शिमला , 31 जनवरी [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला के होटल कारोबारी प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के कमर्शियल बिल से ज्यादा वसूली करने पर काफी नाराज हैं। होटल कारोबारियों ने सरकार से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है। होटल कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें इसमें कोई राहत नहीं देती है तो मजबूरन होटलों में ताले लगाकर चाबियां सरकार को देनी पड़ेंगी।
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र सेठ ने कहा कि हाल ही में पानी के टैरिफ में 10% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा। इससे शिमला के लगभग 300 होटल व्यावसायियों पर फर्क पड़ा। इस बढ़ोतरी के बाद होटल के पानी का रेट कमर्शियल पानी के रेट से 67.5% अधिक महंगा हो गया है। हिमाचल के सभी शहरों में होटल व्यस्यायियों से 27 रुपए प्रति किलो लीटर पानी का रेट चार्ज किया जाता है और कोई स्लैब सिस्टम भी नहीं लगता।
वहीं मोहेंद्र सेठ ने कहा कि वह अपनी इस समस्या को लेकर जल्द विधायक हरीश ज़नारथा और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेंगे। उनसे पानी के टैरिफ, गार्बेज फीस और होटलों से वसूले जा रहे प्रॉपर्टी टैक्स को रेशनलाइज किए जाने की मांग करेंगे। अगर सरकार से उन्हें कोई राहत नहीं मिलती है तो वह होटलों में ताले लगाकर चाबियां सरकार को सौंपेंगे।
वहीं बजट को लेकर उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी में सुधार करने की जरूरत है और प्रदेश में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होना चाहिए ताकि देशों से भी पर्यटक हिमाचल प्रदेश आ सके।