अनुप्रयुक्त पहलुओं पर अनुसंधान कर रहा है।

केंद्र के प्रधान अन्वेषक डॉ. रमेश भारद्वाज ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान, केंद्र ने गोभी, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, गाजर, मूली, चुकंदर, ककड़ी, मटर, बीन्स, लेट्यूस, टमाटर, चेरी टमाटर, प्याज, आदि जैसी सब्जियों की कुल 553 जर्मप्लाज्म का संग्रह, मूल्यांकन और रखरखाव किया है।

कुल 109 वैरायटी परीक्षण, 38 हाइब्रिड परीक्षण, 11 प्रतिरोधी वैरायटी परीक्षण, 09 सब्जी उत्पादन खेती से संबंधित परीक्षण, 68 रोग और कीट कीट प्रबंधन परीक्षण और 31 बीज संबंधित उत्पादन परीक्षण केंद्र द्वारा 14 सब्जियों की फसलों पर सफलतापूर्वक किए हैं।विभिन्न सब्जियों की कई उन्नत किस्मों/संकरों को भी विकसित और जारी किया है और उनमें से 12 की पहचान एआईसीआरपी (वीसी) कार्यक्रम के तहत की गई है।

इसके अलावा,इस केंद्र द्वारा विकसित 6 सब्जियों की किस्मों को एआईसीआरपी (वीसी) शोध के लिए राष्ट्रीय जांच किस्मों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस अवधि के दौरान एआईसीआरपी (वीसी) में जारी करने के लिए पहचानी गई 27 जीनोटाइप/किस्मों को एनबीपीजीआर, नई दिल्ली में पंजीकृत किया गया है।

इसके अलावा, इस केंद्र ने विभिन्न पहलुओं पर 9 उत्पादन और 12 सुरक्षा प्रौद्योगिकियां भी विकसित की हैं, जिन्हें हिमाचल प्रदेश और आसपास के पहाड़ी राज्यों के उत्पादकों द्वारा व्यापक रूप से अपनाया गया है। विभिन्न सब्जियों की फसलों के लिए 31.39 क्विंटल ब्रीडर बीज का उत्पादन किया। केंद्र के वैज्ञानिकों ने पिछले पांच वर्षों में 46 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और 16 से अधिक पुरस्कार/ फेलोशिप प्राप्त की हैं।

इस उपलब्धि के लिए नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने टीम को बधाई दी और आने वाले समय में भी किसानों के हित के लिए प्रयास करें का आग्रह किया। निदेशक अनुसंधान डॉ संजीव चौहान सहित सभी फ़ैकल्टि और स्टाफ ने केंद्र के वैज्ञानिकों को बधाई दी।

 

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