चम्बा ! जनमत निर्माण अभियान के दौरान लोगों ने सरकार से उठाई मांग ! 

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चम्बा ,13 दिसंबर [ ज्योति ] !  जिला  चम्बा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर मिनी स्वीट्जरलैंड के नाम से विश्व विख्यात पर्यटन स्थल खज्जियार, डलहौजी, साच पास, चंबा सहित अन्य कुछेक स्थानों पर पर्यटकों की हर वर्ष काफी संख्या में आमद होती है। लेकिन कई अन्छुए पर्यटन स्थल ऐसे भी हैं, जो कि बहुत खूबसूबरत हैं। लेकिन, यहां पर पर्यटक नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए ग्रामीण पर्यटन पर अधिक कार्य करने की जरूरत है।

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जनमत निर्माण अभियान के तहत मंगलवार को ग्राम पंचायत सिंगी व कोहलड़ी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान स्थानीय निवासी अनूप कुमार, शंकर कुमार, मनसा राम, सुरेश कुमार, अनिल कुमार, राज कुमार, किशोरी लाल, पूर्ण चंद, पृथपाल, चमन, जर्म चंद तथा कांता ने कहा कि चंबा जिला में ग्रामीण पर्यटन पर कार्य करना बहुत जरूरी है।

यहां के गांव काफी खूबसूरत हैं। साथ ही रहन-सहन भी शहरों के मुकाबले अलग है। यदि ग्रामीण पर्यटन की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है तो निश्चित तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। चंबा में कुछेक चुनिंदा पर्यटन स्थलों तक पर्यटन सीमित रहने के कारण न तो पर्यटक अन्य खूबसूरत पर्यटन स्थलों का दीदार कर पाते हैं और न ही लोगों को इससे मिलने वाला रोजगार मिल पाता है।

शंकर ने कहा कि चंबा जिला के सलूणी, चुराह, बैरागढ़, भरमौर, भटियात, पांगी सहित अन्य क्षेत्रों में भी कई खूबसूरत व ऐतिहासिक स्थल हैं। इन्हें पर्यटन के विश्व मानचित्र पर लाने की जरूरत है। ग्रामीण पर्यटन को लेकर प्रशासन व सरकार की ओर से कई अच्छे कार्य किए गए हैं।

चलो चम्बा अभियान से भी यहां पर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने का कार्य किया गया है। यदि चलो चंबा अभियान की तर्ज पर इसी तरह के कई और अभियान चलाए जाते हैं तो आने वाले समय में इसका काफी लाभ मिलेगा। लोगों का कहना है कि ग्रामीणों का रहन-सहन व यहां की प्राकृतिक खूबसूरती किसी को भी आकर्षित करने के लिए काफी है। गांव तक पर्यटकों की पहुंच बनानी है तो सड़कों के जाल को मजबूत व बेहतर करने की जरूरत है।

गांव में पर्यटक आएंगे तो इससे ग्रामीणों को आर्थिक तौर पर तो लाभ मिलेगा। साथ ही पर्यटकों से उनकी संस्कृति को भी जानने का मौका मिलेगा। वहीं, पर्यटक भी यहां की संस्कृति व रहन-सहन को करीब से देख पाएंगे।

 

 

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