चम्बा ! चम्बा के ऐतिहासिक मिंजर मेले का हुआ भगवाकरण , भाजपा तक सीमित रह गया मेला : करतार सिंह ठाकुर !

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चम्बा ! आपसी भाईचारे व हिंदू मुसलिम एकता का प्रतीक चम्बा का ऐतिहासिक मिंजर मेला अब भाजपा का मेला हो गया है। इस मेले मे अब भाजपा नेताओं व उनके चहेतों के अलावा और कोई शिरकत करने की सोच भी नहीं सकता । एक अनौपचारिक ब्यान जारी करते हुए ब्लाक कांग्रेस कमेटी चम्बा के अध्यक्ष करतार सिंह ने कहा कि, चम्बा मे रविवार को ऐतिहासिक मिंजर मेले के शुभारंभ के दौरान जिला के प्रशासनिक अधिकारियों सत्तारुढ़ भाजपा के पदाधिकारियों व नगर परिषद् के भाजपा समर्थित पार्षदों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति मौजूद नहीं था।

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प्रशासन ने चम्बा के प्रबुद्ध नागरिकों , बुद्धिजीवियों , पद्म श्री अलंकरण से सम्मानित चम्बा के कलाकारों व पूर्व पार्षदों व कांग्रेस पार्टी के किसी नेता को न्योता तक नहीं भेजा। उन्होने कहा कि यह तो सभी को विदित है की कोविड प्रोटोकाल के चलते प्रशासन ने मिंजर मेले को सूक्षम रूप से मनाने का निर्णय लिया था। लेकिन इसके बावज़ूद भी मेले के शुभारंभ के दौरान शोभायात्रा मे 200 से अधिक लोग शामिल थे। जिनमें प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नगर परिषद् के भाजपा समर्थित पार्षदों के अलावा पूर्व भाजपा समर्थित पार्षद मौजूद थे ।

उन्होने कहा कि एक तरफ तो ऐतिहासिक मिंजर मेले को भाईचारे व आपसी सौहार्द का प्रतीक माना जाता है लेकिन शोभायात्रा मे भाजपाइयों के अलावा कोई अन्य देखने तक को नहीं मिला। उन्होने कहा कि मिंजर मेला रियासती काल से मनाया जा रहा है। जिसका प्रबंधन अब सीधे जिला प्रशासन के नियंत्रण मे है। उन्होने कहा कि जिला उपायुक्त मिंजर मेला के अध्यक्ष भी हैं। इसलिए मेले के सफल आयोजन के संबंध मे मिंजर मेला कमेटी मे की गई चर्चा पर कोई भी निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं। लेकिन उन्होने भी इस मेले के शुभारंभ के अवसर पर भाजपाइयों के अलावा किसी भी अन्य को न्योता नहीं भेजा।

उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन के अनुसार अब आऊटडोर आयोजन मे सोशल डिस्टेंसिगं का पालन करते हुए अधिक लोगों के शिरकत करने की अधिसूचना जारी हो चुकी है। लेकिन सत्तारुढ़ भाजपा पदाधिकारियों ने मिंजर मेले को अब भाजपा मेला बनाकर भगवाकरण करने मे कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। उन्होने कहा मेले किसी वर्ग विशेष या व्यक्ति विशेष के न होकर सार्वभौमिक व सार्वजनिक होते हैं। मेलों पर सभी का एक समान अधिकार होता है, मेले हमारी प्राचीन जीवंत सांस्कृतिक धरोहरें हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश के प्राचीन एंव प्रसिद्ध मिंजर मेला के शुभारंभ के दौरान अन्य लोगों की अनदेखी ने प्रबंधन की पोल खोल के रख दी है।

उन्होने कहा की देश की सरहद पार भी इस मेले को बडे़ अदब व बडे़ श्रध्दाभाव से मनाते हैं। लेकिन चम्बा मे मिंजर मेले के मूल स्थान पर ही मेला प्रबंधन कमेटी ने लोगों के दिलों मे सरहदें बना दी हैं। इससे चम्बा के आम लोगों की भावनाओं को काफी ठेस पंहुचीं है , जिसकी भरपाई करना संभव ही नहीं । उन्होने कहा कि अगर भाजपा के नेता इसी तरह ही भेदभावपूर्ण राजनीति करके सार्वजनिक सांस्कृतिक समारोहों मे अपनी संकुचित सोच मढ़ते रहेगें तो वो दिन भी दूर नहीं जब आम लोग भी भाजपा से हमेशा के लिए मुह मोड़ लेगें।

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