चम्बा ! शहर तो शहर अब ग्रामीण इलाकों में भी आवारा मवेशियों की भरमार अब सड़कों पर देखी जा सकती है। आवारा मवेशियों से परेशान हो चुके ग्रामीण लोगों का कहना है कि यहाँ छोड़े गए यह आवारा मवेशी दिन रात लोगों के खेतों में घुस जाए है और सारी बीजी गई फसल को चट कर जाते है। लोगों का कहना है कि यह ऐसे मवेशी है जिनके कानों में टैग तक लगे हुए है, बावजूद इसके यह जानवर गांव की और जा रही मुख्य सड़क पर छोड़ दिए गए है और यह बेजुबान जानवर तेज गर्मी और बारिश में अभी भी रोजाना सड़कों में घूमते हुए नजर आते है। लोगों का कहना है कि यह जानवर जिस किसी के भी है इनके कानों में लगे टैग से पता चल सकता है तथा पता चलने के बाद उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि दूसरे लोग ऐसा करने से पहले दस बार सोचे।
यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि चम्बा मुख्यालय के साथ बालू से कियाणी तक आवारा पशुओं का पूरी तरह से आतंक मचा हुआ है। उन्होंने बताया कि इन आवारा पशुओं की वजह से कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। लोगों ने बताया कि यह आवारा पशु रात के समय लोगों के खेतों को भी बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह आवारा पशु वजह से अब कई लोगों ने अपने खेतों में फसल बिजना ही छोड़ दिया है। क्योंकि हर समय दिन-रात इन आवारा पशुओं का उन्हें पहरा देना पड़ता है। लोगों ने कहा कि इसकी शिकायत हमने कई बार उपायुक्त से भी की है उन्होंने आश्वासन भी दिया लेकिन अभी तक इनकी समस्या पर कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई । उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि जल्द से इन आवारा पशुओं से उन्हें निजात दिलाई जाए ताकि वह चैन से रह सकें।
जिले में घूम रहे आवारा पशुओं के बारे उपायुक्त चम्बा ने जानकारी देते हुए ने बताया कि हमारा जो पशुओं का मसला है उसके लिए हमारा प्रयास रहेगा की इस गौसदन के दायरे को बढ़ाया जाये ताकि और भी गांयो को इस सदन में रखा जा सके । और ऐसी के साथ हम यह भी चाहते है कि इस पुण्य काम के लिए और लोगों को भी जोड़े तभी हम इन गोसदन को चला सकते है। अन्यथा इसको चलना मुश्किल होगा ।