जनजातीय क्षेत्र भरमौर के स्थानीय लोगों का मुख्य व्यवसाय सेब उत्पादन है। लगभग 70% लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं जिनकी रोजी-रोटी के लिए सेब का सीजन ही एकमात्र सहारा है। इस समय दिन रात मेहनत करके जो पैसे कमाए जाते हैं उसी से पूरे साल इन स्थानीय लोगों का खर्चा चलता है। लेकिन इस वर्ष ओर कोरोना महामारी के चलते बागवानों को सेव के उचित दाम नही मिल पा रहे है। जिसके चलते बागवान काफी निराश है।
इसी के चलते सेब उत्पादक संगठन भरमौर के बागवानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर के माध्यम से एक ज्ञापन प्रेषित किया जिसमें उन्होंने उनको अपनी समस्याएं बताई और साथ ही कुछ मांगे भी रखी। बागवानों ने बताया कि इस साल उनका सेब प्रदेश के पड़ोसी राज्यों की फल मंडी में ओने-पौने भाव से बिक रहा है, जिससे किसानों की कमर टूट गई है। एक तो कोरोना महामारी की मार और दूसरा फसल के उचित दाम ना मिलना। जिस बजह से किसानों को अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है।
इसलिए बागवानों ने सरकार से आग्रह किया है कि मार्केट कमेटी द्वारा जो उनसे फीस तुनु हट्टी में ली जाती है उसे माफ किया जाए, साथ ही भरमौर में सेब के लिए कोल्ड स्टोर बनाया जाए ताकि भविष्य में मंडियों में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो किसान अपनी फसल तोड़कर कोल्ड स्टोर में स्टोर कर सकें। उन्होंने कहा कि भरमौर के किसी भी क्षेत्र में मार्केट यार्ड खोला जाए और किसान अपनी सेब की फसल वहां इकट्ठा करें ताकि पड़ोसी राज्यों के व्यापारी उनके पास से सेब खरीद कर ले जाए।
उन्होंने कहा कि भरमौर एक कोने में पड़ता है और यहां से फल मंडियों तक पहुंचाने के लिए हजारों के हिसाब से गाड़ियों का किराया देना पड़ता है इसलिए पड़ोसी राज्यों में आढ़तियों द्वारा ली जाने वाली कमीशन को भी खत्म किया जाए जैसे कि आम, संतरा आदि फसल को बेचने वाले किसानों से पड़ोसी राज्यों के आढ़ती कमीशन नहीं लेते हैं तो भरमौर के किसानों को क्यों यह दोहरा मापदंड क्यों दिया जाता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि उनकी इन मांगो पर गौर किया जाए ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके।
इस दौरान सुरेश ठाकुर प्रधान किसान सेब उत्पादक संगठन, महिंद्र कुमार सचिव, तिलकराज उप प्रधान, विनोद कुमार सह सचिव भी मौजूद रहे।