मंडी ! हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी से तकरीबन 86 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत धार जरोल के जंगल में एक शिव शंकर का मंदिर है जिन्हें स्थानीय लोग देव शंकरी के नाम से बुलाते हैं। जहां सीढ़ी लगाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है। एक किवदंती के अनुसार यह शिवलिंग पहले यहाँ नहीं था। दिलीप कुमार के पूर्वज शंकरदेहरा स्थान से एक पत्थर चटनी पीसने के लिए लाए थे और वह उन्होंने यह पत्थर जंगल में ही रखा ओर सोचा कि कल ले जाएंगे।
अगले दिन जब वो उस पत्थर को लेने गए तो वह पत्थर अपने स्थान से हिल भी नही रहा था। उस समय वह पत्थर तकरीबन 1 फुट का था। उन लोगों ने उस पत्थर को हिलाने का बड़ा प्रयास किया लेकिन वह पत्थर वही स्थापित हो गया और धीरे-धीरे वह पत्थर बढ़ने लगा। बाद में दिलीप कुमार के पूर्वज को सपने में भोले नाथ ने अपने दर्शन दे कर कहाँ कि मैं शंकर हु ओर मेरा यहां मंदिर बनाया जाए।
जैसा उन्हें आदेश हुआ था उसके अनुसार उन लोगों ने वहां एक छोटा सा मंदिर बनवा दिया लेकिन यह शिवलिंग मंदिर से भी ऊंचा है और आज तकरीबन 15 फुट तक इसकी लम्बाई पहुंच गई है जो कि बहुत ही आश्चर्य की बात है। तो आइए जानते है कि देवशंकरी के बारे में वहाँ के स्थानीय लोगों का क्या कहना है।