शिमला ! ओल्ड पेंशन स्कीम करें बहाल अन्यथा सरकार विधायकों और सांसदों की पेंशन भी करे खत्म !

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शिमला ! सोलन जिला के बद्दी नगर परिषद में  सदस्यों द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का मामला बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी गूंजा कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर  के तहत सदन में यह मामला उठाया और आरोप लगाया कि बद्दी नगर परिषद में 9 में से 5 पार्षदों ने 2 फरवरी को  अविश्वास प्रस्ताव  पारित कर जिला उपायुक्त को भेजा ओर  अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने की मांग की  था जिसके बाद 15 फरवरी को दोबारा से इसको लेकर रिमाइंडर दिया गया लेकिन उपायुक्त और एसडीएम इस पर कोई कार्यवाही नही कर रहे है । उपायुक्त ओर एसडीएम के ऊपर सरकार  ओर से दबाव बनाकर इस मामले को रफा-दफा किया जा रहा है और अविश्वास प्रस्ताव में हस्ताक्षर करने वाले एक पार्षद पर बैठकों में ना आने को लेकर जांच बिठा दी है । इसके खिलाफ लोगों में भी वहां पर काफी रोष है और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे में सरकार तुरंत प्रभाव से वहां पर नगर परिषद को बहुमत हासिल करवाने की प्रक्रिया शुरू की जाए और इसको लेकर उपायुक्त ओर एसडीएम को निर्देश जारी किए जाए। 

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कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा बोले कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम करें बहाल अन्यथा सरकार विधायकों और सांसदों की पेंशन भी करे खत्म

एंकर हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की लगातार मांग उठाई जा रही है वहीं कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की पेंशन बहाल करें और यदि कर्मचारियों की सरकार पेंशन बहाल नहीं करती तो विधायकों और सांसदों को भी पेंशन सरकार बंद करें उन्होंने कहा कि कर्मचारी विधायकों के पास ओल्ड पेंशन की बहाली को लेकर आ रहे हैं और कर्मचारियों में काफी रोष भी पनप रहा है सरकार तुरंत प्रभाव से ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करें अन्यथा जो विधायको ओर सांसदों को पेंशन दी जा रही है उसे भी बन्द करे ताकि ये कर्मचारी भी पेंशन की मांग न करे। 

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में ही ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद किया गया था और उस समय प्रदेश में भी धूमल की सरकार थी और राज्य सरकारों को केंद्र ने यह फरमान जारी किया था कि यदि ओल्ड पेंशन स्कीम बंद नहीं की जाती है तो उन्हें फंडिंग नहीं की जाएगी। अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने ओल्ड पेंशन को बहाल कर दिया है ऐसे में प्रदेश सरकार को भी कर्मचारियों की ओर पेंशन को बहाल करना चाहिए और यदि यह सरकार नहीं करती तो 6 महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में आते ही सबसे पहले ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करेगी। 

 

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