चम्बा ! सीटू जिला कमेटी ने जिला मुख्यालय के बाहर किया धरना प्रदर्शन !

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चम्बा ! आज सीटू जिला कमेटी ने जिला मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष नरेंद्र ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इसी दौरान केंद्र सरकार जनता को लूटने का काम कर रही है। आज पूरा देश कोरोना महामारी आर्थिक मंदी की चपेट में है।इसके कारण बेरोजगारी बढ़ रही है लोगों को खरीदने की शक्ति कम हो रही है ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को जनता की सहायता के लिए आगे आने चाहिए था लेकिन यह सरकार देशी व विदेशी पूंजीपतियों के मुनाफे को बढ़ाने का काम कर रही है। केंद्र सरकार की इन्हीं नीतियों के चलते पूंजीपतियों का लाभ हुआ जनता का नुकसान हो रहा है।

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44 श्रम कानूनों को बदलकर चार सहिंताओ में समाहित करके केंद्र सरकार ने यह साबित कर दिया है कि यह सरकार मजदूरों की कितना विरोधी है। चोरी श्रम कानूनों को बदलकर चार कोड बना दिए गए हैं । यह सभी श्रम कानून मजदूरों ने 100 सालों के संघर्षों के बाद हासिल किए थे यह कानून के शोषण व लूट को रोकने की एक महत्वपूर्ण कड़ी थे। पूंजी पतियों के साथ उनकी सौदेबाजी की ताकत मजबूत करने का एक माध्यम थे। परंतु अब इनको बदलकर चारकोट बनने से मजदूरों की ताकत बहुत कमरे हो गई है और सारी शक्तियां पूंजी पतियों के हाथों में दे दी गई है ताकि यह मजदूरों की मनमानी लूट कर सकें इसलिए यह श्रम कोर्ट मजदूर विरोधी हैं ।और देश की ट्रेड यूनियन इनका विरोध कर रही है। श्रम कानूनों को चार कोड में बदलकर मजदूरों को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने का काम किया है। देश में ईएएसई ऑफ डूइंग बिज़नेस के नाम पर मजदूरों को पूंजीपतियों के हाथों लूटने के लिए छोड़ दिया गया है ।

मोदी सरकार ने देश के किसानों की जमीन कृषि बाजार व मंडियों को पूंजी पतियों के हवाले करने के लिए देश में तीन कृषि कानूनों को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से संसद में बिना चर्चा के पास किया।

इन कानूनों का मकसद देश के किसानों से जमीन छीनकर किसानी खेती को समाप्त करके नैगमिक खेती को लागू करना है।नियंत्रित कृषि फल एवं सब्जी मंडियों को बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों के हवाले करना है। इसके खिलाफ पिछले 8 महीने से देश का किसान लगातार संघर्ष कर रहा है । इन तीनों कानूनों को निरस्त करने व सभी फसलों फलों एवं सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी वैधता की मांग लगातार उठ रही है।स्कीम वर्कर जैसे की आंगनवाड़ी,आशा,मिड डे मील, मनरेगा को अभी भी न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है।

आम जनता की आर्थिक स्थिति निरंतर कमजोर हो रही है सरकार की तरफ से सहायता की जरूरत थी परंतु यह सरकार जनता की जेब से और पैसा निकाल रही है यह काम में पेट्रोल डीजल तथा गैस के ऊपर एक्साइज कर बढ़ाकर देश की जनता को लूट रही है। जिसके कारण देश में महंगाई बढ़ रही है। पैट्रोल डीजल वाह रसोई गैस पर कर बढ़ाकर केंद्र सरकार ने 300000 करोड रुपए इकट्ठे किए हैं महंगाई आसमान छू रही है भाजपा सरकार इसको रोकने में बुरी तरह असफल रही है खाने पीने की व्यवस्था आवश्यक वस्तुएं आम आदमी की पहुंच से दूर हो रही है देश में साढ़े उन्नीस करोड़ लोग हर रोज भूखे सोते हैं।

बढ़ती महंगाई के कारण जनता की जेब से पैसा निकाला जा रहा है। रसोई गैस की कीमत आज ₹900 से ऊपर हो गई है पेट्रोल ₹100 और डीजल 90 से ऊपर बिक रहा है। खाद्य तेल व दालों की कीमतें आसमान छू रही हैं। डिपो में भी राशन महंगा हो रहा है वह दिन प्रतिदिन इसकी मात्रा कम हो रही है इस पर सरकार अनुदान न के बराबर रह गया है। सीटू जिला कमेटी सरकार को चेताना चाहती है कि सरकार जल्द से जल्द अगर लेबर कोड, कृषि कानून को निरस्त नहीं करती है तो आने वाले समय में पूरे देश में आंदोलन होगा। जिसकी जिम्मेदारी देश की सरकार की होगी।

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