बद्दी ! मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर मोरपेन उद्योग के कामगार !

- निकाले गए कामगारों को वापिस लो, 7 से 10 वर्ष तक कार्यरत श्रमिकों को करो पक्का - सीनियर लोगों पर छोटे वर्करों को मानसिक रूप से परेशान करने का भी जड़ा आरोप - कंपनी प्रबंधन को सौंपा मांग पत्र, मांगे न मानने तक हड़ताल रहेगी जारी

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बद्दी ! औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के तहत भुड्ड स्थित मोरपेन लैब के सैंकड़ों कामगारों ने मांगों को लेकर गेट पर प्रदर्शन किया और हड़ताल पर बैठ गए। कामगारों ने कंपनी प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा है। श्रमिकों का कहना है कि जब तक प्रबंधन द्वारा मांगे नहीं मानी जाती कामगार हड़ताल पर रहेंगे और अगर कंपनी ने जल्द कोई निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा।
कंपनी को सौंपे मांगपत्र में कामगारों ने 7 से 10 वर्ष तक कंपनी में काम करने वालों श्रमिकों को नियमित करने की मांग रखी है। वहीं कंपनी द्वारा निकाले गए वर्करों को वापिस काम पर लेने का मांग उठाई है। कामगारों ने साल में 35 छुटियां देने का मुद्दा भी प्रबंधन के समक्ष उठाया है। कामगारों का कहना है कि कंपनी में टीडीएस प्लेसमेंट का कांटेक्ट बंद किया जाए और 14 हजार 50 रूपये महीने का नियम भी बंद किया जाए।
कामगारों मनोज, भारत, धीरज कुमार, नीरज कुमार, पवन, संदीप, अंकित, अजय, साहिल, अंकुर, गौरव, विजय, रजनीश, मोहित, चंदन कुमार, मनोज पटेल, विकास कुमार, पलक, नीना, अजय, राहुल, सोनू, पवन, पंकज, विक्की, रंजन, विक्रम, कमल जीत, मुन्ना, रविंद्र कुमार व राजेश कुमार समेत अन्य कामगारों ने बताया कि वह पिछले कई सालों से उद्योग में काम कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कंपनी प्रबंधन द्वारा 7 से 10 सालों से काम करने वाले कामगारों को नियमित नहीं किया गया। कंपनी द्वारा उन्हें साल भर की छुट्टियां भी कम दी जा रही हैं। कामगारों ने उद्योग प्रबंधन से टीडीएस प्लेसमेंट का कांटेक्ट बंद करने की मांग भी उठाई है। कामगारों ने बताया कि कंपनी के सीनियर लोगों द्वारा निचले वर्करों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं जिसे कामगार बर्दाश्त नहीं करेंगे। कंपनी प्रबंधन यह सुनिश्चित करे कि किसी भी निचले कर्मचारी के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। कामगारों ने बताया कि हड़ताल पर बैठे सभी श्रमिकों ने मोरपेन कंपनी प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा है। अगर जल्द उनकी मांगे नहीं मानी गई तो कामगार श्रम कार्यालय में शिकायत करेंगे और आंदोलन को तेज किया जाएगा।
उधर जब इस बाबत श्रम अधिकारी बद्दी मनीष करोल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक मोरपेन के कर्मचारियों की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर शिकायत आती है तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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