चम्बा/भरमौर ! चंद शिव भगतों और श्रद्धालुओं ने लगाई मणिमहेश डल में डुबकी !

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चम्बा/भरमौर ! जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मणिमहेश के पवित्र डल में करीब 250, शिव भगत श्रद्धालुओं ने मानसरोवर में डुबकी लगा अपने को धन्य किया। यह पवित्र स्नान सोमवार की रात 2 बजे तक चलता रहा। बताते चले कि इस स्नान का पवित्र मूहर्त रविवार की रात 11 बजे शुरू हुआ था। कोविड प्रोटोकॉल के तहत प्रशासन ने कड़े प्रबंध किए हुए थे जिस वजह से इस बार लाखों की बजाए चंद लोगही स्नान कर पाए। यह दूसरा मौका है जब इस पवित्र यात्रा को कोविड ने प्रभावित किया है ।

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हालांकि इस बार यह उम्मीद जताई जा रही थी कि कोविड कुछ राहत देगा जिस वजह से मणिमहेश यात्रा पूर्व की भांति आयोजित हो सकेगी लेकिन कोविड ने इसकी अनुमति नहीं दी। यही वजह रही कि इस यात्रा पर देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा पर न आने की प्रशासन ने पहले ही हिदायत जारी कर दी थी। इसके साथ ही प्रशासन ने प्रंघाला के पास अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित की है ताकि मणिमहेश यात्रा पर आने वालों को वहीं से वापिस लौटाया जा सके। इसी के चलते बीते रोज प्रंघाला के पास कुछ श्रद्धालुओं ने मणिमहेश यात्रा पर जाने को लेकर कुछ देर तक रोष प्रदर्शन किया लेकिन बाद में भरमौर प्रशासन ने गंगा जल को मणिमहेश डल में प्रवाहित करने वालों को ही आगे जाने की अनुमति दी जिस वजह से यह विवाद समाप्त हो गया था।

उधर एडीएम भरमौर संजय धीमान ने बताया कि हालांकि यात्रा पर बेहद कम लोग आए हैं लेकिन लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूर्व की भांति ही यात्रा के सारे प्रबंध किए हुए है । पूर्व की भांति ही जल शक्ति विभाग के माध्यम से पेयजल व्यवस्था की गई है और श्रद्धालुओं को रास्ते में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के दौरान स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों की भी तैनाती की हुई है। जगह -जगह बिजली की व्यवस्था की गई है तो साथ ही किसी भी मुश्किल घड़ी से श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाने के लिए माऊंटेरिंग दल भी तैनात किए हुए है।

गौरतलब है कि बीते दो वर्षों से कोविड की वजह से मणिमहेश यात्रा धार्मिक परंपरा तक ही सीमित होकर रह गई है जबकि इससे पूर्व हर वर्ष जन्माष्टमी के पावन अवसर पर लाखों लोग मणिमहेश में डुबकी लगाने के लिए आते रहें है। इसके लिए कोई दोराय नहीं है कि कोविड को देखते हुए लगातार दूसरे वर्ष प्रशासन ने इस यात्रा पर पाबंदी लगाई हुई है। यही वजह रही कि रविवार व सोमवार को चंद लोग ही मणिमहेश यात्रा को पूरा करने में सफल हो सके।

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